निर्मल प्रेम और श्रेष्ठ संबंध का पर्व रक्षा बंधन त्योहार – ब्र.कु. प्रेमलता दिदी
रनाला , महाराष्ट्र: ब्रह्माकुमारीज़ सेंटर पररक्षाबंधन कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें 500 से भी अधिक भाई-बहनों राखी बांधी।कार्यक्रम में आए भाई-बहनों को, सेंटर प्रभारी बी.के. प्रेमलता ने रक्षाबंधन पर्व का आध्यात्मिक रहस्य बताते हुए कहा कि आज के समय में हम सभी असुरक्षित महसूस करते हैं, इसलिए हम सभी को रक्षा की ज़रूरत है। परमात्मा ही हम सबके सच्चे रक्षक हैं। रक्षाबंधन भाई बहन के निर्मल प्रेम और निर्मल संबंध की मधुर स्मृति दिलाने वाला पावन पर्व है। यह त्यौहार आत्मा की विषय विकारों एवं दुर्व्यसनों से रक्षा करने का सुचक है। राखी, या रक्षाबंधन, जो भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को सम्मानित करता है। इस त्योहार का महत्व कई स्तरों पर देखा जा सकता है:
1. *भाई-बहन का संबंध*: रक्षाबंधन भाई-बहन के अटूट बंधन और स्नेह का प्रतीक है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं, जो उनके प्रति अपने स्नेह, प्रेम, और विश्वास को दर्शाती है। बदले में भाई अपनी बहनों की सुरक्षा का वचन देते हैं।
2. *सांस्कृतिक महत्व*: रक्षाबंधन का उल्लेख कई प्राचीन कहानियों और धार्मिक ग्रंथों में मिलता है। महाभारत में द्रौपदी और भगवान कृष्ण की कहानी, जिसमें द्रौपदी ने कृष्ण की कलाई पर एक धागा बांधा था और कृष्ण ने उनकी रक्षा की, इसका एक प्रसिद्ध उदाहरण है।
3. *धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व*: राखी का धागा केवल एक धागा नहीं है, बल्कि इसमें बहन की प्रार्थनाएं, शुभकामनाएं और रक्षा के लिए दुआएं शामिल होती हैं। यह धागा भाई की सुरक्षा, समृद्धि, और लंबी उम्र की कामना का प्रतीक होता है।
4. *सामाजिक दृष्टिकोण*: रक्षाबंधन भाई-बहन के रिश्ते के साथ-साथ समाज में आपसी प्रेम और सद्भाव का भी प्रतीक है। इस अवसर पर केवल खून के रिश्तों में ही नहीं, बल्कि अन्य करीबी रिश्तों में भी राखी बांधी जाती है, जिससे समाज में एकता और भाईचारे की भावना मजबूत होती है।
5. *समाज में महिला सशक्तिकरण*: राखी, बहन को अपने भाई पर विश्वास और आश्रय की भावना देती है। यह महिला सशक्तिकरण का भी प्रतीक है, जहां एक बहन अपने अधिकार और सम्मान की मांग करती है और भाई उसकी सुरक्षा और सम्मान की जिम्मेदारी लेता है।
रक्षाबंधन के इस पावन पर्व पर समाज में एकता, भाईचारे, और प्रेम की भावना को और मजबूत किया जाता है।
उक्त विचार प्रकट किये गये| साथ ही सबको रक्षाबंधन पर्व की शुभकामनाए देते हुये कु. गुंजन, कु महक ने डान्स की प्रस्तुती भी दी तथा राखी बांधी गई| उसके बाद सभी को प्रसाद और वरदान कार्ड दिये गये|
इस समय पूर्व विधायक देवरावजी रडके, सरपंच पंकज साबळे, ग्रा पं सदस्य प्रदीप सपाटे, नारायणजी अग्रवाल, सुदामजी राखडे, राधेश्यामजी हटवार, शेषराव अढाऊ, निलेश रावेकर, महेन्द्र भाई, दिपक अग्रवाल, सुवर्णा साबळे, विमलताई साबळे, सविता कुल्लरकर , आदि मान्यवर उपस्थित थे| कार्यक्रम में बी के प्रेमलता दिदी, सुनंदा दीदी, विजया दिदी, संगिता दिदी, कविता दीदी, प्रेरणा दिदी, रेखा दिदी, वंदना दिदी, शीलू दिदी, आदि बहनो ने राखी बांधकर लोगो को बुराईयो से दूर रहने का अनुरोध किया |