अंबिकापुर:रक्षाबंधन का पावन पर्व प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय  नव विश्व भवन चोपड़ापारा में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया

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कार्यक्रम में शहर एवं गांव के लगभग 1000 से भी अधिक भाई और बहनों को ब्रह्माकुमारी बहनों द्वारा रक्षा सूत्र बांधा गया।। तथा भाई और बहनों ने अपने अवगुणों को त्यागने एवं गुणों को धारण करने का दृढ़ संकल्प लिया। ब्रह्मकुमारी बहनों ने अंबिकापुर सेंट्रल जेल के 500 से अधिक कैदी भाइयों को भी रक्षा सूत्र बांधा एवं परमात्मा संदेश दिया तथा अवगुणों को त्यागने की प्रतिज्ञा कराई। शहर के पुलिस लाइन में भी पुलिस जवान भाइयों को भी रक्षा सूत्र बांधकर अवगुण त्यागने तथा गुणों को धारण करने की प्रतिज्ञा कराई।शहर के विभिन्न विभागों के अधिकारी कर्मचारियों को भी रक्षा सूत्र बांधी।

अंबिकापुर,छत्तीसगढ़:

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के उप सेवा केंद्र प्रभु प्रेरणा भवन  अजिरमा में राखी के पावन पर्व के शुभ अवसर शहर वासियों के लिए स्नेह मिलन का कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें अतिथि गणों का पुष्पगुच्छ और बैच लगाकर  स्वागत किया और और दीप प्रज्वलित करके कार्यक्रम की शुरूआत किया गया। जिसमें अंबिकापुर सरगुजा संभाग की संचालिका ब्रह्माकुमारी विद्या दीदी जी ने  रक्षाबंधन के पावन पर्व की सबको बधाई दी और साथ ही  आध्यात्मिक रहस्य बताते हुए कहा कि आज पूरा भारत देश रक्षाबंधन का पर्व मना रहा हैं।भारत त्योहारों का देश है। उन्होंने कहा कि देश में समस्याएं दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है वास्तव में रक्षाबंधन दो शब्दों से मिलकर बना है। रक्षा और बंधन । बंधन शब्द किसी को अच्छा नहीं लगता है। बंधन दो प्रकार का होता है ,लौकिक या मायावी और ईश्वरीय बंधन। मायावी बंधन से सभी छूटना चाहते हैं लेकिन ईश्वरी बंधन में बंध कर मनुष्य सुख का अनुभव करता है। रक्षाबंधन ईश्वरीय बंधन है इसे विष तोड़क पर्व भी कहा गया है। विष अर्थात काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार से इंसान भरा हुआ है। जब हम परमात्म बंधन में बंध जाते है तो परमात्मा हमारी रक्षा करते है। और आगे बताया की सबसे पवित्र रिश्ता भाई बहन का रिश्ता होता है कई बहनें भाइयों को रक्षा सूत्र बांधती हैकि भाई हमारी रक्षा करेगा।परंतु यह केवल रस्म मात्र ही रह गया है। उन्होंने  कहा की परमात्मा हमारा सबसे बड़ा रक्षक है। जो हमारी पवित्रता की रक्षा, काल से रक्षा, प्राकृतिक आपदाओं से रक्षा, माया के बंधनों से रक्षा करते है। जब हम ईश्वरी बंधन में बंध कर परमात्मा को सच्चे दिल से याद करते हैं तो   काम, क्रोध,लोभ, मोह, अहंकार  सारे विकार समाप्त हो जाते हैं। वास्तव में यही सच्ची रक्षा बंधन हैऔर अंत में सभी को राजयोग  की अनुभूति करवाई । भ्राता शिव कुमार साहू प्रधान आरक्षक ने सभी को रक्षाबंधन की बधाई दी और  कहा की सच में रक्षा बंधन एक भाई बहन का पवित्र बंधन  हैऔर परमात्मा ही हमारा सबसे बड़ा रक्षक है।भ्राता बालेश्वर कुशवाहा जी ने रक्षाबंधन की बधाई दी और कहा की मुझे यहा आने से स्वर्ग  की अनुभूति हो रही है। ग्राम पंचायत भगवानपुर खुर्द के सरपंच भ्राता लाल बहादुर ने भी रक्षाबंधन की बधाई दी

कुमारी परी और चिंकी द्वारा स्वागत नृत्य किया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन ब्रम्हाकुमारी ममता बहन ने किया । उन्होंने बताया कि ब्रह्मा कुमारीज अजीमा उप सेवाकेंद्र में 21 तारीख से राजयोग शिविर का आयोजन किया जा रहा है जिसका समय सुबह 8:30 बजे से 9:30 बजे तक और  शाम  को 5:00 बजे  से 6:00 बजे एवं  संध्या 6: 30 बजे से 7:30 बजे तक  है। ऊपर दिए गए समय में से किसी भी एक समय में भाग लेकर  राजयोग शिविर का जरूर लाभ उठाए । 

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