बुरी आदत

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हम सब लोग किसी न किसी बुरी आदत से परेशान रहते हैं और बहुत ही कोशिश करने के बाद वो आदत नासूर बन जाती है और उस आदत को छोडऩा बहुत मुश्किल हो जाता है। अगर हम लोग अपनी बुरी आदत को कंट्रोल कर लें तो कभी भी असफल नहीं होंगे। बहुत समय पहले की बात है, एक बहुत ही धनी आदमी था, उसका एक ही बेटा था और उसकी बहुत सारी आदतें बहुत ही बुरी थीं। जब भी उसका पिता उसको बुरी आदत छोडऩे को बोलता तो बस वह एक ही जवाब देता – अभी तो मैं छोटा हूँ, बड़े होने पर सब छूट जायेगी। लेकिन उसका पिता इस बात से बहुत ही चिंतित रहता था।
एक दिन उसके नगर से एक महात्मा जी आये तो उसको पता चला और वह महात्मा जी के पास गया। उनको अपने बेटे के बारे में सब कुछ साफ-साफ बता दिया। फिर महात्मा जी ने बोला – आप कल सुबह अपने बेटे को मेरे पास लेकर आइये। अगले दिन सुबह ही वह अपने बेटे को लेकर महात्मा जी के पास पहुंच गया। महात्मा जी उसको लेकर बगीचे में चले गए और रास्ते में एक छोटा-सा पेड़ पड़ा, महात्मा जी ने उस लड़के से उसे उखाडऩे को कहा तो वह तुरंत गया और पेड़ को उखाड़ कर फेंक दिया। थोड़ी दूर और जाने पर एक और पेड़ आया तो महात्मा जी ने उसको भी उखाड़ कर फेंकने को कहा- उसने उसको भी उखाड़ दिया।
लड़के के पिता जी सबकुछ बहुत ही ध्यान से देख रहे थे। कुछ दूर और चलने के बाद एक और बड़ा और मजबूत-सा पेड़ दिखाई दिया, महात्मा जी ने लड़के से कहा- इसको भी उखाड़ दो, वह बहुत ही तेजी से गया लेकिन वह उस पेड़ को नहीं उखाड़ पाया। क्योंकि वह बहुत मजबूत हो गया था। फिर महात्मा जी ने उस लड़के को बुलाया और बोला जिस तरह तुम इस बड़े पेड़ को नहीं उखाड़ पा रहे थे उसी तरह तुम अपनी बुरी आदत बड़े होने पर नहीं बदल सकते हो। लड़का इस बात को समझ गया और अपनी सारी बुरी आदत छोडऩे की कसम खा ली।

सीख: इस कहानी से हमें यही सीख मिलती है कि अगर हम लोग अपनी बुरी आदत जल्दी नहीं छोड़ेंगे तो बाद में हम लोगों को बहुत ज्य़ादा परेशानी होगी।

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