मुंबई-मुलुंड: शिक्षा रत्न सम्मान समारोह का सफल आयोजन

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प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय, मुलुंड सब-झोन द्वारा शिक्षा रत्न सम्मान समारोह का सफल आयोजन 

मुंबई-मुलुंड,महाराष्ट्र: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय, मुलुंड सब-झोन  ने चंदन बाग स्कूल के मैदान में शिक्षा रत्न सम्मान पुरस्कार एवं सम्मान पत्र वितरण समारोह का आयोजन किया। इस गरिमामय कार्यक्रम में 25 से अधिक प्रधानाचार्य और 125 से अधिक शिक्षक एवं शिक्षिकाओं ने भाग लिया। 

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आ. भ्राता श्री संजय दीना पाटिल (सांसद) ( Member of Parliament ), आ. बहन डॉ. अनाया मिलिंद थाटे (सहायक प्रोफेसर, मुंबई विश्वविद्यालय), जन-गण-मन स्कूल के प्रधानाचार्य और जानवी मल्टी फाउंडेशन के चेयरमैन आ. भ्राता डॉ. राजकुमार कोल्हे, और समाजसेवी आ. भ्राता लालजी जी उपस्थित रहे। 

इस समारोह का नेतृत्व प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की वरिष्ठ आ. राजयोगिनी डॉ. बी.के. गोदावरी दीदी जी संचालिका, मुलुंड सब-झोन द्वारा किया गया। गोदावरी दीदी ने अपने अध्यक्ष आशीर्वचन , प्रेरणादायक संबोधन में सभी शिक्षकों को यह स्मरण कराया कि वे बच्चों के जीवन की नींव हैं। उन्होंने कहा, “आपके पास यह अद्वितीय अवसर है कि आप बच्चों को सही दिशा में मार्गदर्शन दें, उन्हें मूल्य-आधारित शिक्षा प्रदान करें, और इस प्रकार देश के उज्ज्वल भविष्य की नींव रखें। जब शिक्षक स्वयं में मूल्यों का सृजन करते हैं, तभी वे छात्रों के जीवन में उन मूल्यों का संचार कर सकते हैं। यही मार्ग हमारे राष्ट्र को उज्जवल भविष्य की ओर ले जाएगा।”

राजयोगिनी डॉ. बी के लाजवंती बहन जी ने अपने स्वागत भाषण में सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का सम्मान किया और उनका हृदय से अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि आज के तेजी से बदलते समय में आध्यात्मिक विकास और आत्म-परिवर्तन की आवश्यकता है। उन्होंने अंतरंग शांति, लचीलापन और करुणा को विकसित करने के तरीकों पर अपने दृष्टिकोण साझा किए और सभी को अपने व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में उत्कृष्टता की ओर प्रेरित किया। 

आ. डॉ .बी.के .सरला बहन,संचालिका, लाइट हाउस, चेकनाका सेवाकेंद्र ने भी शिक्षक की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा, “गुरु वह है जो गौरव प्रदान करता है, टीचर माँ का दूसरा रूप होती है। टीचर संस्कारों का सिंचन करती है और जीवन जीना सिखाती है।” 

आ. बहन डॉ. अनाया थाटे (सहायक प्रोफेसर, मुंबई विश्वविद्यालय , संगीत विभाग , ने ब्रह्माकुमारी संस्थान से जुड़े अपने अनुभव साझा किए और बताया कि कैसे संगीत ने उन्हें भगवान के करीब लाया और उनके काम को और अधिक निष्ठापूर्वक करने के लिए प्रेरित किया। 

आ. भ्राता डॉ. राजकुमार कोल्हे ने टीचर्स की प्रशंसा करते हुए कहा, “टीचर्स को हमेशा याद किया जाता है। कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में छात्रों को महापुरुषों के नाम से प्रोत्साहित किया जाता है, जिससे वे उनके गुणों को अपने जीवन में उतार सकें।” 

आ. भ्राता श्री संजय दीना पाटिल ने शिक्षकों के सम्मान को सराहा और ब्रह्माकुमारी संस्थान के कार्यों में हर संभव सहयोग देने का आश्वासन दिया। 

बी के हर्षा बहन जी ने शिक्षा रत्न सम्मान समारोह के मंच का संचालन किया और एक प्रेरणादायक संदेश दिया। उन्होंने ध्यान और एकाग्रता के महत्व पर जोर दिया और शिक्षकों को ध्यान का अभ्यास करने और अपने असली स्वरूप से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि इससे शिक्षक अपने छात्रों को बेहतर ढंग से समझ और मार्गदर्शन कर पाएंगे और अपने जीवन में शांति और स्थिरता ला पाएंगे। 

यह कार्यक्रम आ. राजयोगिनी डॉ. बी.के. लाजवंती बहन, आ. डॉ. बी.के. सरला बहन,  और अन्य प्रमुख वक्ताओं के प्रेरणादायक विचारों के साथ सफलतापूर्वक संपन्न हुआ, जिसमें 200 से अधिक लोगों की उपस्थिति ने कार्यक्रम को महत्वपूर्ण बनाया। कई शिक्षकों ने ब्रह्माकुमारी सेवाकेंद्र आकर राजयोग सीखने की इच्छा व्यक्त की, जो इस समारोह की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि रही।

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