दिगंबर जैन समाज द्वारा आयोजित अखिल भारतीय सर्व धर्म सम्मेलन
इंदौर, ज्ञान शिखर,मध्य प्रदेश। दयोदया चेरिटेबल ट्रस्ट, रेवती रेंज विद्या विनम्र चातुर्मास समिति तथा दिगम्बर जैन सोशल ग्रुप के संयुक्त तत्वावधान में इंदौर के दलाल बाग में जैन मुनि विनम्र सागर जी के पावन सानिध्य में अखिल भारतीय सर्व धर्म सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन का विषय था – अहिंसा , शाकाहार तथा क्षमा – विश्व शांति का आधार। सम्मेलन में ब्रह्माकुमारी संस्थान से आदरणीय हेमलता दीदी को आमंत्रित किया गया था। साथ ही उज्जैन से वाल्मीकि धाम पीठाधीश्वर एवं राज्यसभा सांसद उमेश नाथ जी महाराज, पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं मानस मर्मज्ञ मुकेश जी नायक, नागपुर से बौद्ध धर्म संत भंते धम्मदीप महाथेरो, इस्कॉन मंदिर मुंबई से महामन महाराज तथा पूर्व मंत्री व राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व सदस्य दिलीप राजपाल विशेष आमंत्रित थे।
सभी आमंत्रित सदस्यों ने जोर देकर कहा कि हिंसा के बल पर विश्व में कभी भी शांति की स्थापना नहीं की जा सकती। इसके लिए चाहिए प्रेम, एकता,सद्भावना। आदरणीय हेमलता दीदी ने अपने उद्बोधन में कहा कि मनुष्य के मन में आज एक दूसरे के प्रति नफरत , घृणा , हिंसा , द्वेष , बदले की भावना , क्रोध, प्रतिशोध, भय आदि जो भरा हुआ है वो अंदर से जब तक ख़त्म नहीं होता, अंदर से उसकी सफाई नहीं होती तब तक शांति अपना स्थान ले नहीं सकती। हम सभी एक विश्व पिता की संतान होने के नाते आपस में भाई भाई हैं. हमें अपने अंदर आपसी भाईचारा, सहनशीलता, नम्रता और क्षमा भाव के गुण को धारण करना होगा। आज मनुष्य ने मरे हुए जानवरों को खाकर अपने पेट को कब्रिस्तान बना दिया है। शुद्ध अन्न खाने से मन और बुद्धि भी शुद्ध होता है और हमारा मन शुद्ध होगा तो ऐसे शुद्ध मन में भगवान की याद सहज आएगी, भक्ति के भाव सहज जागृत होंगे।
मुंबई इस्कॉन से पधारे स्वामी महामन जी ने कहा हमारे देश की संस्कृति में हो ही नहीं , हमारे धर्म शास्त्र अहिंसा परमो धर्मः की शिक्षा देते हैं, उसमें भी शाकाहार को ही बढ़ावा दिया गया है क्योंकि किसी भी धर्म की रचना की नींव अहिंसा ही है और ऐसे में जो मानव मांसाहार लेते हैं उनका शरीर मृत पशुओं की कब्र समान है तथा इस कुकृत्य में ादडी दे अंत तक भागीदारी देने वाला प्रत्येक मनुष्य पाप का भागी है।
दिगंबर जैन मुनि विनम्र सागर जी महाराज ने कहा कि सोशल मीडिया में परोसी जाने वाली अश्लीलता का सभी को विरोध करना चाहिए। नागपुर से बौद्ध धर्म संत भंते धम्मदीप महाथेरो ने महात्मा बुद्ध द्वारा दिए गए 5 उपदेशों के बारे में बताते हुए कहा कि हमें प्राणी हिंसा, चोरी, गलत काम, झूठ तथा मादक पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए यदि हम अपनी काया, वाचा और मन को साधे तो हम विश्व शांति में अपना सहयोग दे सकते हैं।
वाल्मीकि धाम पीठाधीश्वर संत उमेश नाथ महाराज ने कहा कि हम सभी मुनियों संतों साधुओं को अपनी कुटियाओं, गुफाओं, आश्रमों, मठों आदि से बाहर निकल कर विश्व को धर्म कर्म की शिक्षा देना होगा क्योंकि जो संतों के सानिध्य में रहता हैं उनका जीवन ही सार्थक होता है। मानस मर्मज्ञ मुकेश नायक जी ने भाव शुद्धि, क्रिया शुद्धि तथा आहार शुद्धि की बात कही।
आयोजन समिति द्वारा आये हुए गुरुजनों को शाल तथा सम्मान पत्र भेंट कर सम्मानित किया गया। सबसे पहले दिवंगत आचार्य विद्यासागर महाराज के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित किया गया.. नन्हें बच्चों द्वारा मंगलाचरण की सुन्दर प्रस्तुति दी गई।
दिगंबर जैन समाज द्वारा आयोजित अखिल भारतीय सर्व धर्म सम्मेलन में पहुंचे ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी साथ में वाल्मीकि धाम पीठाधीश्वर संत उमेशनाथ महाराज, बौद्ध धर्म संत भंते धम्मदीप महाथेरो, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व सदस्य दिलीप राजपाल , मानस मर्मज्ञ मुकेश नायक तथा आयोजन समिति के सदस्य गण।