आप लोग व्यवहार में रहते, बहुत बड़ा संसार है। संसार में रहते असंसारी रहना – यह मेहनत आपको है। कुमार-कुमारियों को इसकी फिक्र नहीं। आपको बहुत फिक्र है। कोई गाली देगा, कोई कुछ कहेगा, फिर आता है वैराग्य। यह सब क्या है? इससे तो छोडक़र चले जायें। बाबा कहते मैं जानता हूँ आपके आगे अनेक परेशानियां हैं। थोड़े समय के लिए इन सबको निभाना है। बाबा ने तुम्हें जो भी शक्तियां दी हैं, उनको साथ रखो तो परेशानियां समाप्त हो जायेंगी। परेशान न हो, स्वमान में रहो। अष्ट शक्तियां साथ रखो तो रॉन्ग-राइट को परख सकेंगे। रावण का काम है शान्ति को अशान्ति में बदलना, हैरान करना। उसे कहो ऐ रावण! तू अपने रावणपने को छोड़ दे, तो कभी छोड़ेगा नहीं। वह तो हैरान करेगा ही। परन्तु हमें अष्ट शक्तियों को पूरा-पूरा साथ रखना है।
कई माताओं में सहन करने की बहुत शक्ति होती। बच्चों की सब बातें समा लेती। समा लेगी, सहन कर लेगी तो महिमा उनकी होगी। टक्कर खाने से खुद की स्थिति खराब होती। कर्म के बन्धन को योग से तोडऩा है न कि मुख की आवाज़ से। ज्ञान मार्ग में लोक-लाज को भी तोडऩा पड़ता है, ऐसे नहीं कि समाज क्या कहेगा? अगर लोक-लाज में फसेंगे, सिर पर चिन्ताओं की गठरी रखेंगे तो योग नहीं लग सकता। वही बातें योग में भी ठक-ठक करती रहेंगी। चिन्ता बनी रहेगी। चिन्ता ही चिता है। इसलिए प्रेम से, बाबा की याद में रहकर बाबा की प्रवृत्ति को चलाओ। जहाँ झगड़ा हो वहाँ शान्ति से नमस्कार…।
कभी भी कोई न कहे कि यह तो सन्यासी हैं इसलिए तोड़ो नहीं, निभाओ। परन्तु जहाँ झगड़ा है वहाँ शान्ति से किनारा कर लो। कई प्रॉपर्टी के पीछे झगड़ते परन्तु ऐसा नहीं प्रॉपर्टी छोड़ दो, व्यवहार को छोड़ दो… नहीं। हाँ श्वास का कोई ठिकाना नहीं इसलिए जो भी है, जिसकी प्रॉपर्टी है, उसको बकायदे लिखा-पढ़ी कर अपने सामने सबकुछ क्लीयर कर दो। ऐसा न हो शरीर छूटे तो संकल्प चलें पता नहीं क्या होगा। हरेक बात में पहले शिवबाबा का हिस्सा फिर सबका हिस्सा निकालो। धन, ज़मीन, जेवर सबका हिसाब-किताब कर लाइन क्लीयर रखो ताकि बुद्धि निरसंकल्प रहे। यह न हो कि हमने भविष्य के लिए तो बाबा के पास जमा ही नहीं किया। यह भी न हो कि बच्चों को कुछ नहीं दिया।
आपका फर्ज है बच्चों को पढ़ा-लिखा का बड़ा करना। फिर उन्हें दोनों रास्ते दिखाओ। जहाँ तक हो सके शुभ भावना रखो। ज्ञान में चलाने की कोशिश करो। फिर जैसी उनकी इच्छा इसमें आपका कोई पाप नहीं। जिसकी इच्छा है वह अपने पाप-पुण्य का भागी है। यह बताया आपका काम है, जीवन का फैसला करना उनका काम है।