प्रश्न : मैं जेलर हूँ और सारे बड़े-बड़े खतरनाक अपराधी हमारे जेल में हैं। उनमें सुधरने के कोई लक्षण नहीं दिखते। और उनका जो निगेटिव औरा है, वायब्रेशन है वो बहुत पॉवरफुल है। अब धीरे-धीरे मैं भी निगेटिव होता जा रहा हूँ। चिड़चिड़ापन और गुस्सा बढ़ता जा रहा है। ऐसे में क्या करना चाहिए?
उत्तर : आप एक जि़म्मेदार अधिकारी हैं। कई चीज़ों का आपको ध्यान रखना पड़ता है। और जब लोग ऐसा नहीं करते तो आपको इरिटेशन होती है। और जो नहीं करते अब ये सोचना है कि वो हैं कौन? हो सकता है कि वो आतंकवादी हों, कई बड़े-बड़े क्रिमिनल हों। कोई और खतरनाक विचारों वाले हों जो इंतज़ार कर रहे हों कि कब यहाँ से निकलें और फिर ये काम करें। बहुत कम लोग वहाँ होते हैं जो ये सोचते हैं कि अरे भई हम तो यहाँ गलती से आ गये। अब हमें जीवन में ऐसा काम नहीं करना है। हमने तो भावुक होकर ये गलती कर दी। अब हम कान पकड़ते हैं, भगवान से क्षमा मांगते हैं कि अब हम ऐसा काम नहीं करेंगे। लेकिन अधिकतर वहाँ जाने वाले ऐसे ही होते हैं जो इंतज़ार करते हैं, वहाँ भी इनका एक ग्रुप बन जाता है। सब साथ रहते हैं। साथ काम करते हैं। पहले एक थे अब दो मिलकर काम करेंगे, अब चार मिलकर काम करेंगे। हम लोग भी जाते हैं उनकी सेवाओं के लिए जेल में। हम लोगों के बहुत अच्छे प्रोग्राम चलते हैं। यद्यपि हम जाते हैं तो हम देखते हैं वातावरण को रीड करने की कोशिश करता हूँ कि लोग हमें ध्यान से देख रहे हैं कि ये आये हैं। क्योंकि हमारे भाई-बहनें वहाँ जाते रहते हैं। तो कोई किस नज़र से देख रहा है, कोई किस नज़र से देख रहा है। हम पर उनके वायब्रेशन्स इफेक्ट न करें। हमारे वायब्रेशन्स उनको जायें। ये बहुत आवश्यक है। राजयोग हमें इसकी विधि उपलब्ध कराता है। क्योंकि मान लो आपके पास दो सौ, चार सौ ऐसे क्रिमिनल्स हैं अब सबका निगेटिव औरा, बहुत बड़ा हो गया, बहुत पॉवरफुल हो गया और आप अकेले जो उनके लिए कुछ अच्छा सोच रहे। तो आपका उनपर इफेक्ट नहीं होता। तो इसमें एक बहुत अच्छी विधि अपनानी है। आपको राजयोग सीख ही लेना चाहिए यदि आपने नहीं सीखा है तो। रोज़ सवेरे एक घंटा बहुत पॉवरफुल मेडिटेशन करके चारों ओर पॉवरफुल वायब्रेशन्स फैलायें। बल्कि अपने जेल में फैलायें। इसकी कई विधि राजयोग में है। चाहे आप अपने घर में बैठकर करें। आप जेल में पॉवरफुल वायब्रेशन्स फैला सकते हैं। और जब आप वहाँ रेस्ट करें, अपने ऑफिस में जाकर बैठें तो आप बिल्कुल नियम बना लें कि दस मिनट रोज़ पॉवरफुल वायब्रेशन्स सारी जेल में फैलाने हैं। और सभी के लिए ये दृष्टि रख लें कि ये सब भगवान के बच्चे हैं। ये बहुत अच्छी आत्माएं हैं। भले किसी विकार के वश, क्रोध के वश, हिंसात्मक वृत्ति के वश, या धन के, लोभ के वश, इन्होंने कोई बुरा काम कर दिया। लेकिन ये हैं तो भगवान के ही बच्चे। ये संकल्प करें और इससे आपके वायब्रेशन्स बहुत अच्छे होंगे। ये भी संकल्प करें कि इनमें से कई आत्माएं देव कुल की महान आत्मायें रही होंगी। अब वो किसी भी कारण से यहाँ आ गई हैं। वायब्रेशन्स बहुत अट्रेक्टिव हो जायेंगे। फिर योग अभ्यास करें, अपने को सर्वशक्तिवान से जोड़ें, उसके वायब्रेशन्स रिसीव करें और पूरी जेल में फैलायें। दूसरी चीज़ आपको रोज़ सवेरे अपने चारों ओर एक पॉवरफुल औरा क्रियेट करना होगा। प्रभामंडल हमारे संकल्पों के आधार से हमारे चारों ओर निर्माण होता ही है। कई वैज्ञानिक कहते हैं कि किसी का अठारह इंच है, किसी का नौ इंच है, कई कहते हैं किसी का ज्य़ादा है तो एक व्यक्ति का औरा सारे संसार में भी फैल सकता है। अब आप जोकि जेल में ही सारा समय रहते हैं तो आपको अपने को प्रोटेक्ट करने के लिए रोज़ सवेरे पॉवरफुल औरा अपने चारों ओर क्रियेट करना है। और वो इस संकल्प से करना है कि मैं मास्टर सर्वशक्तिवान हूँ, मेरे अंग-अंग से शक्तियों की लाल किरणें फैल रही हैं… अब यहाँ तक औरा बन गया है। मैं मास्टर सर्वशक्तिवान हूँ… लाल किरणें फैल रही हैं… फिर थोड़ा और फैल गया। ऐसे सात बार, और ये औरा बढ़ता जायेगा। गुड फीलिंग्स के साथ। मैं भगवान की संतान हूँ। वो ऑलमाइटी है, मैं भी मास्टर ऑलमाइटी हूँ। मुझसे शक्तियों की लाल किरणें फैल रही हैं। और जब आप चक्र लगायें जेल में तब भी आप दो-चार बार ये अभ्यास अवश्य करें कि मैं मास्टर सर्वशक्तिवान हूँ। इससे क्या फायदा होगा कि आपके वायब्रेशन्स उनको जायेंगे, उनके वायब्रेशन्स आपको नहीं आयेंगे। ये बहुत सुन्दर फिलॉसफी है। और लास्ट बात, जब आप शाम को घर लौटें, जेल से बाहर आयें तो कोई थोड़ी निगेटिविटी आ भी गई तो आप उसे वहीं क्लीन करें, कि आज का ये ड्रामा पूर्ण हुआ। अब मैं अपने घर जा रहा हूँ। बाबा मेरे साथ है। मैं एक महान आत्मा हूँ। मुझे तो संसार को बहुत कुछ देना है। घर तक पहुंचते-पहुंचते सुन्दर विचारों से अपने को चार्ज कर दें। ऐसी दिनचर्या बनायेंगे तो जेल आपके लिए एक तीर्थ स्थान बन जायेगा।