मुख पृष्ठलेखज्ञान का फाउंडेशन है–निश्चय -बी.के.रामसिंह,रेवाड़ी (हरियाणा)

ज्ञान का फाउंडेशन है–निश्चय -बी.के.रामसिंह,रेवाड़ी (हरियाणा)

ज्ञान धन से भी उत्तम है क्योंकि धन की तो हमें स्वयं रक्षा करनी पड़ती है लेकिन ज्ञान हमारी रक्षा करता है। सबसे पहले व्यक्ति को ज्ञान चाहिए अपनी ताकत का, अपने साहस का और विश्वास करने का।  बिना समझ के ज्ञान बेकार है। हर चीज का अंत तय है–यह हमें ज्ञान सिखाता है। हमें दुनिया को सिर्फ ज्ञान के बल पर समझने का दावा नहीं करना चाहिए क्योंकि ज्ञान की पहचान सच्चाई का सिर्फ एक छोटा सा हिस्सा है।

ज्ञान मानवता को मानवीय बना देता है: ज्ञान जानने से अधिक महत्वपूर्ण यह समझना होता है कि उसे लागू कहां करना है अर्थात महत्व यह नहीं रखता कि आपके पास ज्ञान कम है या ज्यादा, महत्वपूर्ण यह है कि जितना भी है उसका आप क्या करते हैं? ज्ञान अतीत की व्याख्या करने के लिए नहीं बल्कि भविष्य का निर्माण करने के लिए होता है। कहा जाता है कि ज्ञानी विवेक से सीखते हैं, साधारण व्यक्ति अनुभव से, अज्ञानी आवश्यकता से और मूर्ख मजबूरी से।

ज्ञान के साथ विनम्रता जरूरी है:–  कहा जाता है कि ध्यान से ज्ञान पैदा होता है और ध्यान के बिना ज्ञान खो जाता है। अज्ञान को ज्ञान से खत्म किया जा सकता है लेकिन मूर्खता हमेशा के लिए बनी रहती है। थोड़ा सा ज्ञान जिसे प्रयोग में लाया जाए, वह बहुत सारा ज्ञान जो बेकार पड़ा है उससे कहीं अधिक मूल्यवान होता है।

ज्ञान का प्रकाश ही अज्ञान अंधेरे को दूर करता है: अंधेरे के ज्ञान में उलझा हुआ व्यक्ति कभी प्रकाश के ज्ञान को प्राप्त नहीं कर सकता। ज्यों-ज्यों ज्ञान का प्रकाश जीवन में आता जाता है, अज्ञान अंधेरा दूर होते चला जाता है अर्थात जैसे-जैसे व्यक्ति ज्ञान के प्रकाश के नजदीक पहुंच जाता है तो वह संसार के झमेलो से भी दूर हो जाता है तथा अज्ञानता का अंधेरा आंखों से ओझल होने लगता है। ज्ञान से हम अपने जीवन को नई दिशा दे सकते हैं। ज्ञान ही हमें देश-दुनिया में लगातार हो रहे बदलाव के बारे में समझ देता है।

ज्ञान से अहंकार आता है तो वह जहर है:- ज्ञान प्राप्त होने के बाद यदि अहंकार का जन्म होता है, तो वह ज्ञान जहर है, जबकि ज्ञान के बाद तो नम्रता का जन्म होता है। ज्ञान सुनना, ज्ञान की बातें पसंद करना, ज्ञान की बातें सुनाना, यह कोई बड़ी बात नहीं है लेकिन ज्ञान की बातों को जीवन में धारण करना, यह बहुत बड़ी बात है। जब आपको दूसरों द्वारा दिए गए दर्द और कड़वी बोली से मन दुखी न हो, तब समझ लेना कि आपके जीवन में ज्ञान की धारणा होने लगी है। तो बस आगे बढ़ते जाओ और समझो आप अपने लक्ष्य के बहुत नजदीक हैं।

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