थोड़ा-सा भी कष्ट है, कभी रिंचक भी नहीं सोचना कि बाबा मदद नहीं कर रहा है या नहीं करेगा। यह असंभव है, उनका वचन अटल है। ऐसा है ही नहीं कि वह कहे, मदद करूँगा और न करे।
यह जो कईयों के मन में प्रश्न उठता है कि भगवान ऐसे क्यों नहीं करता? वैसे क्यों नहीं करता? कई व्यापारी लोग हैं, व्यापार के लिए पूछते कि ज्ञान में आने से पहले हमारी बहुत कमाई होती थी, व्यापार बहुत अच्छा चल रहा था। जब ज्ञान में आये तो बहुत नुकसान हो गया। बाबा ने हमारी मदद क्यों नहीं की? बाबा अगर तुम्हारा बिज़नेस बढ़ाता जाये तो सारे बिज़नेसमैन बी.के. बन जायेंगे। चलो, ब्रह्मकुमारी संस्था में जाने से भगवान तुम्हारा बिज़नेस बढ़ायेगा। खूब कमाई होगी। नहीं, ऐसा नहीं। बाबा हमेशा कहते हैं कि ये तुम्हारा काम है। लोग उम्मीद रखते हैं कि भगवान ही सब-कुछ करे। समझते हैं कि हर तरफ से भगवान हमारी मदद करेगा। मदद करता है लेकिन उसकी एक शर्त है कि हिम्मत करने वालों की मदद करता है। उनका वायदा है कि तुम थोड़ी-सी भी हिम्मत करोगे, उससे कई गुणा बढक़र मैं तुम्हारी मदद कँरूगा। यह निश्चित है। कभी भी जीवन में इस बात को मत भूलना। थोड़ा-सा भी कष्ट है, कभी रिंचक भी नहीं सोचना कि बाबा मदद नहीं कर रहा है या नहीं करेगा। यह असंभव है, उनका वचन अटल है। ऐसा है ही नहीं कि वह कहे, मदद करूँगा और न करे। लौकिक वाले नहीं पहुँचेंगे, पैसा काम नहीं आयेगा, डॉक्टरों की दवाई लगेगी नहीं, रोग बढ़ता जायेगा, तकलीफ आयेगी, तो भी व मदद करना नहीं छोड़ेगा। सब छोड़ देंगे लेकिन वो नहीं छोड़ेगा।
जब हमारा योग भगवान से ठीक रहेगा और बुद्धि की लाइन क्लीयर रहेगी तो मदद ज़रूर मिलेगी…
लोग समझते हैं कि मेडिटेशन से टेंशन दूर होता है, मेडिटेशन से वो होता है, यह होता है, शान्ति मिलती है। उसकी मोटी-मोटी उपलब्धि बताते हैं। भगवान जिसका साथी बन जाये, जिसकी छत्रछाया उसके ऊपर रहे और उसको गाइड करे, बुरे कामों से बचा दे, आगे के लिए अच्छे रास्ते पर लगा दे और वक्त पर उसे टच(प्रेरणा) करे तो उसका कौन क्या बिगाड़ सकता है! ये मदद कब मिल सकती है जब हमारा योग बाबा से ठीक रहेगा, बुद्धि की लाइन क्लीयर रहेगी। बाबा टचिंग करता है, यह भी बहुत बड़ी मदद है। क्या टचिंग करता है? बहुत दफा हमने अनुभव किया है। बाबा कहेगा, बच्चे, ऐसा करो, बच्चे वैसा करो। जब तक आप वो करेंगे नहीं, तब तक बाबा की आवाज़ टलेगी नहीं। ऐसी शक्तिशाली टचिंग आपकी बुद्धि में डालेगा कि वो मिटेगी नहीं। जब तक आप करेंगे नहीं तब तक वह आपके पीछे लगी रहेगी। फिर आप अनुभव करेंगे कि उसी में सफलता होती है। बाबा की यह भी मदद है। कई तरह की मदद होती हैं बाबा की। इसलिए निश्चिंत हो जाना चाहिए व्यक्ति को। सब बाबा के हवाले कर देना चाहिए। चिन्ताओं को भी बाबा के हवाले कर दो। वो कल्याणकारी बाप है, यह भूल गये क्या? जब वो भक्तों का कल्याण करता है तो बच्चों को भूल जाता है क्या? बच्चों का अकल्याण करेगा क्या? ऐसा हो सकता है? अगर भगवान भी किसी का अकल्याण करता है तो वो भी मनुष्य जैसा हो गया। वो मूडी(तुनकमिजाज) हो गया। मूड ठीक है तो कल्याण कर दिया और मूड ठीक नहीं है तो अकल्याण कर दिया। ऐसा तो नहीं है ना? वो सदा कल्याण ही करता है। इसलिए हमारा भी कल्याण ही होगा। घबराने की बात नहीं। इसलिए यह बात भी सीखने की है कि वो क्या करता है और क्या नहीं करता है। नाम, रूप, देश, काल, गुण और कत्र्तव्य। कत्र्तव्य में वो क्या करता है और क्या नहीं करता है। स्थापना, विनाश और पालना तो करता है सृष्टि का, लेकिन बच्चों के साथ क्या करता है, वह अनुभव करते जाओ। यह भी अनुभव करने की चीज़ है। इसको गॉड रियलाइज़ेशन (परमात्मनुभति) कहते हैं। आपके घनिष्ट मित्र आपको छोड़ जायेंगे, आपके बहुत पैसे भी काम नहीं आयेंगे, आपकी जवानी भी नहीं रहेगी, स्वास्थ्य जवाब दे देगा, कोई किसी का नहींं होगा। उस समय भगवान, शिवबाबा ही आपकी मदद करेगा। करेगा, करेगा, ज़रूर करेगा, निश्चित समझ लीजिये- करेगा। हो ही नहीं सकता, न करे। बुद्धि में यह बिठा दीजिये अच्छी तरह से, यह बात जीवन में कभी भूलने की नहीं है।