मुख पृष्ठलेखअलसी से न आलसी बन… स्वास्थ्य की ओर बढ़ा अपने कदम

अलसी से न आलसी बन… स्वास्थ्य की ओर बढ़ा अपने कदम

जुकाम में दे राहत
जुकाम से परेशान हैं तो अलसी का इस्तेमाल कर सकते हैं। महीन पिसी अलसी को साफ कर धीमी आंच से तवे पर भून लें। जब यह अच्छी तरह भून जाए और गंध आने लगे तब पीस लें। इसमें बराबर मात्रा में मिश्री मिला लें। अलसी खाने का तरीका यह है कि आप इसे 5 ग्राम की मात्रा में गर्म पानी के साथ सुबह और शाम सेवन करें। इससे जुकाम में लाभ होता है।

वात-कफ दोष में अलसी के फायदे
अलसी के औषधीय गुण का फायदा वात-कफ विकार में भी ला सकते हैं। 50 ग्राम भूनी अलसी के चूर्ण में बराबर-बराबर मात्रा में मिश्री और एक चौथाई भाग मरिच(काली मिर्च) मिला लें। इसे 3-5 ग्राम की मात्रा में सुबह मधु के साथ सेवन करने से वात-कफ दोष विकार ठीक होते हैं।

थायराइड में लाभदायक…
आप थायराइड का उपचार करने के लिए भी अलसी का प्रयोग कर सकते हैं। अलसी के लाभ का फायदा उठाने के लिए बराबर-बराबर मात्रा में अलसी के बीज, शमी, सरसों, सहजन के बीज, जपा के फूल तथा मूली के बीज को छाछ से पीसकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को गले की गांठों आदि पर लेप करने से थायराइड में लाभ होता है।

मूत्र विकार(पेशाब संबंधित रोग) में लाभ…
पेशाब संबंधित रोगों को ठीक करने लिए भी अलसी का इस्तेमाल करना बहुत अच्छा फायदा देता है। इसके लिए 10-12 ग्राम अलसी के बीज के चूर्ण में 5-6 ग्राम मिश्री मिला लें। इसे 3-3 घंटे पर सेवन करने से पेशाब संबंधित बीमारी ठीक होती है।

बवासीर में अलसी के तेल के सेवन से फायदा
बवासीर के लिए 5-7 मिली अलसी के तेल का सेवन करें। इससे कब्ज ठीक होता है और बवासीर में लाभ होता है।

जोड़ों के दर्द में राहत…
जोड़ों के दर्द या गठिया में भी अलसी जड़ी-बूटी बहुत काम करती है। अलसी तेल या अलसी के बीजों को इसबगोल के साथ पीसकर लगाने से जोड़ों के दर्द में लाभ होता है।

अलसी दिल को तंदुरुस्त रखती है…
दिल शरीर का सबसेखास हिस्सा है। दिल में परेशानी होने का मतलब पूरे शरीर में परेशानी होना है। इसलिए अगर आप स्वस्थ रहना चाहते हैं तो सबसे पहले अपने दिल को स्वस्थ रखने की कोशिश करें। खराब जीवनशैली और अनहेल्दी खान-पान से दिल से संबंधित बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए हेल्दी खाना, फल-फ्रूट व सब्जी खाएं और बाहर के खाने फास्ट फूड्स, कोल्ड ड्रिंक और मसालेदार चीजों से परहेज करें। अपने दिल को स्वस्थ और इससे संबंधित बीमारियों को दूर रखने के लिए आप अलसी का सेवन कर सकते हैं। इसमें बहुत ऐसे तत्वों का भंडार है जो दिल को हेल्दी रखने में मदद करते हैं।

इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाती…
शरीर का इम्यून सिस्टम मजबूत होना बहुत ज़रूरी है क्योंकि यही इस बात का फैसला करता है कि आप कितना स्वस्थ और बीमारियों से दूर रहेंगे। इम्यून सिस्टम खराब होने से शरीर में ढ़ेरों बीमारियां और परेशानियां होती हैं। इसलिए इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए बहुत सारे उपाय मौजूद हैं लेकिन क्या आपको पता है कि आप अपना इम्यून सिस्टम अलसी की मदद से मजबूत बना सकते हैं? इसमें फाइबर, प्रोटीन और कई तरह के तत्व पाए जाते हैं जो इम्यून सिस्टम के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। अगर आपका इम्यून सिस्टम कमज़ोर है और आप हमेशा बीमार पड़ते रहते हैं तो आप अलसी को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। यह आपको बीमारियों से दूर रखने में सहायक होता है।

ब्लड प्रेशर को कम करे
अलसी खाने के फायदे में ब्लड प्रेशर को कम करना भी शामिल है। स्वस्थ रहने के लिए तनाव से मुक्त होना बहुत ज़रूरी है। तनाव की वजह से सैंकड़ों बीमारियां पैदा होती हैं। हाई ब्लड प्रेशर भी उन्हीं मेें से एक है। आप जैसे ही तनाव में होते हैं आपका ब्लड प्रेशर कम हो जाता है, जिसकी वजह से आपको दिल का दौरा, ब्रेन हेमरेज और दूसरी कितनी भी बीमारियां हो सकती हैं। इसलिए यह ज़रूरी है कि आप तनाव से दूर रहें। अलसी आपके तनाव को दूर करने में मदद कर सकता है क्योंकि इसमें फाइबर और दूसरे ऐसे गुण पाए जाते हैं जो ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखने का काम करते हैं।

अलसी के नुकसान…
दुनिया में मौजूद जिन चीज़ों को भी हम सेवन करते हैं उनके कुछ फायदे तो कुछ नुकसान होते हैं। अलसी के साथ भी यही थ्योरी लागू होती है।
अलसी का ज़रूरत से ज्य़ादा सेवन करने से आपकी आंतों को नुकसान हो सकता है। अगर रोज़ाना पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीते हैं तो फिर आपको खासकर अलसी के सेवन से बचना चाहिए। क्योंकि ज्य़ादा पानी न पीने की स्थिति में इसका सेवन आंतों में ब्लॉकेज की संभावना को बढ़ा देता है।

जिन लोगों को अलसी के सेवन से एलर्र्जी है उन्हें इससे बचना चाहिए। इसका सेवन करने पर उन्हें लो ब्लड प्रेशर, घबराहट, चक्कर आना और वोमिटिंग जैसी समस्या हो सकती है।

अगर आप खून को पतला करने वाली दवाओं का सेवन कर रहे हैं तो आपको अलसी का सेवन नहीं करना चाहिए।

हार्मोनल असंतुलन या एंडोमेट्रिओसिस की स्थिति में अलसी के सेवन से बचना चाहिए।

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