”आध्यात्मिकता द्वारा समाज को नई दिशा ” पर कार्यक्रम आयोजित

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ग्वालियर-लश्कर,मध्य प्रदेश। आज प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा एक कार्यक्रम का आयोजन “प्रभु उपहार भवन” माधौगंज स्थित सेवाकेंद्र पर किया गया  |

कार्यक्रम में मुख्य रूप पानीपत से ब्रह्माकुमार भारत भूषण भाईजी (इंटरनेशनल मोटिवेशनल स्पीकर, निदेशक – ज्ञान मानसरोवर अकादमी), ब्रह्माकुमारी  आदर्श दीदी (स्थानीय सेवाकेंद्र इंचार्ज), ब्रह्माकुमारी ज्योति बहन, समाज सेवी बहनें श्रीमती आशा सिंह (राष्ट्रीय महिला जागरण प्रमुख), श्रीमती शकुंतला सिंह परिहार (पूर्व किशोर न्यायालय बोर्ड सदस्य), श्रीमती रानू नाहर (समाज सेवी), श्रीमती दीपिका जैन (संचालिका आर्यन स्कूल और आर्यन कॉलेज), डॉ.वीरा लोहिया (निदेशक जनक हॉस्पिटल, ग्वालियर) उपस्थित रहे |

कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्जवलन के साथ हुआ तत्पश्चात सभी उपस्थित अतिथियों का स्वागत तिलक और फूल माला के साथ बी. के. महिमा और बी.के.सुरभि  के द्वारा किया गया |

तत्पश्चात  बी.के.आदर्श दीदीजी  ने सभी का अभिनन्दन करते हुए कहा कि  आज लोग इस समाज के लिए  कुछ ना कुछ करना तो चाहते हैं परन्तु सही मार्ग दर्शन ना मिलने के कारण मनुष्य भटक गए  है | इसलिए आज हम सभी को स्वयं पर काम करने की आवश्यकता है, अपनी सोच को बदलने की आवश्यकता है की मैं इस जीवन में किसी के काम आ सकूँ,  स्वयं को ऐसा बना लूँ जो सभी मेरे जीवन से प्रेरित हो सके | मेरे सम्बन्ध – संपर्क में आने वाला प्रत्येक मनुष्य अपना जीवन भी परिवर्तन कर ले तथा इस समाज के परिवर्तन के कार्य में लग जाए और वह तब होगा जब प्रत्येक मनुष्य आध्यात्म से जुडा रहे और अपने जीवन को ऐसा प्रेरणादायक बनाये जो दूसरे  भी हमें देख कर उस मार्ग पर चलने लग जाए तो इस समाज को अवश्य ही एक नयी दिशा मिल जाएगी |

कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में पधारे  बी.के. भारत भूषण भाई  ने सभी को संबोधित करते हुए बताया कि  आज अगर कोई इस समाज का उद्धार कर सकता है या इस समाज को नयी दिशा दिखा सकता है  तो वो हैं शिव शक्तियां क्योंकि आज प्रैक्टिकल में भी वो ज्ञान गंगाएं बन कर इस समाज का कल्याण करने का कार्य कर रहीं हैं | इसीलिए आप सभी ने सुना होगा की हम भारत माता कहते हैं भारत पिता नहीं | आज प्रत्येक मनुष्य धन की प्राप्ति के लिए किसको याद करते है माँ लक्ष्मी को, विद्या की प्राप्ति के लिए याद करते  है माँ सरस्वती को और जीवन में संतोष की प्राप्ति के लिए याद करते है संतोषी माँ को इसलिए इन शिव शक्तियों का विशेष पार्ट है इस समाज को एक सही राह दिखा कर परिवर्तन करने में  | शिव शक्तियां अर्थात पिता परमात्मा शिव अपनी शक्तियों के साथ आध्यात्मिकता द्वारा समाज को एक नयी दिशा देने का कार्य कर रहे हैं  तो आज ज़रूरत है हम सब भी इस विशेष कार्य में अपना सहयोग दें और समाज को एक सही मार्ग पर चलने का रास्ता बताएं |

 श्रीमती आशा सिंह ने आज के विषय को ध्यान में रखते हुए बताया कि अगर हम सभी को उस सर्वशक्तिमान परमात्मा का अच्छी रीती ज्ञान हो जाए,  अगर इतना भी सभी को समझ  में आ जाए की हम उस ईश्वर की संतान हैं  तो इस समाज में कही किसी को कोई परेशानी नहीं होने वाली, क्योंकि हमारी इस समाज के प्रति सोच सकारात्मक, बदले की भावना के बजाये मदद की भावना, हमारी दृष्टि, हमारे कर्म, हमारे बोल स्वतः ही परिवर्तन हो जायेंगे |

आगे  श्रीमती  शकुंतला  सिंह  परिहार ने कहा की बहुत भाग्यशाली हैं हम सब जो सावन के महीने में ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान में आने का मौका मिला और आध्यात्म से समाज को कैसे नई दिशा मिले उसे भी अच्छी रीती जाना | आज आध्यात्म हर एक  को अपने जीवन में अपनाना चाहिए क्योंकि आज समाज में सब एक दुसरे को सहयोग देने के बजाये बदले की भावना रखते हैं तो एक अच्छे समाज का निर्माण कैसे हो | तो इसलिए अपनी दिनचर्या में से कुछ समय आध्यात्मिकता के लिए निकाले ताकि स्वयं को और समाज को एक सही मार्ग दर्शन दिखा सकें |

डॉ. वीरा  लोहिया ने बताया कि आज हम सभी का जीवन इतना व्यस्ताओं में घिर गया है की आध्यात्मिकता को लोग भूल ही गए हैं  | आज कहीं ना कहीं सबके जीवन में आंतरिक ख़ुशी मानो गूम हो गई है तो हम सभी ख़ुशी को बहार ढूंढने लग जाते हैं परन्तु किसी को ये ज्ञान ही नहीं है  की वो हमारे अन्दर ही है परन्तु आज इस  भागम भाग भरे जीवन में हमें सेल्फ चेकिंग का समय ही नहीं मिल पाता है तो आध्यात्म हमें यही सिखाता है की स्वयं को जाने, स्वयं से बातें करें और खुद को परिवर्तन करें |

अंत में श्रीमती  रानू  नाहर,  श्रीमती  दीपिका  जैन ने भी अपनी शुभकामनाएं दीं |

कार्यक्रम का कुशल संचालन  और सभी का आभार बी.के.ज्योति बहन  के द्वारा किया गया |

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