मुख पृष्ठलेखक्या आप जानते हैं… सौंफ में भी हैं बेहतरीन गुण

क्या आप जानते हैं… सौंफ में भी हैं बेहतरीन गुण

आपने यह देखा होगा कि प्राय: रेस्टोरेंट में खाना खाने के बाद वेटर सौंफ खाने को देते हैं। सौंफ का उपयोग घरों में भी अनेक तरह से किया जाता है इसलिए आप लोग बराबर सौंफ का सेवन करते होंगे। वास्तव में छोटा-सा दिखने वाला सौंफ बहुत ही गुणकारी होता है लेकिन अधिकांश लोग सौंफ के इस्तेमाल के बारे में बहुत अधिक नहीं जानते होंगे। आपको शायद यह पता नहीं होगा कि सौंफ एक औषधि है और इसके बारे में आयुर्वेद में बहुत सारी बातें बताई गई हैं।

सौंफ के फायदे..
पेट की गैस की परेशानी में लाभ
1-2 ग्राम सौंफ की जड़ के चूर्ण के सेवन करने से कब्ज में लाभ होता है। सौंफ के बीज का काढ़ा बना लें। इसे 5-10 मिली मात्रा में भोजन के प्रत्येक ग्रास के साथ छोटे बच्चों को पिलाने से बच्चों की कब्ज ठीक होती है। आयु के अनुसार मात्रा में सौंफ के बीजों की चटनी का सेवन करने से डकार और पेट की गैस की समस्या ठीक होती है।

आँखों के लिए फायदेमंद…
सौंफ के पत्ते के रस में रूई को भिगोकर आँखों पर रखें। इससे आँखों की जलन, दर्द तथा लालिमा की परेशानी ठीक होती है।

ज़ुकाम में फायदा…
15-30 मिली सौंफ का काढ़ा या सौंफ का पानी पीने से ज़ुकाम में लाभ होता है।

मुँह के छालों में फायदेमंद…
सौंफ का काढ़ा बनाकर उसमें फिटकरी मिलाकर गरारा करने से मुँह के छालों में लाभ होता है।

हकलाने की बीमारी में करें सौंफ का प्रयोग…
15-30 मिली सौंफ के काढ़ेमें मिश्री तथा गाय का दूध मिलाकर पिएं। इससे हकलाने की परेशानी कम होती है।

पेचिश में फायदेमंद…
बराबर-बराबर भाग में बेल, नागरमोथा, सौंफ तथा स्थलपद्म के काढ़ा (10-30 मिली) में मिश्री मिलाएं। इसे पीने से आँवयुक्त पेचिश और खूनी पेचिश में लाभ होता है।
चार भाग सौंफ चूर्ण में एक भाग इलायची चूर्ण तथा पाँच भाग मिश्री चूर्ण मिला लें। इसे उपयुक्त मात्रा में सेवन करने से पेचिश में शीघ्र लाभ होता है।

मूत्र रोग का इलाज…
सौंफ के पत्तों का रस 5 मिली सेवन करने से मूत्राशय की सूजन ठीक होती है।

मासिक धर्म विकार में फायदेमंद…
सौंफ के बीज के 10-20 मिली काढ़े में मधु मिलाएं। इसे नियमित सेवन करने से मासिक धर्म विकार जैसे- समय पर मासिक धर्म का ना आना, मासिक धर्म के समय दर्द होना और बांझपन आदि में लाभ होता है।

मैनिया (पागलपन) में लाभ…
5-10 ग्राम सौंफ को पीसकर उसमें इतना ही खांड मिला लें। इसे पिलाने से पित्त के कारण होने वाले मैनिया रोग में लाभ होता है।

बुखार उतारता है सौंफ…
सौंफ, वच, कूठ, देवदारु, रेणुका, धनिया, खस तथा नागरमोथा को बराबर मात्रा में लेकर उसका काढ़ा बना लें। इसमें मधु तथा मिश्री मिला लें। इसे 25-50 मिली की मात्रा में सुबह और शाम पीने से वात दोष के कारण होने वाला बुखार ठीक हो जाता है।

याद्दाश्त बढ़ाने में फायदेमंद…
सौंफ में बल्य गुण पाया जाता है जो शरीर, मस्तिष्क एवं मस्तिष्क की नसों को बल प्रदान करता है जोकि याद्दाश्त को बढ़ाने में भी मदद करता है।

कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में फायदेमंद…
कोलेस्ट्रॉल की मुख्य वजह पाचन का असंतुलित होना होता है। ऐसे में सौंफ में पाएं जाने वाले दीपन गुण के कारण यह अग्नि को दीप्त कर पाचन को स्वस्थ करती है साथ ही कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी सहयोग देती है।

रक्त को शुद्ध करने में फायदेमंद…
एक रिसर्च के अनुसार सौंफ रक्त शोधक का कार्य भी बहुत अच्छे से करती है। यह मूत्र की प्रवृत्ति को बढ़ाते हुए शरीर से सभी विषैले पदार्थों को बाहर निकाल फेंकने में मदद करती है।

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