खसखस के बारे में अनेक लोगों को अधिक जानकारी नहीं है, इसलिए शायद आप भी खसखस के फायदे के बारे में बहुत अधिक नहीं जानते होंगे। खसखस का प्रयोग औषधि के रूप में किया जाता है। आयुर्वेद के अनुसार, खसखस का इस्तेमाल कर अनेक रोगों का इलाज किया जा सकता है। आप भी ज़रूर इसके बारे में जानना चाहेंगे। आइए जानते हैं…
अत्यधिक प्यास लगने की समस्या में फायदेमंद
अत्यधिक प्यास लगने की परेशानी में 2-4ग्राम खसखस की जड़ को मुनक्का के साथ पीसकर पिलाएं। इससे अधिक प्यास लगने की परेशानी खत्म होती है।
पेट में कीड़े होने से खसखस से लाभ
अनेक बच्चों को पेट में कीड़े होने की शिकायत रहती है। सिर्फ बच्चे ही नहीं, बल्कि कई वयस्क लोगों को भी यह समस्या हो जाती है। पेट के कीड़ों को खत्म करने के लिए खसखस उपयोगी होता है। इसके लिए 10-40 मिली खसखस का सेवन करें। इससे पेटे के कीड़े खत्म होते हैं।
मूत्र रोग में लाभ
मूत्र रोग(पेशाब से संबंधित रोग) जैसे- पेशाब का कम आना आदि में 2-4ग्राम खस की जड़ के चूर्ण में 5ग्राम मिश्री मिला लें। इसका सेवन करें। इससे कम पेशाब आने की समस्या ठीक हो जाती है। यह मूत्र के अन्य विकारों में भी लाभ देता है।
इसी तरह खस की जड़, ईख की जड़, कुश की जड़ तथा रक्तचंदन को मिलाकर काढ़ा बना लें। इसे10-30मिली की मात्रा में पीने से मूत्र रोग जैसे- पेशाब का रुक-रुक कर आना और पेशाब करने में दर्द आदि समस्या ठीक हो जाती है।
शरीर की जलन को शांत करने में फायदा
शरीर की जलन से परेशान रहते हैं तो खसखस की जड़ को पीसकर पूरे शरीर पर लगाएं। इससे शरीर की जलन शांत हो जाती है।
एनीमिया(खून की कमी) में खसखस से लाभ
कई लोगों को एनीमिया(खून की कमी की समस्या) हो जाती है। इसमें 10-40मिली खसखस का सेवन करें। इससे खून की कमी दूर होती है।
सीने के दर्द में खसखस का औषधीय गुण फायदेमंद
सीने में दर्द की परेशानी में 2-4ग्राम खस की जड़ का चूर्ण बना लें। इसमें 500मिग्रा पिप्पली की जड़ का चूर्ण मिला लें। इसमें घी मिलाकर खाएं। इससे छाती का दर्द ठीक हो जाता है।
पित्तज विकारों में खसखस के औषधीय गुण से लाभ
पित्तज रोग को ठीक करने के लिए 2-4ग्राम खस की जड़ के चूर्ण का सेवन करें।
इसी तरह 5-10मिली खस की जड़ के रस में चीनी के चूर्ण को मिलाकर पीने से पित्तोन्माद में लाभ होता है।
