बाह्य जगत के साथ-साथ अपने आंतरिक जगत से जुड़ना अतिआवश्यक” – ब्रह्माकुमारी चन्द्रिका दीदी
इंदौर, मध्य प्रदेश। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के युवा प्रभाग द्वारा ज्ञानशिखर ओमशांति भवन में विशेष युवाओं के लिए “कॉल ऑफ टाइम- इंटरनेट टू इनर नेट” विषय पर प्रेरणादाई कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें अहमदाबाद से पधारी युवा प्रभाग की राष्ट्रीय उपाध्यक्षा राजयोगिनी चंद्रिका दीदीजी ने कहा कि जिस प्रकार हमें इंटरनेट के द्वारा बाह्य जगत की सारी जानकारियां मिलती हैं उसी प्रकार हमें मनुष्य आत्मा की अंतर जगत की जानकारी और सूचनाओं का ज्ञात होना भी आवश्यक है। अंतर जगत अर्थात आत्मा में स्थित मन, बुद्धि, संस्कार की शक्तियां एवं उनके कार्यप्रणाली की विस्तृत जानकारी। आत्मा में निहित स्मृति के आधार पर ही हमारे जीवन का स्वरूप निर्धारित होता है। जब हम अपने को आत्मा समझकर परमात्मा पिता को याद करते हैं तो हमारी बुद्धि शांत, एकाग्र और निश्चिन्त हो जाती है। हमारा असली व्यक्तित्व सामने आता है और हम देवत्व की ओर बढ़ने लगते हैं अर्थात मेडिटेशन मनुष्य को मानव से देव तुल्य बनाता है।

इस अवसर पर रेनेसा यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. स्वप्निल कोठारी ने आज के युवा की स्थिति पर प्रकाश डालते हुए कहा की वर्तमान युग में हमनें शिक्षा के माध्यम से मस्तिष्क को तो विकसित कर दिया लेकिन हृदय को भी विकसित कर सकें ऐसी शिक्षा की आवश्यकता है, जो धर्म और आध्यात्म के द्वारा ही संभव है क्योंकि इसके बिना हरेक के जीवन में अपूर्णता, रिक्तता तथा खालीपन बना ही रहता है। इसलिए जीवन में पूर्णता लाने के लिए बाहरी पढ़ाई, विज्ञान तथा प्रबंधन के साथ-साथ भीतर की यात्रा, धर्म और आध्यात्म भी अति आवश्यक है। तभी हम जीवन में आनंद का अनुभव कर सकते हैं। आगे आपने युवाओं को यथार्थ में जीने तथा रील के बजाय रियल लाइफ में जीने के लिए प्रेरित भी किया।
इंदौर जोन की क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने दिव्य उद्बोधन देते हुए कहा कि आज के इस युग में बहुत तीव्र गति से तकनीकी परिवर्तन हो रहे हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के युग में युवा वर्ग इंटरनेट तथा सोशल मीडिया के गिरफ्त में अत्यधिक फसता जा रहा है। यू ट्यूब, फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि के द्वारा जो कुछ परोसा जा रहा है वह ज्यादातर अश्लील, अभद्र, हिंसक तथा आपत्तिजनक ही होता है जिसके कारण युवाओं में मुल्यहीनता, संस्कारहीनता व नशाखोरी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। यह एक खतरे की घंटी है। अतः भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए भारत की आधी आबादी- युवाओं में सुसंस्कार तथा सामाजिक सांस्कृतिक मूल्य लाने की आवश्यकता है। इसके लिए असीम ऊर्जा के स्रोत परमात्मा से शक्तियां लेकर अपने अंतर जगत को, व्यवहार को, जीवन को श्रेष्ठ बनाएं। आत्म जागृति से मूल्य की जागरूकता बढ़ेगी और स्व परिवर्तन से स्वर्णिम दुनिया लाने में मदद मिलेगी।
माउंट आबू से मुख्य वक्ता के रूप में पधारे सुप्रसिद्ध माइंड ट्रेनर एवं मोटिवेशनल स्पीकर डॉ. शक्तिराज सिंह भाई ने अपने वक्तव्य की शुरुआत करते हुए कहा की जो दिखाई नहीं देता उसे भूत रहते हैं, जो तोड़ने से न टूटे उसे मजबूत कहते हैं और जो बनाये देश को उज्जवल उसे यूथ कहते हैं। आगे आपने कहा कि यूथ को युवा कहा जाता है और युवा का उल्टा करें तो वायु बन जाता है। वायु अगर सही दिशा में चले तो ऊर्जा बनती है पर अगर गलत दिशा में मुड़ जाए तो तूफान का रूप ले लेती है तो युवाओं को भी सदा सही दिशा में अपनी ऊर्जा को प्रयोग में लाना बहुत-बहुत जरूरी है। हमें दूसरों की लाइफ को देखने के बजाय अब यह पता करना जरूरी है कि मेरी लाइफ में क्या चल रहा है और अब मुझे क्या करना चाहिए। आपने कई रचनात्मक एक्टिविटीज के माध्यम से विषय को स्पष्ट किया तथा युवाओं में एक नई ऊर्जा का संचार कर दिया।

युवा प्रभाग की कार्यकारी सदस्य भीनमाल सेवाकेंद्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी डॉ. गीता बहन ने युवा प्रभाग की स्थापना से अब तक की 40 वर्षों के इतिहास की संक्षिप्त जानकारी देते हुए बताया कि इस यात्रा के दौरान लगभग 2 लाख युवा जुड़कर अपने जीवन को चरित्रवान, निर्विकारी, निर्व्यसनी बना चुके हैं। आगे आपने कहा कि जीवन का स्वर्णिम काल होता है युवा और एक कच्ची मिट्टी की तरह अनंत संभावनाओं से भरा समय, जो चाहे, जैसा चाहे वैसे शेप जीवन को देने का समय। बस उसे सवारने सजाने की आवश्यकता होती है।
युवा प्रभाग के मुख्यालय संयोजक ब्रह्माकुमार आत्मप्रकाश भाई ने कहा आज हर संस्था में बहुत अच्छी-अच्छी बातें सुनने को मिलती हैं लेकिन उस ज्ञान को जीवन में धारण करने के लिए आवश्यकता है शक्ति की क्योंकि युक्ति के साथ जब शक्ति होगी तभी हम विकर्मों से मुक्ति और दिव्य गुणों की प्राप्ति कर सकते हैं। ब्रह्माकुमारीज एक ऐसी संस्था है जहां पर परमात्मा स्वयं शक्तियों के स्रोत यहां उपलब्ध मिलते हैं। जैसे मोबाइल की बैटरी को चार्ज करना जरूरी है वैसे ही यह शरीर रूपी सेलफोन है और आत्मा उसकी बैटरी है, जिसकी ऊर्जा को संकल्पों के रूप में हम दिनभर खर्च करते जाते हैं पर चार्ज नहीं करते इसीलिए आज मानसिक बीमारियां बढ़ती जा रही हैं, तो जैसे खाना, सोना हरेक व्यक्ति को हर रोज जरूरी है, ऐसे ही मेडिटेशन के अभ्यास को हर रोज हर व्यक्ति को करना जरूरी है, चाहे वह किसी भी वर्ग, उम्र या धर्म का हो।
कस्टम विभाग इंदौर के अपर आयुक्त दिनेश बिसेन ने कहा कि यदि हम अपने आंतरिक जगत से जुड़कर ऊर्जा को संरक्षित करेंगे तो भारत को विश्व गुरु बना सकेंगे जो की बनने ही वाला है। आपने अपने प्रैक्टिकल जीवन का अनुभव सुनाते हुए कहा कि मेडिटेशन से मुझे अपने फील्ड में कार्य करने में, सही निर्णय लेने में बड़ी आसानी होती है।
भाजपा युवा मोर्चा इंदौर के नगर अध्यक्ष सौगात मिश्रा ने कहा कि आज हम सभी पूरी तरह मोबाइल पर निर्भर हो चुके हैं। जितना ध्यान हम मोबाइल को चार्ज और अपडेट करने में लगाते हैं इसका थोड़ा सा अंश भी अगर हम स्वयं को अपडेट करने में लगाना शुरू कर दें तो स्वयं के, समाज के, देश के परिवर्तन में बहुत बड़ा योगदान होगा।
कार्यक्रम की शुरुआत मंचासीन अतिथियों के साथ साथ शहर के कई युवा संस्थाओं के, शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधि तथा गणमान्य लोगों ने दीप प्रज्वलन कर किया। ब्रह्माकुमारी आकांक्षा बहन तथा हर्षित भाई ने युवाओं के अंदर उत्साह भरने हेतु सुन्दर गीत की प्रस्तुती दी। शक्ति निकेतन छात्रावास की कन्याओं द्वारा मोबाइल के अत्यधिक प्रयोग से होने वाले दुष्परिणामों को दर्शाता हुआ ड्रामा प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन ब्रह्माकुमारी सोनाली बहन ने किया तथा युवा प्रभाग की जोनल कोऑर्डिनेटर ब्रह्माकुमारी छाया दीदी ने सभी का आभार माना।
इसके पहले एक अनोखे कार्यक्रम “स्पिरिचुअल कैफे” का आयोजन किया गया। जिसमें इंदौर शहर के 250 से अधिक युवाओं ने हिस्सा लिया। युवाओं के लिए आयोजित इस कार्यक्रम में भावनात्मक स्थिरता के माध्यम से ध्यान के महत्व पर चर्चा की।
कार्यक्रम में प्रतिभागियों ने कॉफी पर चर्चा की और अपने दैनिक जीवन में आने वाली समस्याओं के समाधान के लिए ध्यान के महत्व को जाना।
युवाओं को गाईड करने के लिए अलग अलग ग्रुप बनाये गए थे। जिसमें देश भर से आए ब्रह्माकुमारीज युवा प्रभाग के सदस्यों ने सभी को बताते हुए कहा कि जीवन है तो चुनोतियाँ तो आएंगी लेकिन उनसे घबराना नहीं चाहिए। वल्कि हमें अपनी आंतरिक शक्ति और गुणों का विकास अपने जीवन में करना चाहिए। इसमें राजयोग ध्यान हमें बहुत मदद करता है। इस अवसर पर विद्यार्थियों और अन्य युवाओं के सवालों के जबाब भी दिए।

कार्यक्रम के अंत मे युवा प्रभाग की राष्ट्रीय उपाध्यक्षा राजयोगिनी बीके चंद्रिका दीदी ने युवाओं के लिए प्रेरक उद्बोधन देते हुए कहा कि हर युवा अपने आप मे विशेष है। और वह जो ठान ले वह कर सकता है। बस आवश्यकता है अपनी आंतरिक शक्ति को पहचान कर रचनात्मक और सकारात्मक कार्यों में कैसे लगाएं।
दीदी जी ने सभी को राजयोग ध्यान की गहन अनुभूति भी कराई। कार्यक्रम में इंदौर ज़ोन की क्षेत्रीय निदेशिका बीके हेमलता दीदी ने भी युवाओं के लिए प्रेरक उद्बोधन दिया। बीके मीतू दीदी ने कार्यक्रम का संचालन किया तथा आभार बीके छाया दीदी ने किया। यह कार्यक्रम इंदौर में पहली बार आयोजित किया गया था और इसका उद्देश्य युवाओं को ध्यान के महत्व के बारे में जागरूक करना था। कार्यक्रम का आयोजन ज्ञान शिखर ओम शांति भवन पलासिया के टेरेस पर किया गया था।



