मुख पृष्ठराज्यगुजरातनवसारी: तपस्वी युगल,तपस्वी कुमार तथा अधर कुमार के सम्मान समारोह का  आयोजन मतिया पाटीदार पंच समस्त 

नवसारी: तपस्वी युगल,तपस्वी कुमार तथा अधर कुमार के सम्मान समारोह का  आयोजन मतिया पाटीदार पंच समस्त 

नवसारी,गुजरात: तपस्वी युगल, तपस्वी कुमार तथा अधर कुमार के सम्मान समारोह का आयोजन मतिया पाटीदार पंच समस्त वाड़ी, नवसारी में किया गया।

ब्रह्माकुमारी विद्यालय से जुड़े भाई बहनों को दुपट्टा, ताज और तिलक से अलंकृत किया गया तथा मंच पर विराजमान महानुभावों का भी दुपट्टा, ताज और तिलक से स्वागत किया गया।

ब्रह्माकुमारी विद्यालय, नवसारी की मुख्य प्रशासिका आदरणीय राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी गीता दीदी जी ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी महानुभावों और ब्रह्माकुमारी भाई-बहनों का शब्द पुष्पों से स्वागत किया।

आदरणीय युगरत्न भाई जी ने स्वागत गीत प्रस्तुत कर सभी का सम्मान और अभिनंदन किया।

अहमदाबाद आंबाबाड़ी से पधारे आदरणीय शारदा दीदी जी (महिला विंग की नेशनल कोऑर्डिनेटर) ने कहा कि आज का दिन आप सभी के लिए मंगलकारी है, क्योंकि आप परमात्मा द्वारा स्थापित इस महायज्ञ की आध्यात्मिक क्रांति की मशाल जलाकर पूरे विश्व को रोशन करने के निमित्त बने हुए हैं।आपने ईश्वरीय ज्ञान और सहज राजयोग को आत्मसात कर समाज को बुराइयों और व्यसनों से मुक्त करने का महान कार्य किया है। साथ ही, अपने पारिवारिक और सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करते हुए अपने गृहस्थ जीवन को भी पवित्र आश्रम में परिवर्तित किया है। उन्होंने सभी को संदेश दिया कि बीती बातों की चिंता न करें, ज्ञान में दृढ़ निश्चय बनाए रखें और अपने दिव्य स्वरूप को उजागर करते रहें।

इस कार्यक्रम में उपस्थित आदरणीय पीयूष भाई (पूर्व विधायक) ने अपने उद्बोधन में कहा कि ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय ने नवसारी नगरी का गौरव बढ़ाया है। मैं समय-समय पर ब्रह्माकुमारीज के कार्यक्रमों में सहभागी रहा हूं और इनका साक्षी भी बना हूं। उन्होंने कहा कि आदरणीय गीता बहन जी ने इस नगरी के भाई-बहनों के लिए वर्षों से ईश्वरीय सेवाएं की हैं, जिसके लिए उन्होंने सेवा केंद्र को शुभकामनाएं दीं।

माउंट आबू ब्रह्माकुमारी संस्था की अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी जयंती दीदी जी ने बताया कि पवित्रता ही आध्यात्मिक जीवन का सर्वोच्च लक्ष्य है। उन्होंने समझाया कि पवित्रता से ही विश्व में शांति, सद्भावना और सुख स्थापित हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि गृहस्थ जीवन में स्थायी शांति और सहनशीलता के लिए अहंकार से मुक्त होना आवश्यक है। उन्होंने मन को नकारात्मक विचारों से बचाने और श्रेष्ठ संकल्पों में केंद्रित रखने की आवश्यकता पर बल दिया, जिससे दैवी गुण स्वाभाविक रूप से प्रकट होते हैं।

ब्रह्माकुमार आदरणीय मोहन भाई जी (साइंस और इंजीनियरिंग विंग के नेशनल कोऑर्डिनेटर, माउंट आबू) ने अपने वक्तव्य में कहा कि इस सम्मान समारोह में उपस्थित सभी ब्रह्मा वत्सों ने आध्यात्मिक जीवन का एक लंबा सफर तय किया है, जिसके लिए उन्होंने सभी का अभिनंदन किया। उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि ईश्वरीय यज्ञ सेवा में अधिकतर कुमार ही आगे बढ़कर कार्य कर रहे हैं। वे अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को निभाते हुए ईश्वरीय शिक्षा को आत्मसात कर ‘डबल स्टूडेंट’ बने हैं। उन्होंने कहा कि पवित्रता न केवल मुख्य विषय है, बल्कि यह ईश्वरीय आदेश भी है। इसे अपनाकर जीवन की उन्नति को प्राप्त करना हमारा सर्वोच्च लक्ष्य होना चाहिए।

इस तपस्वी सम्मान समारोह में ब्रह्माकुमार राकेश भाई और उनकी टीम ने “स्वर्णिम युग” शीर्षक के अंतर्गत एक सुंदर नाटक प्रस्तुत किया।कार्यक्रम के अंतिम चरण में केक काटकर सभी को प्रसाद वितरित किया गया और मुख मीठा कराया गया। साथ ही, रास-गरबा कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया।

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