मुख पृष्ठओम शांति मीडियाआध्यात्मिक विमान का स्विच कौन-सा?

आध्यात्मिक विमान का स्विच कौन-सा?

हमारे को शिवबाबा ने एक बहुत अच्छी सौगात दी है, हम भी आपको देने चाहते हैं। एक मैं आपको विमान देने चाहती हूँ। विमान तो अच्छी चीज़ है ना! तो आप सभी को एक विमान मैं सौगात में देती हूँ। जो हमको शिवबाबा ने दिया है। विमान कौन-सा है? मन ही विमान है। मन से आप एक सेकण्ड में जहाँ से भी आये हो, आप पहुँच सकते हो बिना टिकेट के? टिकेट खर्ची नहीं पड़ेगी क्या? नहीं ना! तो मन विमान है ना। अमेरिका में भी पहुंच सकते हो। तो मन एक विमान है। सभी के पास है लेकिन इसको यूज़ कैसे करें? विमान में स्विच तो होगा ना कोई! तभी तो चलेगा ना!

तो इस आध्यात्मिक विमान का स्विच कौन-सा है? परमात्मा। बस परमात्मा को याद किया- शिवबाबा, मीठा बाबा, प्यारा बाबा, बस ये स्विच है। स्विच मिला? याद रखना स्विच, भूल गये तो उड़ेंगे नहीं। अच्छा स्विच ये है। अब पंख होते हैं विमान में तो पंख कौन-से हैं? एक हिम्मत और दूसरा उमंग-उत्साह। जिसके जीवन में उमंग-उत्साह नहीं है ना तो वो जीवन जैसे कौमा में है। उमंग-उत्साह समझ रहे हैं ना! मन में खुशी का उमंग आता है ना! उत्साह भी आता है।

जब कोई उत्सव होता है तो उत्साह भी आता है। जैसे दीपावली का उत्सव आया तो कितना उत्साह होता है। उमंग और उत्साह जीवन में ज़रूर चाहिए। तो एक पंख है हिम्मत। क्योंकि हिम्मत के लिए भगवान का वायदा है हमारे से कि एक कदम अगर हिम्मत का आपने उठाया तो हज़ार कदम मदद के लिए मैं बंधा हुआ हूँ। ये हमने अनुभव किया है। ऐसे ही नहीं, मैं स्लोगन नहीं कह रही हूँ। लेकिन प्रैक्टिकल में हमने इस ईश्वरीय विश्व विद्यालय में बाल जीवन से बड़े हुए हैं और कई अनुभव किए हैं। सिर्फ हिम्मत नहीं हारो। एक कदम हिम्मत का पक्का रखो और हज़ार कदम परमात्मा की मदद नहीं मिले ये असम्भव है। क्योंकि हमने प्रैक्टिकल अनुभव किया है और अब लाखों परिवार अनुभव कर रहे हैं, एक का अनुभव नहीं है। तो हिम्मत और उमंग-उत्साह इसके पंख हैं।

अच्छा पेट्रोल क्या है? पेट्रोल के बिना तो चलेगा नहीं। तो ज्ञान और योग, ये है इसका पेट्रोल। तो आपको ज्ञान-योग का पेट्रोल मिल रहा है? हिम्मत का पंख मिल रहा है? उमंग-उत्साह, दिल में खुशी ये मिल रही है? अभी आपके सामने कोई भी समस्या आवे, समझो हिमालय जितनी समस्या है, बड़े में बड़ा हिमालय है।

चलो इतनी बड़ी समस्या है लेकिन आप विमान से चले जाओ ऊपर समस्या कहाँ रहेगी? नीचे रहेगी ना! आपको मेहनत नहीं करनी पड़ेगी। समस्या को मिटाने की मेहनत नहीं करनी पड़ेगी। लेकिन मन के विमान को परमात्मा की ओर ले जाना पड़ेगा। और वो संकल्प से ही जायेंगे और कोई साधन चाहिए नहीं। वो तो आपका विमान मन के संकल्प का है ही। विमान को स्टार्ट करो और चले जाओ। जा सकते हो ना!

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