राष्ट्र के प्रति शांति ,एकता, सद्भावना कायम करने के लिए मैडिटेशन किया गया
अलीराजपुर,मध्य प्रदेश। कभी-कभी हमें कठिन परिस्थितियों या कठिन लोगों का सामना करना पड़ता है। अगर हम समस्या पर ध्यान केंद्रित करते हैं, तो हम परेशान हो जाते हैं, चिंता करते हैं, डरते हैं, दोष देते हैं और शिकायत करते हैं। ये सभी हमारी ऊर्जा को कम कर देते हैं और इस कमज़ोर स्थिति में हमारी समस्या और भी बड़ी लगने लगती है। हमें अपनी ऊर्जा को बचाने और इसे समाधान पर केंद्रित करने की आवश्यकता है। क्या आप अक्सर अपनी समस्याओं के बारे में बात करते हैं और समाधान पर कम ध्यान देते हैं और नकारात्मक भावनाओं में फंस जाते हैं? किसी संकट की स्थिति के समय, क्या आप यह सोचने और चर्चा करने में फंस जाते हैं कि- इसके लिए कौन जिम्मेदार था, यह क्यों हुआ, मेरे साथ सब कुछ गलत कैसे हो गया? या क्या आप खुद को और दूसरों को याद दिलाते हैं कि अब क्या करना है? हमारी स्थिति चाहे कितनी भी खराब हो, लेकिन इसका समाधान ही एकमात्र महत्वपूर्ण रास्ता है। क्योंकि मन को भारी भरकम प्रश्नों से भरना माना अपनी ऊर्जा को खत्म करना और साथ ही, समय की बर्बादी करना। हमें अपने मन को शांत करना चाहिए, इसे दोष देने वाले विचारों, पीड़ित महसूस करने, आलोचना करने या स्थिति को अस्वीकार करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए। ये विचार हमें, दूसरों को और स्थिति की ऊर्जा को कमजोर करते हैं। यह विचार इंदौर से पधारे जीवन जीने की कला की विशेषज्ञ ब्रह्मा कुमार नारायण भाई ने दीपा की चौकी पर स्थित ओम शांति सभागृह में वर्तमान माहौल में मन को शांत रखकर समस्त राष्ट्र के प्रति मेरा क्या कर्तव्य है इस पर सभा को संबोधित करते हुए बताया कि हमारा यह दृष्टिकोण समस्या को बढ़ा देता है। समस्या की डिटेल्स के बारे में हम बाद में भी सोच सकते हैं, उस समय सोल्यूशन ओरिएंटेड होने की जरूरत होती है। समस्याओं को स्वीकार करें क्योंकि यह पहले ही घट चुकी हैं इसलिए हमें वर्तमान क्षण पर ध्यान केंद्रित करना होगा। अपने हर विचार को समाधान की तलाश करने, उसे क्रिएट करने और लागू करने की दिशा में मोड़ें। अपनी जिम्मेदारी को निभाते हुए, साथ मिलकर समस्या को सुलझाने पर सभी का ध्यान केंद्रित करने के लिए सशक्त बनाएं।
आज से, जब आप किसी भी कठिन परिस्थिति में हों या किसी कठिन व्यक्ति के साथ हों, तो स्वयं से कहें कि, आपका जीवन परफेक्ट है और जीवन का हर दृश्य सुंदर है। जब भी कोई समस्या हो; बड़ी हो या छोटी, अपनी ऊर्जा को सोल्यूशन की ओर निर्देशित करें। उस स्थिति को, व्यक्ति को स्वीकार करें। दृश्यों या फिर लोगों के व्यवहार पर सवाल उठाने में अपनी ऊर्जा बर्बाद न करें। समझें कि यह लोगों के संस्कार हैं, या फ़िर आपके पिछले जन्मों के कर्म हैं, और आपने स्वयं अपनी किस्मत में यह दृश्य लिखा था। अपने आप पर, अपने कार्यों पर, अपने व्यवहार पर ध्यान केंद्रित करें। अपने उद्देश्यों पर, अगले दृश्य पर ध्यान केंद्रित करें और अपनी ऊर्जा को वर्तमान में रहने के लिए उपयोग करें। आपकी शक्ति अब यानि कि वर्तमान में है। इसलिए शांत रहें। समाधान पर ध्यान केंद्रित करें, समाधान के बारे में सोचें, समाधान की बात करें । सकारात्मकता, खुशी और स्थिरता की चाभी है। कार्यक्रम के अंत में देश में शांति, एकता , सद्भभावना कायम करने के लिए ज्ञान प्रकाश का प्रतीक मोमबत्ती जलाकर परमात्मा शिव से प्रार्थना व मैडिटेशन किया गया और दुआएं मांगी गई । संपूर्ण विश्व में ब्रह्मकुमारी के सेवा केंद्र में योग तपस्या के कार्यक्रम प्रारंभ किए ।कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी माधुरी बहन, सेना बहन, ज्योति बहन, सानिया बहन, अरुण गहलोत, मदन परवाल, अलसिंह व कई शहर के नागरिक उपस्थित थे।





