अभी हम इस देह से, इस पुरानी दुनिया से, इन 5 तत्वों से भी पार हो साइलेन्स में बैठे हैं। साइलेन्स एक बड़ी पॉवर है, इसमें सर्व शक्तियाँ समाई हुई हैं। जैसे साइन्स वालों ने साइन्स पॉवर से शक्तिशाली वस्तुएं बनाई हैं- एटम बॉम्ब आदि। तो हम ऑलमाइटी अथॉरिटी अर्थात् सर्व शक्तियों से सम्पन्न परमधाम निवासी हैं। हम आत्मायें पार्टधारी हैं, पार्ट बजाकर अपने घर चले जाने की तैयारी कर रहे हैं। वह आया है पण्डा बनकर हमको अपने साथ कनेक्शन भी जुड़ाया है क्योंकि अब घर वापिस जाना है। तो अब यहाँ बैठे उस साइलेन्स का अनुभव करना है। जब वहाँ चले जायेंगे तब से साइलेन्स का अनुभव वर्णन नहीं कर सकेंगे। तो अब शान्ति का अनुभव भी बाप इस ही जीवन में कराते हैं।
जितना-जितना हम मन-बुद्धि को 5 तत्वों से पार ले जायेंगे तो जो स्वीट साइलेन्स होम है, वहाँ जाकर निवास करेंगे। और लाइट-माइट का अनुभव करेंगे। जैसे सितारे आकाश तत्व के अन्दर अपने-अपने स्थान पर चमकते रहते हैं, वैसे हम भी ब्रह्म तत्व में जाकर बाप के साथ उस साइलेन्स की शक्ति का अनुभव कर सकते हैं। बाप को इन आँखों से नहीं देख सकते हैं लेकिन उसके कत्र्तव्य द्वारा, उनके गुणों द्वारा, शक्तियों द्वारा उसका अनुभव होता है। जो जितना हम उस स्थिति में रहेंगे उतना ही हम उस साइलेन्स पॉवर का अनुभव करेंगे। उस याद से हमारे अनेक जन्म के विकर्म विनाश होते हैं और मन के संकल्प-विकल्प भी मर्ज हो जाते हैं। मास्टर ऑलमाइटी की स्टेज का अनुभव होता है। जितना-जितना अभ्यास करते जायेंगे उतना बेहद विश्व की सेवा कर सकेंगे। जो वाचा द्वारा हम सर्विस नहीं कर पाते, वह हम समर्थ संकल्प द्वारा दूर वाली आत्माओं की सेवा कर सकते हैं। बाबा कहते हैं आपके बहुत भक्त हैं, जो आपका आह्वान कर रहे हैं, प्यासे हैं। तो वे हमारी झलक को कब देख सकते हैं? जब हम एकाग्र अवस्था में रहेंगे। हमारा संकल्प उतना चले जो समर्थ हो, सेवा अर्थ हो- व्यर्थ न जावे। ऐसा गुप्त पुरूषार्थ चाहिए। बुद्धियोग की लाइन क्लियर हो, बुद्धि पवित्र हो तो बाप की प्रेरणाओं को, बाप की पॉवर को कैच कर सकते हैं।
जब हम देह से निकल बाप को याद करते हैं तो बुद्धियोग जुट जाता है, तब ही बाप से हम सर्वशक्तियों का अनुभव कर सकते हैं। जब हम उन 5 तत्वों से पार हो जाते हैं, पृथ्वी के आकर्षण से परे हो जाते हैं, तब ही हम रीयल शान्ति का अनुभव कर सकते हैं।
हम दुनिया की निगाहों से दूर, आवाज़ से परे परम शान्ति का अनुभव करते हैं, तो आवाज़ में आना पसन्द नहीं आता। हम सिर्फ पार्ट बजाने के लिए कर्मेन्द्रियों का आधार लेकर आते हैं- ऐसे अनुभव होगा।
इस साइलेन्स की शक्ति से क्विक सर्विस कर सकते हैं। साइलेन्स पॉवर दूर-दूर में जाकर काम करेगी। बाबा कहते थे बच्चे तुम विश्व कल्याणी हो। तो हमारा विचार चलता कि हम सारे विश्व की सेवा कैसे करेंगे! जब साइलेन्स पॉवर कई जन्मों के विकर्मों को भस्म कर सकती है तो विश्व की आत्माओं की सेवा क्यों नहीं कर सकती! हम सूक्ष्म में किसी भी आत्मा को बुला सकते हैं, उनसे रूहरिहान कर सकते हैं, उसको लाइट-माइट का दान दे सकते हैं। साइलेन्स पॉवर से ऐसा औरों को अनुभव होगा। सेन्टर पर पांव रखेंगे तो जैसे उन्हों को सन्नाटा महसूस होगा। महसूस होगा तो कितनी शान्ति है। यह बहुत मीठी अवस्था है। इससे बहुत शान्ति, अतीन्द्रिय सुख की महसूसता होती है।



