अलीराजपुर , मध्य प्रदेश। अच्छे शिक्षक के साथ अपनी शिक्षा में दक्ष होने के साथ ,सुसंस्कृत ,चरित्रवान का गुण भी आवश्यक होते हैं, किसी और को शिक्षा देते समय। आज बच्चे शिक्षक की बातों को ग्रहण क्यों नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि एक अच्छा शिक्षक वही माना जाता है जिसके अंदर मनोबल सकारात्मकता से भरपूर हो। जिस शिक्षक के अंदर सकारात्मकता होती है उसके मनोभावों का प्रभाव बच्चों पर अवश्य पड़ता है वह उनके मन को हिल करने वाले एक अच्छे योग्य शिक्षक हीलर बन जाते हैं ।बच्चों की ग्रहण शक्ति, समझने की शक्ति, याददाश्त शक्ति, एकाग्रता की शक्ति, तार्किक शक्ति बढ़ने लगती है जिसके कारण विद्यार्थी प्रतिभावान बन जाते हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया की वायसराय महात्मा गांधी के सामने जब जाते थे तो उनके सामने नजरे नहीं मिलाते थे क्योंकि महात्मा गांधी की दृढ़ इच्छा शक्ति, मनोबल, सकारात्मक से भरपूर थे ।यह विचार इंदौर से पधारे जीवन जीने की कला की विशेषज्ञ ब्रह्मा कुमार नारायण भाई ने जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण विद्यालय में जिले के टीचर्स ट्रेनिंग शिविर में शिक्षकों को संबोधित करते हुए बताया।कि रात को सोने से पहले अपने को सकारात्मक चिंतन दें कि मैं शक्तिशाली निर्भय शांत चित आत्मा हूं मैं भौतिक शक्तियों से भी शक्तिशाली हूं ऐसे विचार अपने अवचेतन मन को देकर रात्रि को सोने से मस्तिष्क तीव्र गति से शांत शक्तिशाली होने लगता है और सवेरे जल्दी उठकर योगाभ्यास करने से दिनभर की नकारात्मक परिस्थितियों का प्रभाव हमारी चेतना पर न्यूनतम होने लगता है और हमारा प्रभाव वातावरण बच्चों के मन के ऊपर ज्यादा असर डालता है जिससे बच्चों की याददास्त शक्ति,ग्रहण शक्ति बढ़ने लगती है। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी ज्योति बहन ने बताया की राजयोग हमारे नैतिक मूल्यों को ,आंतरिक छिपी हुई शक्तियों को बाहर निकालता है जिससे हमारा मनोबल बढ़ता है और हमारा मन चुंबकीय आकर्षण वाला बन जाता है प्रभावशाली बन जाते हैं। कार्यक्रम के अंत में टीचर्स ट्रेनिंग के प्रशिक्षण प्रभारी कैलाश चंद्र सिसोदिया जी ने बताया की शिक्षा के साथ-साथ जीवन में मूल्य का होना जरूरी है और अच्छे मूल्य राजयोग से आते हैं। राजयोग एक वैज्ञानिक पद्धति है जिससे हमारे आंतरिक प्रतिभा को बाहर निकालने की क्षमता होती है हमें प्रभावशाली शिक्षक बनने के लिए हमारा मनोबल भी शक्तिशाली चाहिए।


