मुख पृष्ठअंतर्राष्ट्रीय योग दिवसयोग चेतना और शरीर जोड़कर सम्पूर्ण मानव बनाता

योग चेतना और शरीर जोड़कर सम्पूर्ण मानव बनाता

हमें अपनी दिनचर्या में योग को शामिल करना चाहिए। क्योंकि योग हम सभी के लिए एक जीवन पद्धति है। मानव के शरीर और चेतना को जोडऩे के बाद ही मानव सम्पूर्ण माना जाता है। आज हम होलिस्टिक हेल्थ की बात करते हैं, तब मुझे याद आता है कि योग हमारी प्राचीन अमूल्य देन है। योग मन व शरीर, विचार व कर्म, समय व उपलब्धि की एकात्मकता तथा मानव व प्रकृति के बीच सामंजस्य का मूर्त रूप है। यह स्वास्थ्य एवं कल्याण का समग्र दृष्टिकोण है। इससे हमारी पूरी जीवनशैली एक नए रूप से उभर कर सबके सामने प्रत्यक्ष होती है और हम सारे संसार में उन्हीं तरंगों के साथ जीने लग जाते हैं, जो परमात्मा के साथ जुड़ी हुई है। -माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी,भारत

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