डब्ल्यू.एच.ओ. ने कहा कि व्यक्ति तभी सम्पूर्ण रूप से स्वस्थ माना जाएगा जब वो शारीरिक, मानसिक, सामाजिक तथा आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ हो, उसे ही सर्वांगीण स्वास्थ्य की संज्ञा दी जाएगी।
- शारीरिक स्वास्थ्य
- विश्व स्वास्थ्य संगठन ने शारीरिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति के लक्षण में बताया है…
- जिसकी हृदय व श्वसन प्रणाली सुचारु रूप से चल रही हो।
- जिसका वजन, ग्रन्थियों का स्राव, खून का दबाव, रक्तचाप ठीक चल रहा हो।
- व्यक्ति का मस्तिष्क तथा उसके तंतुओं का सम्पूर्ण रूप से चलना, उसका सपंदन तथा क्रियान्वयन की प्रक्रिया का सुचारू होना।
- मानसिक स्वास्थ्य
- मानसिक स्वास्थ्य आरोग्य का महत्वपूर्ण पहलू है। मानसिक तनाव शारीरिक बीमारियों को जन्म देता है। मानसिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति अपने मस्तिष्क को हर परिस्थिति में संतुलित रख सकता है।
- आत्मसंतोष यदि है तो हम मानसिक रूप से स्वस्थ हैं। विपरित परिस्थिति में एकाग्रता न खोना।
- क्रोध, ईष्र्या, नफरत, भय, आलस्य, चिंता, मोह आदि से पूर्णत: मुक्त होना मानसिक रूप से स्वस्थ होना है।
- सामाजिक स्वास्थ्य
- सामाजिक स्वास्थ्य के पाँच तत्व हैं जो निम्न हैं:-
- परिवार के सदस्यों के बीच आपसी स्नेह एवं शुभ भावना हो।
- बच्चों के समुचित विकास पर ध्यान देना आवश्यक है। माता-पिता को दोनों के बीच संतुलन बनाना अति आवश्यक है।
- कुछ समय आध्यात्मिक मनन-चिंतन एवं जागृति लाने में व्यतीत करने से व्यक्ति के दृष्टिकोण में परिवर्तन आता है एवं वायुमंडल में भी अच्छे प्रकम्पन फैलते हैं।
- आध्यात्मिक स्वास्थ्य
- आध्यात्मिक स्वास्थ्य को मूर्त रूप देने का कार्य करती है हमारी आत्मजागृति।
- ज्ञान की यथार्थ स्थिति तथा आत्मा की अनुभूति का निरंतर अभ्यास।
- मोह रहित शारीरिक एवं वैश्विक जीवन जीना।
- श्रेष्ठ कार्य तथा श्रेष्ठ चरित्र की सत्य निष्ठा।
- निरंतर बुद्धि का योग एक परमात्मा के साथ लगाना।


