चंदला,मध्य प्रदेश। पर्यावरण का महत्व बताते हुए बीके भारती दीदी ने कहा की हर साल 5 जून का दिन दुनिया भर में विश्व पर्यावरण दिवस के तौर पर मनाया जाता है!इसका मकसद है-लोगों को पर्यावरण की सुरक्षा के प्रति जागरूक और सचेत करना !प्रकृति बिना मानव जीवन संभव नहीं। ऐसे में है बेहद जरूरी है कि हम पेड़, पौधों, जंगलों नदियों, झीलों ,भूमि, पहाड़, सबके महत्व को समझें। इस दिवस को मनाने का फैसला 1972 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा आयोजित विश्व पर्यावरण सम्मेलन में चर्चा के बाद लिया गयाके बाद 5 जून 1974 को पहले विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया इस बार विश्व पर्यावरण दिवस की थीम है प्लास्टिक पॉल्यूशन की समस्या का हल। वृक्ष ही संसार में एक ऐसा जीव है जो हमेशा देता हैक्या कभी हमने देखा है कि पेड़ अपना फल खाता है क्या पेड़ अपनी छांव अपने लिए देता है नहीं !पेड़ की ही शाखाओ में अनेकों पक्षी अपना घर बनाते हैं पेड़ की टहनियों में शहद देने वाली मधुमक्खी अपना छत्ता बनती है तो कहते हैं कि पेड़ दया का ऐसा एग्जांपल है जो नेचर में था संसार में कहीं देखने को नहीं मिलता। वैज्ञानिक बताते हैं कि पेड़ों को हमें अपने जीवन में वापस लाना हैआज जब भी टेंपरेचर बढ़ जाता है बाहर का तो हम सोचते कि AC चालू कर लेते हैं उन लोगों के बारे में सोचिए जिनके पास AC नहीं है या बिजली का बिल भरने की क्षमता नहीं है। आध्यात्मिकता हमें सिखाती है कि हम रूट पर काम करें तो सारी चीज ठीक हो जाए इसके लिए हमें पेड़ लगाते समय एक शुभ संकल्प करें यह पेड़ सदा हरा भरा रहे ताकि हम सब का जीवन भी हार भरा बना रहे। कार्यक्रमों मैं TI साहब उदयवीर सिंह जी तथा समस्त स्टाफ उपस्थित रहा!सी.एम. राइस प्रधान अध्यापक अखिलेंद्र सिंह जी ,स्वास्थ्य विभाग एमपी डब्ल्यू सहदेव सिंह जी,( गहोई समाज अध्यक्ष )शत्रुघ्न गुप्त जी,राजेश सोनी मीडिया अरविंद जी (मीडिया)बीके पीति बहन बी के वनीता बहन मुख्य रूप के उपस्थिति रहें।





