बुढलाडा, महाराष्ट्र: ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा नशा मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत दो ध्यान सत्र आयोजित किए गए, जिनमें कुल 109 प्रतिभागियों ने भाग लिया। पहला सत्र अम्बेडकर चौक में 59 बच्चों, युवाओं, पुरुषों और महिलाओं के साथ हुआ जबकि दूसरा सत्र खुले मैदान में 50 प्रतिभागियों के साथ संपन्न हुआ। इन कार्यक्रमों में नशे से उत्पन्न मानसिक, शारीरिक, सामाजिक, आर्थिक और नैतिक विकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाई गई। चर्चा के दौरान यह निष्कर्ष निकला कि नशे की जड़ तनाव या किसी प्रकार की बढ़ती हुई विकृति होती है, जिसका प्रभावी इलाज आध्यात्मिक सशक्तिकरण से संभव है। यदि सभी को उनकी असीम शक्तियों और उपयोगिताओं की जानकारी दी जाए, तो वे समाज के निर्माण और भारत की गरिमा को ऊँचाइयों पर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।





