यह क्षण अमूल्य है ….। 

मुझे आश्चर्य है कि जीवन में कितनी बार लोगों ने कहा होगा कि यह क्षण अमूल्य है, सुखद है, आनंदित है, कुछ खास है। उस क्षण में राहत की सांस लेने जैसा लगता है। लेकिन कुछ घंटे बीत जाने के बाद यह क्षण उतना कीमती, अमूल्य नहीं लगता। यह मानव स्वभाव है कि जब कुछ उसकी इच्छा के अनुसार होता है, तो वह खुश होता है, अन्यथा वह दुखी मन से बोझिल रहता है। जीवन के ये सभी उतार-चढ़ाव एक साधारण व्यक्ति के लिए एक कठिन अनुभव हैं। यदि वह गृहस्थ में है तो कई जिम्मेदारियाँ उसे अपने पल में खुश महसूस नहीं करने देती हैं। यदि वह छात्र है तो उसे पढ़ाई की चिंता रहती है। दरअसल किसी न किसी तरह से लोग सुख, शांति और आनंद की कामना करते रहते हैं और खुशहाल जीवन जीने की पूरी कोशिश भी करते हैं। इसलिए अमूल्य क्षणों को सार्थक करने के लिए पहला- प्रातः काल अमृतवेला और दूसरा संग का ख्याल रखना बहुत जरुरी है।

प्रातः काल हमारे जीवन का स्वर्णिम काल – अमृतवेला है:-

यह वेला है जो मन को सुंदर विचारों से भरता है, स्वयं में शक्ति भरने के लिए अनमोल समय हैं, जो मन को सुंदर विचारों से भर देता है । यह समय दिन का शुभारंभ और शुभमुहूर्त का समय होता है कि हमें पूरा दिन कैसे बिताना है? सफल करके या बिना कारण बातचीत करके ? यह हमारे हाथ में है। हर दिन भगवान हमें 86400 सेकंड का एक सुंदर उपहार देता है, इस गिफ्ट को सफल वही कर सकता है जो समय का सदुपयोग करता है।  समय केवल उसी का समर्थन करता है जो वर्तमान में समय के साथ आध्यात्मिक, सकारात्मकता के साथ अपनी ऊर्जा को स्थानांतरित करता है।

संग  बहुत अच्छा करना है:-

कभी भी किसी की आलोचना और दोषों से जुड़े न हों। इस दुनिया में, आपको कुसंग से खुद को बचाना चाहिए। मेरा मानना ​​है कि इस जीवन में हम सभी के पास सीमित समय है, इसलिए किसी दूसरों की आलोचना करने या खामियों पर ध्यान केंद्रित करने में एक सेकंड बर्बाद नहीं करना चाहिए। यह क्षण अमूल्य है- आप इस सोच से बच सकते हैं। खुद के साथ सबसे अच्छा होना आवश्यक है। दूसरा सर्वोच्च पिता परमात्मा का संग होना चाहिए। हर मुश्किल सवालों का जवाब आसानी से स्वयं के साथ संग करने से  सहज मिल जाता है, जो हम दूसरों से  इच्छा रखते हैं, वे खुद ब खुद  स्वयं के साथ संग करने से  हर सवालों का जवाब  देता है । परमपिता  का संग सर्वोच्च हैं, जो सर्वांगीण विकास की ओर ले  जाता है। हमारे मन के तार को भगवान से जोड़कर, कई प्रकार की ऊर्जा अपने आप में निहित है उसे उजागर कर सकते हैं। । इसलिए अच्छे किताबों का संग , स्वयं का संग और परमात्मा का संग करना चाहिए।

समय का महत्व हमें इस बात का भी याद दिलाता है कि समय कभी वापिस नहीं आता है। एक बार गया समय वापिस नहीं आ सकता है, इसलिए हमें समय का सदुपयोग करना चाहिए। समय का महत्व हमें अनुशासन, उत्साह, और संगठन की शिक्षा देता है। यह हमें नियमितता और कार्यकुशलता की महत्वता को समझाता है।

 तो आइयें इस क्षण को न जाने दे बिना कुछ हांसिल किये। यह क्षण अमूल्य है।

-बी. के. दिलीप भाई शांतिवन।

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