शिक्षिकों में जगाया आत्मबल, बच्चों की पढ़ाई में नया रंग”
भिवाड़ी:, राजस्थान। गाँव की शिक्षिकाओं को बच्चों को अधिक रचनात्मक, प्रभावशाली और आत्मनिर्भर तरीक़े से पढ़ाने के उद्देश्य से एक विशेष नेतृत्व विकास कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का विषय था “पहचानो अपनी शक्ति”, जिसमें क्षेत्र की 50 से भी अधिक प्राथमिक विद्यालयों, आंगनवाड़ी और NGO की शिक्षिकाओं ने भाग लिया।
ANON Global Foundation की founder and President Dr. Aarti Girdhar ने कहा कि ” शिक्षिकाएँ न केवल अपने शिक्षण कौशल को सशक्त करें, बल्कि वे स्वयं में नेतृत्व की भावना विकसित कर बच्चों के समग्र विकास में अहम भूमिका निभा सकें।”
इस कार्यशाला में ब्रह्माकुमारी इस को भी वक्त के रूप में अमंत्रित किया गया |

बी के पूनम ने शिक्षिकों को आत्मनिर्भरता की परिभाषा साथ ही स्वयं की पहचान भी दी | कहा कि शिक्षिका को केवल पाठ्यक्रम तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि उसे बच्चों के अंदर जिज्ञासा, आत्मविश्वास और स्वयं निर्णय लेने की क्षमता भी विकसित करनी चाहिए।
इस दौरान शिक्षिकाओं को बच्चों के लिए क्रिएटिव टीचिंग तकनीक, एक्टिविटी-बेस्ड लर्निंग, और भावनात्मक रूप से जोड़ने वाले शिक्षण तरीक़ों से परिचित कराया गया।
एक शिक्षिका ने बताया, “इस कार्यशाला ने हमें यह सोचने पर मजबूर किया कि हम बच्चों के जीवन को कितने नए तरीकों से छू सकते हैं। अब पढ़ाना केवल किताबों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि हम उन्हें जीवन के लिए तैयार करेंगे।”
कार्यशाला में समस्या-समाधान आधारित सत्र और प्रेरक कहानियाँ शामिल थीं। इसका आयोजन ANON Global Foundation and ARCH Foundation द्वारा किया गया और अंत में शिक्षिकाओं को Meditation भी कराया गया |





