सपाट पेट लोगों का सपना होता है। लेकिन कई लोग ताउम्र इसके लिए संघर्ष करते रहते हैं। वे तमाम जतन कर लेते हैं, लेकिन तोंद है कि कम होने का नाम ही नहीं लेती। कई लोगों की शिकायत होती है कि बाकी शरीर तो उनका ठीक है, लेकिन पेट पर फैट हमेशा बना रहता है। ऐसे में यह सवाल उठना लाज़मी है कि आखिर ऐसा क्यों होता है? खासकर पुरुषों की टेंडेंसी होती है कि उनके पेट पर फैट ज्य़ादा जमा होता है, जबकि महिलाओं के हिप्स पर। इसके लिए हार्मोनल इंबैलेंस भी जिम्मेदार होता है।
1. टेस्टोस्टेरोन:- यह एक पुरुष हार्मोन है। इसी के प्रभाव के कारण सामान्यत: पुरुषों में पेट के चारों ओर तथा आंतरिक अंगों में अधिक चर्बी जमा होने के सेब के आकार का शरीर बनता है जो उनकी तोंद के रूप में दिखाई देता है। यह अपने साथ कई बीमारियों जैसे हृदय रोग, डायबिटीज़, कोलेस्ट्रॉल, कैंसर, स्लीप एपनिया, हाई बी.पी. के खतरे को बढ़ा देता है।
2. इंसुलिन:– जब इस हार्मोन का असंतुलन होता है तो शरीर में अतिरिक्त ऊर्जा फैट में परिवर्तित होकर पेट में जमा होनी शुरु हो जाती है। ज़ाहिर सी बात है, इससे पेट बड़ा होने लगता है। इसके अलावा व्यक्ति डायबिटीज़ का शिकार तो होता ही है।
3. कॉर्टिसोल:- अधिक तनाव और नींद की कमी के कारण शरीर में कॉर्टिसोल हार्मोन का उत्पादन सामान्य से अधिक मात्रा में होने लगता है। इससे शरीर कैलोरी सेविंग मोड में चला जाता है, जिसके कारण वह एनर्जी को फैट के रूप में सुरक्षित कर इसका भंडारण करने लगता है। साथ ही वह वॉटर रिटेंशन भी करता है जिससे पेट फूला हुआ नज़र आता है।
4. एस्ट्रोज:- इसका असंतुलन महिलाओं के पेट पर फैट बढ़ाता है। अक्सर मेनोपॉज़ के बाद या पी.सी.ओ.डी. नामक बीमारी में एस्ट्रोजन हार्मोन का लेवल कम होने लगता है और टेस्टोस्टेरोन का लेवल बढऩे लगता है। इस वजह से महिलाओं का भी पुरुषों की तरह पेट निकलने लगता है।
इन वजहों से भी बढ़ती है तोंद
ट्रांसफैट:- जिन लोगों को अधिक मात्रा में ब्रेड, बिस्किट, हाई कैलोरी बेकरी उत्पाद और पैकेज्ड़ फूड खाने की आदत होती है, उनका पेट अक्सर फूला हुआ रहता है। इसकी प्रमुख वजह है इन फूड प्रोडक्ट्स में ट्रांसफैट, नमक और कुछ हानिकारक प्रिज़र्वेटिव्स की अधिक मात्रा का होना, जो वॉटर रिटेंशन और पेट में सूजन का कारण बनते हैं।
अल्कोहल:- जो लोग अल्कोहल का बहुत अधिक मात्रा में सेवन करते हैं, उनके पेट में भी काफी अतिरिक्त फैट जमा हो जाता है। इस अवस्था को क्रबियर बेलीञ्ज कहा जाता है। इसकी वजह से भी पेट फूला-फूला नज़र आने लगता है।
क्या करें हम? हम अपना जेनेटिक मेकअप यानी जीन की बनावट, चेहरा-मोहरा और हार्मोन का संतुलन तो बदल नहीं सकते, किंतु अपनी लाइफ स्टाइल तो अवश्य बदल सकते हैं। यह तो हमारे हाथ में है। पेट के आस-पास जमा फैट कम करने के लिए संतुलित भोजन लें, जिससे पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन होना चाहिए। इसके अलावा प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट फिजि़कल एक्टिविटी को देकर टमी फैट को एकदम कम नहीं तो नियंत्रित तो कर ही सकते हैं।




