रायगंज (पश्चिम बंगाल) :
• रायगंज (पश्चिम बंगाल) –के टेक्नो इंडिया ग्रुप स्कुल के सभी शिक्षको को आदर्श शिक्षक विषय पर सेमीनार
• आयोजक –स्थानीय ब्रह्माकुमारी सेवाकेंद्र रायगंज (पश्चिम बंगाल)
• मुख्य वक्ता —ब्रह्माकुमार भगवान् भाई माउंट आबू
• विषय –- शिक्षको को आदर्श शिक्षक
• प्रिंसिपल -अभिजित चक्रवती
• मंच संचालन-मोनाली रायबाल-सीनियर शिक्षिक
- राजेश सर -सीनियर शिक्षक
• बी के दीपाली बहन स्थानीय ब्रह्माकुमारी प्रभारी रायगंज (पश्चिम बंगाल)
• बी के सपना बहन राजयोग शिक्षिका रायगंज (पश्चिम बंगाल)
• बी के पोर्णिमा बहन राजयोग शिक्षिका रायगंज (पश्चिम बंगाल)
• बीके सुशीला माता
• बी के नकुल भाई राजयोग शिक्षक ब्रह्माकुमारी पाठशाला कालियागंज
• बी के विश्व भाई ,बी के अमृतेश भाई ,बीके सुशिल भाई
• सभी शिक्षक स्टाफ उपस्थित थे
• कार्यक्रम के अंत में राजयोग का अभ्यास कराया गया
- बी के भगवान भाई ने कहा कि शिक्षकों को केवल पाठ पढ़ाने वाला नहीं बल्कि सारे समाज को श्रेष्ठ मार्ग दर्शन देने वाला होना चाहिए है। उन्होंने कहा कि शिक्षक होने के नाते हमारे अंदर सद्गुण होना आवश्यक है।उन्होंने कहा कि बिगड़ती परिस्थितियों को देखते हुए समाज को सुधारने की बहुत आवश्यकता है। वर्तमान के छात्र भावी समाज हैं। यदि भावी समाज को आदर्श बनाना चाहते हों तो छात्रों को भौतिक शिक्षा के साथ नैतिक आचरण पर भी ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि शिक्षक वही है जो अपने जीवन की धारणाओं से दूसरों को शिक्षा देता है। भगवान भाई ने कहा कि शिक्षा देने के बाद भी यदि बच्चे बिगड़ रहे हैं, उसका अर्थ मूर्तिकार में भी कुछ कमी है। शिक्षकों के केवल पाठ पढ़ाने वाला शिक्षक नहीं बल्कि सारे समाज को श्रेष्ठ मार्गदर्शन देने वाला शिक्षक बनाना है।
उन्होंने कहा कि शिक्षक होने के नाते हमारे अंतर सदगुण होना जरुरी अगर भावी समाज को आदर्श बनाना हैं तो छात्राओं को भौतिक शिक्षा के साथ नैतिक आचरण पर भी उनके ऊपर ध्यान देने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि शिक्षक वही है, जो अपने जीवन की धारणाओं से दूसरों को शिक्षा देता है। किताबी ज्ञान के साथ-साथ बच्चों को अपने जीवन की धारणाओं के आधार पर नैतिक पाठ भी आवश्यक पढ़ाना चाहिए। शिक्षकों के हाव-भाव, उठना, बैठना, चलना व व्यवहार करना इन बातों का असर भी बच्चों के जीवन में पड़ता है।
- प्रिंसिपल -अभिजित चक्रवती जी ने भी अपना उद्बोधन देते हुए कहा की शिक्षक समाज का रोल माडल है शिक्षक को स्व पर ध्यान देने की आवश्यकता है सिर्फ मश्नरी की तरह बनेगे तो जीवन से उब जायेगे सकारात्मक बनने की आवश्यकता है
- स्थानीय ब्रह्मकुमारी राजयोग सेवा केंद्र दीपाली ने कहा कि एक दीपक से पूरा कमरा प्रकाशित होता है।इसी तरह एक शिक्षक से हजारों बच्चे शिक्षित होते हैं। डायरेक्टर राजीव कुमार सिंह ने कहा कि वर्तमान की परिस्थितियों को परिवर्तन करने की जिम्मेवारी शिक्षकों की है। शिक्षकों को स्वयं के आचरण पर ध्यान देने के लिए आध्यात्मिक ज्ञान के साथ-साथ तनाव मुक्त रहने की आवश्यकता है। इस मौके पर सभी शिक्षक मौजूद रहे।
- मंच संचालन-मोनाली रायबाल जी ने किया
- अंत में मेडीटेशन भी कराया