अशान्ति के बीच शान्ति की स्थिति बनाने का अभ्यास चाहिए
साइलेन्स की स्थिति में जब चाहो तब स्थित हो सकते हो क्योंकि आपका अनादि स्वरूप ही स्वीट साइलेन्स है। आदि स्वरूप आवाज़ में आने का है लेकिन अनादि अविनाशी संस्कार साइलेन्स के हैं। अनादि संस्कार इमर्ज करने से स्वीट साइलेन्स का अनुभव होगा। चारों तरफ कितना भी वातावरण हलचल वाला हो लेकिन आवाज़ में रहते आवाज़ से परे की स्थिति का अभ्यास अभी बहुत काल का चाहिए। शान्त वातावरण में शान्ति की स्थिति बनाना यह कोई बड़ी बात नहीं है लेकिन अशान्ति के बीच आप शान्त में रहो यही अभ्यास चाहिए। चाहे अपनी कमज़ोरियों की हलचल हो, संस्कारों के व्यर्थ संकल्पों की हलचल हो, ऐसी हलचल के समय स्वयं को अचल बना सकते हो कि टाइम लग जाता है? टाइम लगना यह कभी भी धोखा दे सकता है। समाप्ति के समय में ज्य़ादा समय नहीं मिलना है। फाइनल रिज़ल्ट का पेपर कुछ सेकण्ड और मिनट का ही होना है लेकिन चारों ओर की हलचल के वातावरण में अचल रहने पर नम्बर मिलना है इसलिए यह रूहानी अनादि स्वीट साइलेन्स में रहने की एक्सरसाइज़ का अभ्यास खूब करो तो फाइनल पेपर बहुत सहज ही पास कर पास विद ऑनर हो जाएंगे। पहले से ही बता देते हैं कि यह पेपर आना है लेकिन नम्बर बहुत थोड़े समय में मिलना है। देह, देह के सम्बन्ध, देह के संस्कार, व्यक्ति व वैभव, वायबे्रशन सब होते हुए भी अंत में आकर्षण न करें, इसी को कहते हैं, नष्टोमोहा समर्थ स्वरूप। लोग चिल्लाते रहें और आप अचल रहो। प्रकृति और माया भी सब लास्ट दाँवपेंच लगाने के लिए अपने तरफ कितना भी खींचें लेकिन आप न्यारे और बाप के प्यारे बनने की स्थिति में लवलीन रहो। प्रकृति और माया में भी जितनी शक्ति होगी, वह ट्रायल करेगी। उनकी भी लास्ट ट्रायल और एक तरफ आप की लास्ट कर्मातीत स्थिति और दूसरी तरफ कर्मबंधन स्थिति होगी। दोनों तरफ की बहुत पॉवरफुल सीन होंगी। वह भी फुल फोर्स से और यह भी फुल फोर्स से आमना-सामना होगा लेकिन सेकण्ड की विजय, विजय के नगाड़े बजाएगी।




