मुख पृष्ठब्र.कु. उषा2026 साल सिर्फ खुशी का नहीं, बल्कि आत्मा की उड़ान का उत्सव

2026 साल सिर्फ खुशी का नहीं, बल्कि आत्मा की उड़ान का उत्सव

नया वर्ष हमारे लिए तो खुशियां लायेगा ही किन्तु हमें दूसरों के जीवन में भी खुशियां भर उन्हें परमात्मा का संदेश देकर उनके जीवन में भी रोशनी लाएं, उनका जीवन सहज और सुगम बने, उनके चेहरे पर भी खुशियों की झलक दिखाई दे। आत्मिक भाव का तीव्र अभ्यास कर अपनत्व सा दूसरों के साथ व्यवहार करें।

ने वाला वर्ष 2026 हरेक आत्मा के लिए गहन आध्यात्मिक उन्नति का अवसर लेकर आयेगा। यह समय केवल तिथियों का परिवर्तन नहीं है, बल्कि यह आत्मा के नवजागरण और परमात्मा से सच्चे संबंध को और प्रगाढ़ बनाने का स्वर्णिम अवसर है।

आत्मा की अपनी वास्तविक पहचान – जब शरीर तथा आत्मा दोनों हैं तब मनुष्य है। शरीर विनाशी है और हम जो हैं, शरीर को धारण करने वाली चेतन आत्मा हूँ ये समझना सबसे पहला आधार है परिवर्तन का। क्रमैं शुद्ध, शान्त स्वरूप आत्मा हूँञ्ज- का अभ्यास गहरा करना होगा। शरीर, पद, संबंध और भौतिक उपलब्धियों से परे आत्मा की शाश्वत सच्चाई को याद करना ही वास्तविक जागृति है। जब आत्मा अपने स्वरूप को पहचानती है, तो स्वचालित ही जीवन में हल्कापन और सुख की अनुभूति होती है।

परमात्म-संबंध की गहराई – यह वर्ष विशेष है क्योंकि संगमयुग के अंतिम चरण में परमात्मा शिव हमें अपने निकटतम बनाने की पुकार दे रहे हैं। योगाभ्यास द्वारा उनके साथ गहन आत्मिक कनेक्शन विकसित करना ही वास्तविक शक्ति का स्रोत है। परमात्मा हमारा परमपिता है हम उनके बच्चे हैं ये संबंध से ही शक्ति प्राप्त होगी। जो आने वाले समय की चुनौतियों को पार करने के लिए हमें इसी शक्ति की आवश्यकता हर कदम पर होगी।

संकल्प-शक्ति का प्रयोग – 2026 हमें याद दिलाता है कि संकल्प ही हमारी वास्तविक सृजनशक्ति है। सकारात्मक और शुद्ध संकल्प से न केवल हमारा जीवन बदल सकता है बल्कि वातावरण भी रूपांतरित हो सकता है। नये वर्ष में हम ईश्वरीय संतान को, नकारात्मक विचारों को समाप्त कर केवल सात्विक और कल्याणकारी संकल्पों को धारण करने का अभ्यास करना है।

सेवा व आत्म-उन्नति के लिए – सेवा का आया नया वर्ष केवल आत्म-उन्नति के लिए नहीं, बल्कि विश्व सेवा के लिए भी विशेष है। हमें अपने जीवन को ऐसा बनाना है कि हमारे हर विचार, हर बोल और हर कर्म से दूसरों को प्रेरणा और शान्ति का संदेश मिले। डिजि़टल युग में माध्यमों के द्वारा आध्यात्मिकता का प्रसार करना समय की मांग है। परंतु ध्यान भी रखना है कि इस साधन का उपयोग सेवार्थ ही करें, परमात्मा की स्मृति भी उसमें समाई हुई हो।

संकल्पित लक्ष्य – 2026 का संकल्प यही है कि हर आत्मा पवित्रता, शान्ति और प्रेम को जीवन का आधार बनाए। पुरानी कमज़ोरियों और संस्कारों को त्यागकर नये दिव्य संस्कारों को धारण करना ही वास्तविक नया साल मनाना है। यह केवल त्योहारों की खुशी नहीं, बल्कि आत्मा की उड़ान का उत्सव है। 2026 का नया साल आत्माओं के लिए स्वर्णिम अवसर है। यदि हम आत्म- जागरूकता, परमात्म संबंध और शुद्ध संकल्पों के मार्ग पर चलते हैं, तो न केवल अपनी उन्नति करेंगे बल्कि संसार को भी शान्ति और सुख का संदेश देंगे। यही सच्चा आध्यात्मिक नव वर्ष होगा।

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