मुख पृष्ठWingsWomens Wingभोरा कलां:- तीन दिवसीय राष्ट्रीय महिला सम्मेलन का समापन

भोरा कलां:- तीन दिवसीय राष्ट्रीय महिला सम्मेलन का समापन

अधिकार के साथ अपनी जिम्मेवारी को समझना भी बेहद जरूरी – रेणु भाटिया

आंतरिक रूप से सशक्त बनाता है राजयोग – सलोनी मल्होत्रा

ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के महिला प्रभाग द्वारा हुआ आयोजन

पैनल डिस्कशन के माध्यम से अनेक वक्ताओं ने रखे अपने विचार

भोरा कलां -गुरुग्राम,हरियाणा।
महिलाओं को अधिकार के साथ अपनी जिम्मेवारी को भी निभाना जरूरी है। उक्त विचार हरियाणा राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रेणु भाटिया ने ब्रह्माकुमारीज़ के भोराकलां स्थित ओम शांति रिट्रीट सेंटर में रखे। ये बात उन्होंने तीन दिवसीय राष्ट्रीय महिला सम्मेलन के समापन सत्र में कही। दादी प्रकाशमणी सभागार में आध्यात्मिकता से नारी सुरक्षा विषय पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि वो काफी समय से ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के साथ जुड़ी हैं। उन्होंने कहा कि जब वो संस्था से जुड़ी तब उन्हें कैंसर था। राजयोग के अभ्यास से उन्हें कैंसर के उपचार में काफी मदद मिली। उन्होंने कहा कि ब्रह्माकुमारीज़ में आकर अपार स्नेह का अनुभव किया। भौतिक शिक्षा हम कितनी भी प्राप्त कर लें। लेकिन अगर पारिवारिक मूल्य नहीं हैं तो सफल नहीं हो सकते। शरीर की सुरक्षा से पहले हमें अपने अंतर्मन की सुरक्षा का विचार करना होगा। उन्होंने कहा कि हमें महिला सशक्तिकरण का सही अर्थ समझना होगा। केवल आर्थिक एवं सामाजिक विकास ही सशक्तिकरण नहीं है। आध्यात्मिक सशक्तिकरण के बिना सुरक्षित रहना मुश्किल है।

फैशन डिजाइनर मिसेज इंटरनेशनल 2025 सलोनी मल्होत्रा ने कहा कि राजयोग ही सुरक्षा का आधार है। राजयोग हमारी आंतरिक शक्ति को बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि हम राजयोग के द्वारा हम हर प्रकार की परिस्थिति का सामना कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम अपने पास ऐसे पॉजिटिव कोट्स रखें जिससे हमारा मनोबल बढ़ता रहे।

श्रीराम सोसाइटी ऑफ रियल एजुकेशन की निदेशक एवं अध्यक्ष डॉ. अमृता ज्योति ने कहा कि जीवन में असली आनंद, शांति और संतुष्टता से ही मिलता हैं। आनंद की कमी का असली कारण आध्यात्मिक जागृति न होना है। डॉ. ज्योति ने कहा कि भौतिक चीजों का प्रभाव हमारी ऊर्जा को सोख लेता है। आज मोबाइल के कारण सबसे ज्यादा ऊर्जा बाधित हो रही है।

संस्थान के पालम विहार सेवाकेंद्र की प्रभारी बीके उर्मिल ने अपने वक्तव्य से कार्यक्रम की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि परिवार, समाज एवं विश्व को सुखी बनाने के लिए सबसे पहले हमें स्वयं को शक्तिशाली बनाना है। स्व परिवर्तन ही विश्व परिवर्तन का आधार है।
राजयोग से जीवन में आए परिवर्तन के बारे डॉ. मंजु गुप्ता ने अपना अनुभव व्यक्त किया। डॉ.गुप्ता ने कहा कि पिछले 40 वर्षों से वो संस्थान से जुड़ी हैं। उन्होंने कहा कि पहले उन्हें बात-बात पर क्रोध आता था। लेकिन वो समझ नहीं पाती थी ये क्यों हो रहा है। राजयोग के अभ्यास से उनके जीवन में महान परिवर्तन आया। आज वो दूसरों को भी राजयोग सीखने की प्रेरणा देती हैं। संस्थान के दिल्ली, लॉरेंस रोड स्थित सेवाकेंद्र प्रभारी बीके लक्ष्मी ने राजयोग के अभ्यास से शांति की गहन अनुभूति कराई।
कार्यक्रम में पैनल डिस्कशन के माध्यम से अनेक विषयों पर चर्चा हुई। जिसमें वक्ताओं ने अपने विचार रखे। तीन दिवसीय सम्मेलन में राजयोग के अनुभवी विशेषज्ञों द्वारा ईश्वरीय ज्ञान और राजयोग की गहरी जानकारी दी गई। अनेक सत्रों के माध्यम से सभी ने ईश्वरीय शांति एवं शक्ति की अनुभूति की।
दिल्ली प्रताप नगर से आई अर्चना नंदा ने कहा कि यहां के वातावरण में ऊर्जा का प्रवाह है। जिससे मन सहज ही शांति का अनुभव करता है। मंच संचालन बीके हुसैन ने किया।

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