शिवरीनारायण,छत्तीसगढ़: गीता ज्ञान द्वारा सनातन संस्कृति की पुनः स्थापना का आयोजन बिलासपुर धार्मिक प्रभाग के द्वारा मेला ग्राउंड के पास सत्संग भवन में किया गया।

मुख्य वक्ता धार्मिक प्रभाग के जोनल कोऑर्डिनेटर इंदौर से पधारे ब्रह्मा कुमार नारायण भाई ने बताया की सनातन का अर्थ है शाश्वत और शाश्वत आत्मा है आत्मा के गुण या धर्म कहो वह शांति, प्रेम, पवित्रता और जब यह गुण राजयोग के माध्यम से आत्मा में जागृत हो जाते है तो ही सत्य सनातन धर्म की स्थापना प्रारंभ होती है। यह कार्य स्वयं निराकार परमात्मा जो की सदा सत्य शाश्वत है वहीं आकर हम आत्माओं की ज्योति जगाते हैं जिससे आत्मा के शाश्वत गुण की जागृति हो जाती है। हमारे संस्कार परिवर्तन होकर संसार परिवर्तित हो जाता है। गीता ज्ञान के द्वारा पुनः आदि सनातन संस्कृति की स्थापना हो जाती है। अपने आगे बताया हिंदू मुस्लिम सिख इसाई यह सब हमारे शरीर के धर्म है पर आत्मा का मूल धर्म प्रेम, शांति ,पवित्रता जिसका स्रोत परमात्मा शिव ही है ।

मुख्य अतिथि सहारनपुर से पधारे आचार्य महामंडलेश्वर कमल किशोर जी ने बताया की ब्रह्मकुमारी के बारे में कई भ्रांतियां हैं कहते हैं कि यह सनातन धर्म को नहीं मानती है अपने अनुभव से बताया कि जब मैं ब्रह्माकुमारी आश्रम गया तो पता चला यह तो शिव को ही मानती है इनका मूल उद्देश्य नर ऐसी करनी करें जो नारायण बन जाए नारी ऐसी करनी करें जो लक्ष्मी बन जाए । सनातन धर्म की स्थापना में यहां के भाई-बहन समर्पित रूप से लगे हुए हैं यही शाश्वत सनातन धर्म है जिसकी वर्तमान समय आवश्यकता है ।
संत गोपाल दास जी ने बताया कि धन से ज्यादा है परमात्मा की धुन में खो जाना है। धन सदा आपके पास नहीं रहता है जिसके पास धन है वहां विपत्ति रहती है परमात्मा का नाम रुपी धन सदा आपके साथ है तो सदा आप सुरक्षित रहेंगे ।
पामगढ़ क्षेत्र की विधायक श्रीमती शेष राज हरबंस ने बताया कि की ब्रह्माकुमारी की सराहना करते हुए कहा ऐसा आयोजन करना अर्थात धर्म के प्रति लोगों को जागृत करना है। अपने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए आयोजकों को बधाई दी है।
महंत ओम प्रकाश जी ने कहा कि ऐसे संतों का आगमन हमारे शिवरीनारायण तीर्थ स्थान के लिए गौरव का विषय है और ब्रह्माकुमारी सनातन धर्म की पुनः स्थापना में योगदान के लिए सराहना की।
संत हौसला प्रसाद जी ने कहा कि बिना धर्म से जुड़े सुख शांति का वास जीवन में नहीं हो सकता। बिना धर्म के समाज ऐसा है जैसे एक छक्के की गाड़ी।
स्वामी दिनेश प्रसाद गोस्वामी जी ने आयोजन की सराहना की और कहा धर्म उम्मीद जगाता है सब की ज्योत जगाता है अपने जीवन को अनमोल बनाता है। सभ्य समाज से जुड़ना ही धर्म है ।
स्वामी सुरेंद्र जी ने कहा जब ऐसी बाल ब्रह्मचारी बहने इस पुनीत कार्य में लग जाएगी तो निश्चित ही भारत फिर से विश्व गुरु बन जाएगा इसमें कोई संदेह नहीं है ।कार्यक्रम का सफल संचालन ब्रह्माकुमारी राखी बहन ने किया।
कार्यक्रम का आभार प्रदर्शन ब्रह्माकुमारी लक्ष्मी बहन ने किया । कार्यक्रम के अंत में ब्रह्मा कुमार सुभाष भाई ,ब्रह्मा कुमार शरणजीत भाई ने मेरा बाबा आ गया गीत की प्रस्तुति की और सभी ने शिव परमात्मा शिव का ध्वज लहराया और सभी को अंत में ईश्वरीय सौगात दी गई। कार्यक्रम में काफी संख्या में नागरिक उपस्थित थे। ऐसा कार्यक्रम इस क्षेत्र में पहली बार हुआ ऐसा सभी संत समाज बोल रहे थे।









