शांती स्थापन करने के लिए एकमात्र उपाय – ध्यान (राजयोग मेडिटेशन) बी के प्रेमलता दीदी
कामठी,महाराष्ट्र: विश्व ध्यान दिवस के उपलक्ष में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की शाखा कामठी(रनाळा) में सामूहिक ध्यान साधना का आयोजन किया गया| जिसमे सभी ने विश्व मे शांती, विश्वास एवं एकता लाने के लिए संगठित रुप से साधना कर श्रेष्ठ समाज के लिये मंगल कामना की।
विश्व ध्यान दिवस पर उद्बोधन करते हुए सेवाकेंद्र संचालिका ब्रह्माकुमारी प्रेमलता दीदी ने कहा की बडे गर्व की बात है की भारत के प्राचीन ध्यान विधि को संयुक्त राष्ट्र संघ ने सारे विश्व के लिए जरूरी समझ कर 21 दिसेंबर को विश्व ध्यान दिवस घोषित किया| जिसके अंतर्गत सारे विश्व मे विश्व ध्यान दिवस कार्यक्रम आयोजित कर शांति का संदेश सारे विश्वको दिया जाता है।
उन्होंने आगे बताया की ध्यान केवल व्यक्तिगत साधना ही नही लेकीन व्यक्ति द्वारा किया गया ध्यान विश्व तक पहुंचता है जो शांती ,सद्भाव ,एकता, प्रेम और भाईचारा बढाने में कारगर है| ब्रह्माकुमारीज् विद्यालय पिछले 90 वर्ष से ध्यान अर्थात राजयोग मेडिटेशन की विधि सिखा रहा है जिसका एक केंद्र कामठी मे भी पिछले 40 वर्ष से आजूबाजू के क्षेत्र में ब्रह्माकुमारी प्रेमलता दीदी एवं उनके साथियो द्वारा राजयोग मेडीटेशन (ध्यान) सिखाया जाता है जिसके द्वारा अनेक लोगो ने अपने जीवन को तणावमुक्त, नशा मुक्त बनाया है| ध्यान अर्थात राजयोग मेडिटेशन हर उम्र के लोगो के लिये जरुरी है और उनके फायदे भी दीदी ने अपने मार्गदर्शन में बताये की बच्चो में मेडिटेशन एक मजबूत भविष्य के निर्माण सहयोग करता हैं , युवाओं में शिक्षा और स्पर्धा के बीच संतुलन प्रदान करता है, वयस्को के लिये तणावमुक्त और संतुलित जीवनशैली का वरदान बन जाता है साथ ही बुजुर्गों के लिए मानसिक शांती और आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र बन जाता है| इसलिये हर व्यक्ती ने ध्यान की विधी सीखकर अपने स्वास्थ्य और पारिवारिक एकता एवं जीवन मे सद्गुणो की धारणा के लिए ध्यान साधना करना जरुरी है| जो हमारे प्राचीन ऋषी मुनियों ने सिखाई हुई परंपरा, भारत की प्राचीन संस्कृती को उजागर करने का, जो हमारे संस्कार ,संस्कृती और श्रेष्ठ संसार को प्रगट करने का यह दिन है ऐसे महान दिवस पर सभी ने ब्रह्मा कुमारीज् का राजयोग मेडिटेशन अर्थात ध्यान का अभ्यास कर अपने जीवन को श्रेष्ठ बनाने के लिए ध्यान करने का प्रेमलता दीदी ने सभी को आव्हान किया।






