श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर ब्रहमाकुमारियों ने सजाया राधे कृष्ण की आकर्षक चैतन्य झांकी

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मोतिहारी,बिहार: प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय हिंदी बाजार सेवा केंद्र द्वारा श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर आकर्षक राधे कृष्ण की चैतन्य झांकी सजाई गई। चैतन्य झांकी में सजी राधे कृष्णा दिव्य अलौकिक छटा बिखेर रहे थे । झांकी सजने के बाद सेवा केंद्र  प्रभारी बी के बीभा बहन ,सहायक प्रभारी बीके आरती बहन, सेवा केंद्र के नियमित राजयोगी  ब्रम्हाकुमारी भाई बहनो ने श्री कृष्ण की आरती उतारी और उन्हें माखन खिलाया ।उक्त अवसर पर सेवा केंद्र प्रभारी बीके विभा बहन ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जब धरती पूरी तरह से अपवित्र  हो जाती है और मूल्य विहीन समाज हो जाता है  कला समाप्त हो जाती है तब धरा पर परमपिता परमात्मा शिव बाबा का अवतरण होता है ,और वे अपवित्र दुनिया को पावन बनाते हैं। जब दुनिया पावन बन जाती है तब श्री कृष्ण का जन्म होता है। श्री कृष्ण के जन्म होने के बाद नई सतयुगी दुनिया आरंभ होती है। प्रत्येक 5000 वर्ष के अंतराल पर यह होता है। श्रीकृष्ण  युवावस्था में जब आते हैं तब स्वयंबर के बाद विष्णु बनते हैं और वे विश्व  के प्रथम प्रिंस के रूप में कार्यभार संभालते है। राधा लक्ष्मी बनती है और श्रीकृष्ण  विष्णु -नारायण बनते हैं। बीके अशोक भाई ने कहा कि प्रत्येक 5000 वर्ष पर सृष्टि एक चक्र घूम जाती है 4 युग का कलप समाप्त हो जाता है  फिर नई दुनिया सतयुग आरंभ होती है ।भारत विश्व गुरु बनता है । एक राज, एक धर्म, एक भाषा और और एक झंडा होता है  ,फिर भारत का विस्तार  होता है जिसमें अलग-अलग राष्ट्र बनते हैं। इसलिए ही भारत को विश्व गुरु कहा जाता है। एक बार फिर भारत विश्व गुरु बनने जा रहा है।कार्यक्रम में उपस्थित रहने वालों में मुख्य रूप से बीके अनीता ,बीके पूनम, बीके रामाधार,बीके विनोद,बीके मुक्ता, बीके राखी, बीके शिवपूजन भाई, बीके नंद भाई ,बीके राम नंदन भाई ,बीके भरत भाई ,बीके सुलोचना माता, बीके प्रियंका,बीके रंजन भाई एवं अन्य थे। झांकी में राधे के रूप में सान्वी वर्मा,  कृष्ण के रूप में छवि घंटो  बिलकुल स्वाभाविक अंदाज में छठा विखेरती रही।

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