> श्री कृष्ण और सुदामा की लघु नाटिका से दिया दिव्य अध्यात्मिक संदेश
>नैनाभिराम श्री राधा कृष्ण की झांकी रही आकर्षण का केंद्र
>भारत को पुनः श्री कृष्ण पुरी बनाने में प्राचीन राजयोग की है महती आवश्यकता
>बड़ी संख्या में रिफाइनरी के अधिकारियों और विशिष्ट गणों की रही उपस्थिति
मथुरा, उत्तर प्रदेश: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के स्थानीय सेवा केंद्र रिफाइनरी नगर मथुरा द्वारा भव्य श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव का आयोजन किया गया. आयोजन का शुभारंभ संस्था के अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बी के डॉ रतनमोहिनी दादी के शुभकामना संदेश से हुआ, जिसमें उन्होंने वर्तमान परिदृश्य में श्रीकृष्ण के जीवन आदर्शों की प्रासंगिकता पर बल दिया.
आयोजन में श्री कृष्ण और सुदामा के जीवन दर्शन का मंचन जीवंत हो उठा. तत्पश्चात सेवा केंद्र प्रभारी राजयोगिनी बीके कृष्णा बहन ने श्री कृष्ण और सुदामा के जीवन दर्शन का मर्मस्पर्शी आध्यात्मिक अर्थ बताते हुए कहा कि जैसे श्रीकृष्ण ने सुदामा को तीन मुट्ठी चावल के बदले तीन लोक का स्वामी बना दिया वैसे ही हम सभी भी अपना तन मन धन ईश्वर अर्थ सफल कर बैकुंठ वासी बन सकते हैं.
आयोजन में श्रीराधा कृष्ण की सुंदर झांकी और मनमोहक नृत्य को देखकर श्रोता गण मंत्रमुग्ध होकर झूम उठे और पूरा सभागार अलौकिक आनंद की दिव्य अनुभूति में डूब गया.
ऋषि कुल इंटरनेशनल स्कूल के प्राचार्य डॉ ललित मोहन शर्मा ने भारत को पुनः श्री कृष्ण पुरी बनाने हेतु भारत के प्राचीन राजयोग शिक्षा की अनिवार्यता पर बल दिया और बचपन से ही चरित्र निर्माण की शिक्षा की आवश्यकता पर प्रकाश डाला.
आयोजन में बड़ी संख्या में रिफाइनरी के अधिकारीगण और स्थानीय विशिष्ट गणों की उपस्थिति रही. मंच संचालन बीके मनोज भाई और धन्यवाद ज्ञापन बी के आलोक भाई ने किया.

