नरसिंहपुर,म प्र: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय दिव्य संस्कार भवन नरसिंहपुर के तत्वावधान में शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में “शिक्षक सशक्त भारत का निर्माता “विषय पर आध्यात्मिक संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह कार्यक्रम आयोजित किया गया।इस अवसर पर जिला संचालिका ब्र कु कुसुम बहन जी ने कहा की माता पिता शरीर को जन्म देते हैं जिसमें विभिन्न अंग होते हैं जैसे मुख, हाथ ,पैर आदि लेकिन मुख से क्या बोलना है, हाथों से कैसे कर्म करना है, पैरों से किस मार्ग पर चलना है? यह शिक्षक बताते हैं। अपने श्रेष्ठ आचरण से शिक्षा देने के कारण ही शिक्षक को आचार्य कहा जाता है। शिक्षक सशक्त भारत का निर्माता है। महान दार्शनिक डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी श्रेष्ठ शिक्षक के रूप में उदाहरण है ।उनका जन्मदिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। राष्ट्र निर्माता शिक्षक गणों का सम्मान करना हम सभी का कर्तव्य है।दीदी ने कहा कि परम पिता परमात्मा शिव शिक्षकों के भी शिक्षक परम शिक्षक है जो कि प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के द्वारा विश्व का नव निर्माण कर रहे हैं। उनकी आज्ञा पर चलकर हम सब को उनका सम्मान करना चाहिए।दीदी ने बताया कि ब्रह्मकुमारीज संस्थान से अनेक शिक्षक जुड़े हुए हैं जो परम शिक्षक परमात्मा से नैतिक मूल्यों की पढ़ाई पढ़ कर मूल्यवान बन रहे हैं ।उन्ही में से दो पूर्व स्व शिक्षक _आदरणीय डी पी प्रजापति जी एवम् आदरणीय एस के शर्मा जी को एवम उनकी सेवाओं का संस्मरण कर सम्मानित एवम् श्रद्धांजलि अर्पित की।इस अवसर पर श्रद्धेय दीदी जी ने शिक्षक गण भ्राता टेक सिंह पटेल,भ्राता आशीष घोषी, योग शिक्षक भ्राता आशीष नेमा , भ्राता रामगोपाल नेमा ,बहिन कृष्ण कांति ,बहिन भारती कौरव,बहिन प्रीति गुप्ता आदि सहित लगभग 51 शिक्षक गणों का शाल ,श्रीफल , कलम, एवम प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया।समस्त शिक्षक गण एवम ब्रह्मकुमारीज के सदस्य भ्राता अजय नेमा ,गुलाब सिंह झरिया , विष्णु चावला , इंदु बहिन,सुमन ,मनीषा,मंजू , भागवती बहिन सहित अनेक सदस्यों ने त्रिमूर्ति ब्र कु कुसुम बहन जी को पुष्पहार से सम्मानित कर आशीर्वाद प्राप्त किया।इसके साथ ही बी के प्रीति दीदी, बीके अर्पिता दीदी, बीके नेहा दीदी,बीके विधि दीदी ,बीके अंजना दीदी आदि आध्यात्मिक शिक्षिकाओं का स्वागत सम्मान किया।इस अवसर पर डिवाइन एंजिल ग्रुप द्वारा शानदार स्वागत नृत्य प्रस्तुत किया गया तथा अंत में सभी ने “मेरे सतगुरु प्यारे का दरबार बड़ा सोना है”प्रेरणादाई गीत पर नृत्य कर परमात्मा का धन्यवाद किया।