इंदौर-प्रेमनगर नगर: अंतर्राष्ट्रीय बेटी दिवस के उपलक्ष्य पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया

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इंदौर-प्रेमनगर,मध्य प्रदेश। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के मुख्य सेवाकेंद्र प्रेमनगर द्वारा, आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर परियोजना के अंतर्गत, “ अंतर्राष्ट्रीय बेटी दिवस “ के उपलक्ष्य पर अनुभूती भवन प्रेमनगर नगर सेवाकेंद्र, इंदौर में कार्यक्रम का आयोजन किया गया| कार्यक्रम का विषय था “संस्कारो की धरोहर बेटियाँ जिसमे125 से अधिक भाई बहने उपस्थित थे | कार्यक्रम में मुख्य अतिथि उपस्थित थे –

  1. भ्राता राघवेन्द्र देराश्री (प्राचार्य, दयानंद सरस्वती शिशु मंदिर, खातीवाला टैंक इंदौर )
  2. भ्राता राजेश आहूजा (व्यवसायी, दुबई)
  3. श्रीमती अर्चना खेर (उप महाधिवक्ता, उच्च न्यायालय, म.प्र.)  
  4. बहन मंजुषा जोहरी (डायरेक्टर, अनादी कला केंद्र एवं मोटिवेशन स्पीकर)
  5. बी. के. शशी दीदी जी (प्रभारी, मुख्य सेवाकेंद्र प्रेमनगर इंदौर पश्चिम क्षेत्र)
  6. बी.के. यश्वनी दीदी (इंदौर बिजलपुर उप सेवाकेंद्र प्रभारी )

कार्यक्रम में सभी अतिथियों का स्वागत ब्र.कु.यश्वनी दीदी एवं ब्र.कु. शारदा दीदी ने पुष्प्गुछो, माला एवं पट्टे से किया गया | तत्पश्चात कार्यक्रम का शुभारंभ सभी अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया |

भ्राता राघवेन्द्र देराश्री जी ने भारतीय संस्कृति में कन्याओ की प्रशंसा करते हुए कहा की बेटियाँ परमात्मा द्वारा दी हुई पवित्र दुआए है| देने की परम्परा हमारे देश में ही है, आज की नारियां ही भावी भविष्य की समृद्धि है | वो सभी परम भाग्यशाली है जिनके यहाँ बेटियाँ है, आज के समय में हमे बेटियों का संरक्षण,समर्थन और सुरक्षा करनी होगी| परमात्मा ने संस्कार की संस्कृति बेटियों को दी है | साथ ही भ्राता जी ने अपने जीवन में संस्कारो के संरक्षण के लिए पांच “भ” का महत्त्व भी बताया – भवन, भाषा, भजन, भूषा एवं भोजन |

तत्पश्चात श्रीमती अर्चना खेर जी ने विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा की हम बहुत भाग्यशाली है जो भारत भूमि पर हमने बेटी के रूप में जन्म लिया, क्योकि हमे अपने अधिकारों के लिए लड़ना नहीं पड़ता है, हमारा समाज, हमारे वरिष्ठजन हमारे लिए लड़ते है| विश्व का सबसे अच्छा स्लोगन है –“ बेटी पढाओ, बेटी बचाओ, बेटी बढाओ “ | उन्होंने कहा की शिक्षित होने के साथ साथ संस्कारित होना भी जरुरी है, इसलिए बेटियों को संस्कार देने के लिए पहले माताओं का संस्कारित होना जरुरी है |

भ्राता राजेश आहूजा जी ने संस्था की प्रशंसा करते हुए कहा की परमात्मा ने ज्ञान का कलश माताओं के ऊपर रखा है | विश्व को जब भी शांति, अहिंसा और करुणा की जरुरत होती है वह भारत की ओर देखते है | हमारा सबसे पहला गुरु हमारी माँ ही होती है |   

ब्र.कु. शशी दीदी जी ने कहा की कन्याओ को सशक्त, सक्षम एवं आत्मनिर्भर बनना है जो स्वयं के साथ साथ औरो की भी सुरक्षा के निमित्त बन जाए| आज यह संस्था विश्व के 140 देशो में जन जन को संस्कार,नैतिक मूल्यों को जीवन में धारण कर श्रेष्ठता लाने का कार्य कर रही है | हम सब कन्याए सच्ची सच्ची शिव शक्तियां है, हमे स्वयं को परम शक्ति से जुड़ कर अपने को सर्व शक्तिशाली बनाना है | आपने आगे बताया की यह कार्य निराकार शिव परमात्मा साकार प्रजापिता के माध्यम से पिछले 86 वर्षो से ईश्वरीय ज्ञान एवं राजयोग मेडिटेशन द्वारा जन जन को संस्कारित कर सुयोग्य बना रहे है |

अंत में ब्र.कु. यश्वनी दीदी जी ने योग अनुभूति करवाई एवं ब्र.कु. शशी दीदी जी ने संकल्प दिलवाया| साथ ही सभी अतिथियो का आभार वयक्त करते हुए सभी कन्याओ को तिलक लगा कर “आज का विचार “ पुस्तक सौगात में दी| मंच संचालन बहन मंजुषा जोहरी द्वारा किया गया | 

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