जोधपुर,राजस्थान। मेरा भारत नशा मुक्त भारत के अंतर्गत मेरा राजस्थान व्यसन मुक्त राजस्थान कैंपेन राजस्थान के जालौर में दिनांक 17 अगस्त 2022 को शुरू किया गया था यह कैंपेन दो चरणों में चलाया गया जिसके दौरान 4 जिलों की 16 तहसीलों में और उनके ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों मैं नशा मुक्ति संबंधी सेवाएं प्रदान की गई |
-2 अक्टूबर 2022 को जोधपुर में अभियान का समापन किया गया |
– एक लाख से अधिक लोगों ने लोगों ने पूरे अभियान के दौरान लिया भाग |
– ९०००० लोगों ने विभिन्न कार्यक्रमों में नशा मुक्ति का संकल्प लिया
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की सहयोगी संस्था राजयोग एजुकेशन एंव रिसर्च फाउंडेशन के मेडिकल विंग और भारत सरकार द्वारा संयुक्त रूप से एवं राजस्थान के मुख्यमंत्री आदरणीय श्री अशोक गहलोत जी के व्यसन मुक्त राजस्थान को लेकर एक वर्षीय ‘माई राजस्थान एडिक्शन फ्री राजस्थान अभियान चलाया गया। अभियान का शुभारंभ 21 जनवरी 2022 को माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने वर्चुअल हरी झंडी दिखाकर ब्रह्माकुमारीज के अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय शांतिवन आबू रोड से किया था। अभियान राजस्थान के 4 जिलों की 16 तहसीलों में पहुंचा। इसमें हजारों ब्रह्माकुमार भाई-बहनों और बीके डॉक्टर्स ने अपनी सेवाएं नि:शुल्क रूप से दीं। इस दौरान रास्ते में आने वाले स्कूल, कॉलेज, मेडिकल कॉलेज,नर्सिंग कॉलेज,हॉस्पिटल, पब्लिक प्लेस, फैक्ट्री आदि-2 स्थानों में नशा मुक्ति कार्यक्रम किए गए।
मेडिकल विंग के कार्यकारी सचिव डॉ. बीके बनारसीलाल साह ने बताया कि अभियान के तहत पूरे प्रदेश में 260 से अधिक मेगा कार्यक्रम आयोजित किए गए। इनमें एक लाख लोगों ने भाग लिया। वहीं ९०००० लोगों ने कार्यक्रमों में जीवन में आगे नशा नहीं करने, गुटखा छोडऩे, शराब छोडऩे का संकल्प लिया। इनमें बड़ी संख्या में स्कूली विद्यार्थी भी शामिल हैं। जिन्हें नशे के दुष्परिणाम बताते हुए आगे जीवन में इससे बुराई से दूर रहने की प्रतिज्ञा कराई गई। इन कार्यक्रमों में लोगों को सकारात्मक जीवनशैली का महत्व, अध्यात्म और राजयोग मेडिटेशन का संदेश दिया गया। अभियान का समापन 2 अक्टूबर 2022 को सिंधु महल, जोधपुर के सभागार में आयोजित किया गया |मेडिकल विंग के सचिव डॉ. साह ने बताया कि नशा आज सामाजिक बुराई बन गया है। सामाजिक संस्थाओं द्वारा किए गए शोध में सामने आया है कि अपराध का प्रमुख कारण नशा ही है। नशे से जहां शारीरिक रूप से हानि होती है, वहीं मानसिक और आर्थिक छति भी पहुंचती है। ब्रह्माकुमारीज के आध्यात्मिक अनुसंधान प्रभाग ने शोध कर यह निष्कर्ष निकाला है कि नशे का सबसे ज्यादा प्रभाव हमारे विचारों पर पड़ता है। गुटखा, पान-तंबाकू, शराब के सेवन से हमारी माइंड में ऐसे हार्मोंस का स्त्रावण होता है जिससे माइंड की क्षमता कम होने के साथ विचार शक्ति कमजोर होती है। मन में नकारात्मक विचारों का जन्म होता है। यह अभियान जालोर, बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर जिलों के सायला, सिंधरी, सिवाना, बालोतरा, बाली, तखतगढ़, चंद्राई, आहोर, सांचौर, गुड़ामालानी, बाड़मेर, जैसलमेर, पोखरण, ओसियां तहसीलों में आयोजित किया गया |