गडचचिरोली, महाराष्ट्र: कला ,संस्कृती प्रभाग,चंद्रपूर ,वणी,गडचचिरोली,के संयुक्त प्रयास से आजादी के अमृत महोत्सव का, गडचरोली नगर के सुमानंद सभगृह में सफल आयोजन किया गया। राजयोगीनी बी.के.सीता दिदी,सब जोन संचालिका,अमरावती की अध्यक्षता में,उदघाटकआमदार डॉ.देवराव होली,गडचिरोली विधानसभा निर्वाचन क्षेञ,के शुभ करकमलो द्वारा,माउंट अबू मुख्यालय से पधारे,कला,संस्कृती प्रभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष,बी.के.दयाल महंत,मुख्य समन्वयक,गायक,गीतकार संगीतकार बी.के.सतिश भाई,सोलो, ड्युएट सिंगर सहायक समन्वयक,बी.के.नितिन भाई,साकार बाबा की पालना प्राप्त,ग्राम विकास प्रभाग के राज्य समन्वयक बी.के.दशरथ भाई, पुना,चंद्रपूर,वणी गडचिरोली क्षेञ मुख्य संचालिका,बी.के.कुंदा दिदी।गडचरोली सेवाकेंद्र संचालिका बी.के.नलिनी दिदी,चंद्रपूर सेवाकेंद्र से,बी.के.नरेंद्र भाई,बी.के.बंडूभाई,इनकी उपस्थीती में किया गया। अतिथियों का स्वागत चंद्रपूर सेवाकेंद्र की कुमारियों द्वारा स्वागत नृत्य प्रस्तूत कर किया गया।बी.के.बहनोंने,दुपट्टे,बैज और गुलदस्तोंसे अतिथियों का स्वागत किया।गडचिरोली सेवा केंद्र मुख्य संचालिका नलीनी दिदी ने स्वागत प्रस्तावना की। बी.के.नितीन भाई ने आओ प्रभू शरण आओ,इस गीत से याद की याञा कराई। दिप प्रज्वलन के साथ कँडल लाईट जलाई गयी। दयाल भाई ने,ब्रह्माकुमारी संस्था का परिचय दिया। दशरथ भाई ने साकार बाबा के साथ अपने अनुभव सुनाए। आमदार,डॉ.देवराव होली ने ब्रह्माकुमारी के सेवाकार्य की सराहना की। सतिश भाई ने, कल को आकार देने वाला परम कलाकार परमात्मा, विश्व परिवर्तन,संस्कार परिवर्तन के द्वारा करा रहा है,हमारा स्वर्ग में चलने के लिए पुरूषार्थ करनेका यहीं सही समय है,अभी नहीं तो कभी नहीं,ऐसा आवाहन किया। ब्रह्मपुरी की कन्याओंने सुंदर नृत्य प्रस्तूत किया। सतिशभाई, नितीन भाई ने जहॉं डाल डालपर सोने की चिडिया करती है बसेरा,सत्यंम् शिवंम् सुंदरम्, भारत फिर भरपूर बनेगा,मेरा बाबा आ गया। यह मधूर गीत प्रस्तूत किए।बी.के.कुंदा दिदीने अपनी शुभकामनाएँ प्रकट की।अव्यक्त कुसूम दिदी की यादोंको ताजा किया। राजयोगीनी बी.के.सीता दिदी ने आशिर्वचन दिया। गडचिरेलीकी कन्याओंने नृत्य प्रस्तूत किया मंच संचालन राजूभाईने किया। अतिथियों का आभार बी.के.मिनल दिदी ने माना। इस सांस्कृतिक समारोह के सफल आयोजन के लिए चंद्रपुर,वणी,गडचिरोली के बी.के.परिवार,कुमार भाई,बहनोंने अपना योगदान दिया।
मुख पृष्ठ आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर गडचचिरोली:”अमृत महोत्सव से स्वर्णीम भारत की ओर, दया करूणा की संस्कृती से...