प्रश्न- मेरा नाम अमित है। मेरे परिवार में बहुत सारी समस्यायें हैं, मेरी माँ जब तक आपका कार्यक्रम देखती है तब तक बहुत खुश रहती है, लेकिन बाद में पास्ट की जो बातें हैं और पारिवारिक जो समस्यायें हैं चाहे वो मेरी बड़ी बहन के डिवोर्स को लेकर हो या फिर छोटी बहन की शादी को लेकर, उन्हें परेशान करती हैं। मैं भी पिछले चार सालों से गवर्नमेंट जॉब के लिए प्रयास कर रहा हूँ, वो भी मुझे प्राप्त नहीं हो पा रही है। ऐसे में क्या किया जा सकता है?
उत्तर – प्रैक्टिकल समस्यायें हैं किसी की लड़की जिसकी शादी हो गयी हो, उसका डिवोर्स होने जा रहा हो और एक की शादी नहीं हो रही हो, बच्चे को अच्छी नौकरी नहीं मिल रही हो तो निश्चित रूप में उनके परिवार में टेंशन होगी। लेकिन हम सबको एक सुंदर बात ये कहना चाहते हैं कि परेशान होने से, बहुत टेंस रहने से, बहुत इरिटेट होने से, ऐसी परिस्थितियों में बहुत निराशा होने से ये सब परिस्थितियाँ बढ़ती हैं। क्योंकि इससे पूरे परिवार की ओर से निगेटिव वायब्रेशन पूरे घर में, चारों ओर फैल रहे हैं। इस तरह से ये अशांति का कारण बन जाता है। इसका स्पिरिचुअल समाधान करना चाहिए।
पहले तो मैं कहँूगा कि जहाँ डिवोर्स की नौबत आई है वहाँ मनुष्य को थोड़ा समझदारी पूर्वक एडजेस्टमेंट करने का विचार कर लेना चाहिए। अब जैसा हम चाहेंगे वैसा तो सब जगह नहीं होगा। परिवार मन चाहा तो नहीं मिल सकता। लेकिन जिस परिवार में हम चले गये हैं उसमें हमें ढल जाना चाहिए। ठीक है उसमें कुछ बुराई हो सकती, वहाँ लोगोंका व्यवहार उग्र हो सकता है। वहाँ वो बहुत तामसिक हो सकते हैं- जैसे शराब पीने वाले हो, लड़ाई-झगड़ा करने वाले हो, ये बात अलग है। अगर ऐसा भी है तो एक स्ट्रॉन्ग व्यक्ति को ये सोचना चाहिए कि मुझे ये सब बदलना है। अब मुझे इस घर में रहना है। मैं इस घर की मालिक हूँ। मुझे इन सब को समझा-बुझा कर सही मार्ग पर लाना है। इसमें भी मनुष्य को ये विचार करना चाहिए कि जीवन एक-दो दिन का खेल नहीं है, लम्बी यात्रा है हमें साथ रहना है, परिवारों में मिलकर चलना है कोई भी अकेला नहीं चल सकता है। हमारी बहनों को मैं पहले कहूँगा कि वो कहीं भी अपने अहम भाव को, अपने मैं पन को आड़े न आने दें, लाइफ के महत्व को समझें। इसलिए बेटर यही होगा कि जहाँ मनुष्य रहे चाहे उसे कुछ सुनना पड़े, सहन करना पड़े, कुछ त्याग करना पड़े, वो एडजेस्टमेंट की पूरी कोशिश करें। अभी आपके परिवार में विघ्न पड़ रहे हैं। हमारे पास इन विघ्नों को नष्ट करने का एक बहुत अच्छा तरीका रहता है कि ये जो निगेटिव एनर्जी फैल रही है। कोई पास्ट का कर्म सामने आ गया जो पूरे परिवार को इस तरह से कठिनाइयों में डालता जा रहा है, उसको समाप्त करने के लिए 21दिन की योग भीकरें, इसको हम कहते हैं विघ्न विनाशक भी। योगबल से अनेक विघ्न नष्ट हो जाते हैं। जिस दिन ये विघ्न नष्ट हो जायेगा तब आपको भी अच्छी जॉब मिल जायेगी। बड़ी बहन की डिवोर्स की बात भी समाप्त हो जायेगी, दोनों में अच्छा मेल-मिलाप हो जायेगा। योग माता जी और पिता जी को दोनों को करना चाहिए क्योंकि बीज वो दोनों है घर के। सात दिन का कोर्स तो कर ही लिया अब आगे राजयोग की प्रैक्टिस भी करें। तो इसमें दो स्वमान पहले याद करना है। उठते ही रोज़ सात बार मैं मास्टर सर्वशक्तिवान दोस्त। विघ्नविनाशक हूँ। बहुत धीरे-धीरे, गुड फीलिंग के साथ कि मैं सर्वशक्तिमान की संतान मास्टर सर्वशक्तिवान हूँ। तो उसने मुझे विघ्नों को नष्ट करने की शक्ति भी दे दी। तो ये दो संकल्प रोज़ सवेरे सात बार करेंगे और फिर दिन में भी आधा घंटे का चयन कर लें। भगवान हमारा सच्चा मात-पिता है। वो हमें उन समस्याओं से मुक्त होने के लिए शक्तियाँ अवश्य देता है। तो उसका सुंदर तरीका है कि अपनी इन समस्याओं को प्रभु अर्पित कर दें कि ये हमारी समस्या है हम आपकी संतान हैं, सच्चे मन से हम इसे आपको दे रहे हैं अब आप इसका हल करो, तो उसकी शक्तियाँ आने लगेंगी। और आपको ईश्वरीय मदद महसूस होने लगेगी। बहुत सारे कार्य ऊपर से होने लगेंगे। तो हमें पूर्ण विश्वास है कि 21 दिन तक ऐसा करेंगे तो निश्चित रूप से कोई मार्ग निकल जायेगा और आपकी सब चीज़ ठीक हो जायेंगी।
प्रश्न- मैं संगीता कर्नाटक से हूँ। अभी-अभी दो महीने हुए हैं मैंने राजयोग का कोर्स पूरा किया है। मेरी प्रॉब्लम ये है कि दो साल पहले मेरे दोस्त की शादी में मैं एक लड़के से मिली और उससे फ्रेंडशिप हो गयी, लेकिन थोड़े दिन के बाद पता चला कि हम दोनों रिलेटिव हैं। एक साल के बाद मुझे उससे प्यार हो गया और अब मैं चाहती हूँ कि शादी करें, लेकिन जब मैंने अपनी बात उसके सामने रखी तो वो कहता है कि नहीं हम रिलेशन में भाई-बहन हैं, हम शादी नहीं कर सकते। लेकिन मैं अपनी फीलिंग्स को चेंज नहीं कर पा रही हूँ। मुझे क्या करना चाहिए? कृपया इसमें मेरा मार्ग दर्शन करें।
उत्तर – हमारा भारत एक महान देश है। यहाँ हमारे समाज की बहुत सारी मर्यादायें हैं, उन मर्यादा के विरूद्ध जाने से कभी लाभ नहीं होता है इसलिए जब रिलेशन भाई-बहन का है चाहे वो रिश्तेदारी का ही हो और दूसरा, लड़का इस बात को बहुत अच्छी तरह से जानता है कि आप उनकी बहन हैं, वो इसे स्वीकार नहीं कर रहा है और न ही आपके परिवार वाले इसे स्वीकार करेंगे। इसलिए आपको ये विचार छोड़ देना चाहिए। इसके लिए सवेरे उठकर संकल्प शक्ति का प्रयोग करें। उसे आत्मिक दृष्टि से देखेें, वो शारीरिक रूप से भी आपका भाई है, इसके लिए दो अभ्यास हैं मैं आत्मा अलग हूँ, ये देह अलग है बिल्कुल इससे न्यारापन और दूसरा व्यक्ति भी आत्मा है। ऐसे जब आत्मिक दृष्टि से देखेंगी तो आपके अंदर जो बहुत लगाव हो गया है, वो समाप्त हो जायेगा। वैसे भी आप राजयोग से जुड़ गई हैं तो अपने को राजयोगी बना दें और जितना प्यार आप मनुष्यों से करती हैं उतना प्यार ज़रा अपने परमपिता से करके तो देखें। अपना प्यार परमपिता की ओर डायवर्ट कर दें, जो अट्रैक्शन आपको हुआ है वो तेजी से हट जायेगा। फिर देखना जीवन कितना ब्यूटिफुल बन जायेगा और भविष्य चमकने लगेगा।