स्वभाव-संस्कार को चेंज करने के लिए, ट्रांसफर करने के लिए, परिवर्तन करने के लिए उपवास करना पड़ेगा। नेचरक्योर करना पड़ेगा। आज हम नेचरक्योर में जाते हैं तो सबसे पहले दिन क्या कराते हैं? फास्टिंग बहुत ज़रूरी है तो फास्टिंग कराते हैं, ठीक इसी तरह हमें भी अपने स्वभाव-संस्कार को चेंज करना है तो क्या करना पड़ेगा? ये स्थूल फास्टिंग नहीं, मन की फास्टिंग।
रोज़ अमृतवेला आह्वान करो। शक्ति का आह्वान करो और एक-एक हफ्ते तक आप शक्ति का आह्वान करेंगे। कंटिन्यु लाइट और माइट का आह्वान करते जायें। उस शक्ति की, सहन शक्ति की, शांति की शक्ति की लाइट और माइट का आह्वान करो तो हफ्ते-दस दिन के बाद आपका क्रोध रहेगा? नहीं रहेगा। क्योंकि शक्ति भर जायेगी। ऐसे हर हफ्ते एक-एक कमी-कमज़ोरी को निकालने के लिए उसके ऑपोजि़ट गुण का आह्वान करो। तो एक साल के अंदर संपूर्ण बनेंगे या नहीं बनेंगे! संपूर्णता, तो ये बाबा के लिए गिफ्ट अच्छी है कि नहीं! इससे बढ़िया गिफ्ट कोई हो सकती है? तो अभी कमी-कमज़ोरी का दान नहीं करना। भले बाबा तो निर्मान है इसलिए कहता है दे दो। लेकिन दिया नहीं जाता है हमसे क्योंकि हमने आधा कल्प उससे बहुत प्यार किया इसलिए छोड़ा नहीं जाता है। इसीलिए वो वापस आ जाता है,लेकिन वो हमने दे दिया, चलो मैंने मुख से बोल दिया बाबा मैंने गुस्सा दिया। छोड़कर गये लेकिन वो खाली स्थान था वहां शक्ति तो भरी नहीं। शक्ति भरी नहीं तो जाने के बाद वो गुस्सा वापस आयेगा कि नहीं आयेगा? उस रिक्त स्थान को भरना है हमें,नहीं तो कमज़ोरी बार-बार आ जायेगी।
तो इसलिए शक्ति का आह्वान करते जाओ। बाबा देने के लिए तैयार हैं तो लेते जाओ, बाबा से भरते जाओ और देखो स्वभाव-संस्कार को चेंज करना कौन-सी बड़ी बात है, कर सकते है नहीं सकते हैं? कर सकते हैं। तो आज के बाद रोज़ अमृतवेले यही शुभसंकल्प रखो कि आज मुझे कौन-सी शक्ति का आह्वान करना है और उस शक्ति से अपने आपको एम्पॉवर करें। भरपूर करो, जितना अपने आपको भरपूर करेंगे तो सारा दिन कैसा जायेगा, उस शक्ति के साथ सारा दिन कैसा जायेगा? बहुत बढिय़ा जायेगा ना! तो ये तरीका अपनाएं। इसलिए याद रखना कमी-कमज़ोरी को रखना नहीं। बाबा से हमें ये दृढ़ संकल्प करना है कि मैं अपने अंदर शक्ति का आह्वान करके अपनी कमी-कमज़ोरी को खुद पुरूषार्थ करके निकालूँगा। आज से अपने जीवन के अंदर शक्ति, प्रकाश, रोशनी का आह्वान करके अपने जीवन का अंधेरा, कमी-कमज़ोरी को दूर करूंगा। मैं परिवर्तन करके अवश्य दिखाऊंगा। इसके लिए बाबा ने कहा हिम्मत का कदम बढ़ाओ आप, तो बाबा हज़ार भुजाओं वाला आपको क्या करेगा? गले लगाएगा कि नहीं लगाएगा? ऐसे बच्चे बाबा को पंसद आयेंगे या जो किचड़ा देकर जाते और वापस ले लेते हैं ऐसे बच्चे पंसद आयेंगे? एक कदम हिम्मत का बढ़ायेंगे बाबा हज़ार कदम आगे आकर गले लगाएगा और आपमें इतनी शक्ति भरेगा कि बच्चे ने हिम्मत की। जब बच्चा माँ-बाप का आज्ञाकारी बन कहता है कि मेरे से कोई गलती हो तो आप बता देना मैं उसे ज़रूर ठीक करूंगा। तो वो बच्चा बाबा को, माँ बाप को प्यारा लगेगा। तो आपको भी क्या करना है? बाबा हमें इतना प्यार करता है, हम हैं ही बाबा के प्यारे लेकिन और बाबा की शाबाशी और शक्ति हमें मिले। ऐसे दृढ़ संकल्प कर हमें बाबा को गिफ्ट देनी है।
हर रोज़ नया अपने आपको इमर्ज करो। जो बाबा कहते मरजीवा। मरजीवा माना पुराने संस्कारों से मर गये। कोई अगर याद दिलाये तो क्या कहना? पता नहीं। फुलस्टॉप लगा दिया हमने तो। वो बात हमें याद भी नहीं और हर वक्त अपने अंदर से पॉजि़टिव वाइब्स इमर्ज होने चाहिए और वो पॉजि़टिव वायब्रेशन फैलाते जाओ। खुशी का, उमंग-उत्साह का, इसलिए बाबा ने उसकी परख बताई कि जो अलबेलेपन के वश हैं, वो थक ावट का अनुभव करेंगे और खुशी उनके चेहरे पर नहीं होगी। लेकिन जो अपने आपको विजयी देखते हैं कि हम बाबा के बच्चे विजयी बच्चे हैं तो उनके चेहरे पर खुशी होगी, थकावट नहीं होगी। ये उसकी निशानी है। तो स्वभाव-संस्कार को चेंज करने के लिए, ट्रांसफर करने के लिए, परिवर्तन करने के लिए उपवास करना पड़ेगा। नेचरक्योर करना पड़ेगा। आज हम नेचरक्योर में जाते हैं तो सबसे पहले दिन क्या कराते हैं? फास्टिंग बहुत ज़रूरी है तो फास्टिंग कराते हैं, ठीक इसी तरह हमें भी अपने स्वभाव-संस्कार को चेंज करना है तो क्या करना पड़ेगा? ये स्थूल फास्टिंग नहीं, मन की फास्टिंग। मन को बुरे विचारों से दूर रखना होगा और मन को बुरे विचारों से दूर रखने के लिए संग, संग की संभाल करनी होगी।