माउंट आबू: स्पोर्ट्स विंग राष्ट्रीय सम्मेलन समाचार

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माउंट आबू ,राजस्थान।  आज ज्ञान सरोवर के हार्मनी   हॉल में आर इ आर एफ की भगिनी  संस्था ब्रह्माकुमारीज स्पोर्ट्स  विंग द्वारा एक अखिल भारतीय स्पोर्ट्स सम्मेलन का आयोजन हुआ।  सम्मेलन का मुख्य मुद्दा था “मन की शक्ति द्वारा खेल में सफलता प्राप्त करना” .दीप प्रज्वलित करके सम्मेलन का उद्घाटन सम्पन्न हुआ। 

ब्रह्माकुमारीज स्पोर्ट्स विंग की चेयर पर्सन और ब्रह्माकुमारीज़ की संयुक्त मुख्या प्रशासिका राजयोगिनी शशि दीदी जी ने सम्मेलन को अपना आशीर्वाद दिया।  आपने कहा की कामयाबी के लिए अपनी मन की शक्ति को कैसे प्रयोग  करें और कैसे बढ़ाएं।  मन की शक्ति के प्रयोग के तरीके पर ही हमारी सफलता  निर्भर करती है।  मन ही हर प्रकार की एनर्जी का सोर्स है जो सभी के पास है।  उस एनर्जी को सकारात्मक रूप से प्रयोग करके हम ना सिर्फ  खेल में बल्कि हर  विभाग में आगे जा सकते हैं।  राजयोग से हम सभी को परमात्मा की भी ब्लेस्सिंग्स मिलती है।  आप सभी भी राजयोग के अभ्यास से काफी आगे जा सकते हैं।  

ब्रह्माकुमारीज स्पोर्ट्स विंग के नेशनल कोऑर्डिनेटर बी के डॉक्टर जगबीर सिंह  ने पधारे हुए अतिथियों का स्वागत किया।  ब्रह्माकुमारीज स्पोर्ट्स विंग की गतिविधियों की भी आपने चर्चा की।  आपने बताया की राजयोग के प्रशिक्षण से आप सभी को खेल में जबरदस्त  सफलता मिलेगी और यह प्रशिक्षण हम निःशुल्क प्रदान करते हैं।  
मुख्य अतिथि भाई परम जीत सिंह सरना योग एक्सपर्ट तथा  क्रीड़ा भर्ती के प्रेजिडेंट ने अपनी शुभ कामनाएं सभी प्रतिनिधिओं को दीं। आपने कहा ,  मन की शक्ति को बढ़ाना सफलता के लिए काफी जरूरी है।  इसके लिए राजयोग का प्रशिक्षण जरूरी होगा।  शरीर की शक्ति भी आवश्यक है।  अतः आपको अपने खान पान का भी काफी ख़याल रखें।  मन  की शांति के लिए मैडिटेशन का अधिक अभ्यास भी जरूरी है।  
कुमारी अर्चन स्पोर्ट्स डायरेक्टर, चेतना कॉलेज मुंबई ने अपने विचार रखे। आपने कहा,  यहां हर चीज ख़ास है।  यह सब देख कर हम सभी चकित हैं।  यहां के सभी भाई बहनें अपने अपने कार्य में प्रसन्नता से लगे हुए हैं।  हम सभी को यह सीखना है।  
डॉक्टर सुरेंद्र आर्य , वायु सेना के कर्मी ने कहा की मैं यहां पहली बार आया हूँ मगर यहां का माहौल देख कर मन हो रहा है की हम सभी इसी स्थान पर टिक जाएं।  राजयोग की शक्ति को यहां हमने समझा है।  ब्रह्मचर्य खेल और खिलाड़िओं के लिए उत्तम अभ्यास है।  यह भी हम यहां सीख सकते हैं।  जहां तक हो सके प्राकृतिक चिकित्सा का लाभ लें  अंग्रेजी दवा से बचें।  
डॉक्टर गुरदीप   सिंह इंडियन प्रीमियर अकादमी एंड स्पोर्ट्स साइंसेज एंड फिजिकल एजुकेशन   ने भी अपने  विचार रखे।आपने कहा,   खिलाडी ही  सही राजयोगी है।  अगर वह एक राजयोगी के निर्देशन में आगे बढ़ता है।  मन की शक्ति को  बढ़ा कर एक खिलाडी सफलता के द्वार खोल सकता है।  तभी उसका सर्वागीण विकास  संभव है।  आपने कहा की प्रारम्भ से ही बच्चों को खेल की एरिया में ट्रेन किया जाना चाहिए।  ऐसा नहीं होने से वे एक बीमार की तरह अपना कार्य करेंगे।  राजयोग पर रिसर्च के माध्यम से काम किया जाना चाहिए जिससे यह पता चलेगा की खिलाड़िओं में प्रति वर्ष कितना विकास  हो रहा है. 
मुख्य अतिथि सुनील कुमार शर्मा ,वायु  सेना के सेवानिवृत पदाधिकारी , जालंधर ने अपनी शुभ कामना इन शब्दों में प्रकट की।  आपने भी राजयोग के अभ्यास द्वारा मन की शक्ति को बढ़ाने की बात स्वीकर की ताकि खेल में उत्तम सफलता प्राप्त हो सके।  आपने अपने अनुभव से बताया की मैडिटेशन की प्रैक्टिस के बाद उनको अपनी पैदल यात्रा और ट्रैकिंग में काफी मदद मिली है।  
डॉक्टर राजकुमार ने भी अपने विचार प्रकट किये।  बी के आत्मा बहन ने राजयोग का अभ्यास करवाया और मन की शक्ति का व्यावहारिक  प्रकटीकरण  किया।  राजयोगी मेहर चंद ,  ब्रह्माकुमारीज स्पोर्ट्स विंग के नेशनल कोऑर्डिनेटर ने धन्यवाद दिया।  बी के ज्योति भाई , हरियाणा में स्पोर्ट्स के सेक्रेटरी जनरल  ने आज के कार्यक्रम  का संचालन किया।  काजोल और योगेश्वरी बहनों ने नृत्य द्वारा सभी का स्वागत किया।  

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