मानवता की सच्ची संरक्षक नारी शक्ति ही है- बीके सोनम
श्रेष्ठ संस्कारों से ही श्रेष्ठ समाज का निर्माण हो सकता है
छतरपुर,मध्य प्रदेश। मानवता के संरक्षण के लिए सबसे पहले स्वयं का संरक्षण अर्थात ईर्ष्या द्वेष नफरत जैसी बुराइयों से स्वयं का बचाव करते हुए स्वयं को सकारात्मक रखना तभी हम अपने परिवार को श्रेष्ठ संस्कार दे सकेंगे और उसी श्रेष्ठ संस्कार वाले परिवार से जब समाज बनेगा तो समाज भी संस्कारी ही होगा और समाज में रहने वाला हर मानव मानवीयता अर्थात इंसानियत से भरपूर होगा तभी हम मानवता के सच्चे संरक्षक बन सकेंगे। मानवता की सच्ची संरक्षक नारी शक्ति ही है।
उक्त उद्गार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय किशोर सागर में ब्रह्माकुमारीज के समाज सेवा प्रभाग द्वारा जैन समाज सखी महिला मंडल के लिए आयोजित कार्यक्रम “मानवता के संरक्षक” विषय पर गुजरात से पधारी बीके सोनम द्वारा व्यक्त किए गए।
कार्यक्रम की शुरुआत में सभी का तिलक और वैज द्वारा स्वागत किया गया। इस कार्यक्रम में जैन समाज सखी महिला मंडल अध्यक्ष ममता जैन, महिला मंडल सचिव रेशमा जैन, कोषाध्यक्ष राखी जैन सहित महिला मंडल की सभी मातृशक्तियां उपस्थित रहीं।
इस मौके पर छतरपुर सेवाकेंद्र प्रभारी बीके शैलजा बहन जी ने कहा कि आध्यात्मिक ज्ञान हमें ईश्वर से बुद्धि योग जोड़ना सिखाता है। हमारे जीवन में कोई भी परिस्थिति आती है उसका सामना हम आंतरिक बल के अभाव में नहीं कर पाते हैं और आंतरिक बल आध्यात्मिक ज्ञान और परमात्मा को याद करने से ही प्राप्त होता है।
सखी महिला मंडल की कोषाध्यक्ष राखी जैन ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम की जरूरत और इन सभी ज्ञान की बातों की जरूरत हमें प्रतिदिन होती है लेकिन हम अपने ही कार्यों में इतनी व्यस्त रहते हैं इन सभी चीजों के लिए समय नहीं दे पाते लेकिन यहां आकर लग रहा है कि हमें ऐसी आध्यात्मिक चीजों के लिए भी समय जरूर निकालना चाहिए।
कार्यक्रम के अंत में सभी को ईश्वरीय स्लोगन, साहित्य भेंट स्वरूप प्रदान किया गया।