मोहाली: ब्रह्माकुमारीज़ ने सुख शांति भवन में धूमधाम से मनाया अंतरराष्ट्रीय योग दिवस

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राजयोग दिला सकता है अशांति, हिंसा, आतंक, नशों व भ्रष्टाचार से निजात – ब्रह्माकुमारी प्रेमलता
11 राजयोग विशेषज्ञाओं ने कराया सामूहिक योगाभ्यास

मोहाली, पंजाब: ब्रह्माकुमारीज की अंतरराष्ट्रीय संस्था द्वारा सुखशांति भवन फेज़ 7 में आज अंतरराष्ट्रीय योग दिवस बहुत ही धूमधाम व प्रभावशाली ढंग से मनाया गया जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्वालुओं ने भाग लिया ।
कार्यक्रम प्रातः 5 बजे प्रभु स्मृति से प्रारम्भ हुआ और 8 बजे तक चला जिसमें शारीरिक व्यायाम के साथ राजयोग अभ्यास का कार्यक्रम भी चला जिसकी अध्यक्षता मोहाली- रोपड़ क्षेत्र के राजयोग के्रंदों की संचालिका ब्रह्माकुमारी प्रेमलता बहन जी ने की । मोहाली जिला प्रशासन की ओर से आई खरड़ से डा.कृतिका भनोट, झंझेड़ी सरकारी डिस्पैंसरी से डा.कविता भंडारी, आम आदमी कलीनिक पलहेड़ी से डा. मनीला व बी.के. मीना बहन ने शारीरिक व्यायाम अथवा योगा का संचालन किया तथा मंच पर 11 राजयोग विशेषज्ञाओं ने सामूहिक राजयोग अभ्यास भीकराया ।
इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी प्रेमलता बहन जी ने कहा कि राजयोग तन व मन दोनों को स्वस्थ बनाता है । मन ठीक होने से वह तन को भी सुचारू ढंग से चलाता है । राजयोग वास्तव में आत्मा और परमात्मा के बीच मौन संवाद है जो मनुष्य की दृष्टि, वृति और कृति का समन्वय करता है तथा विकारों की उत्पति के मूल कारण देह अभिमान को समूल समाप्त कर देता है । इसी योगाभ्यास से मानव मानवीय मूल्यों को धारण कर समाज स्नेह, सद्भावना, विश्वास, दया व भाईचारे की भावनाओं को सुदृढ़ कर आतंक, हिंसा व भ्रष्टाचार से निजात पा सकता है । इससे मानव की आंतरिक शक्ति व कार्यक्षमता बढ़ती है और अज्ञानता को नष्ट करने का यह ब्रह्मास्त्र है । मोहाली-रोपड़ क्षेत्र के राजयोग केंद्रों की सह-संचालिका ब्रह्माकुमारी रमा बहन जी ने इस अवसर पर विस्तार से योग व राजयोग की व्याख्या की और कहा कि किसी चीज़, व्यक्ति व स्थान को याद करना भी योग है जबकि राजयोग परमात्म मिलन व स्वयं को जानने, समझने और अनुभव करने का सर्वाेतम दिव्यास्त्र है । राजयोग मानव को सम्पूर्ण स्वस्थ अर्थात शारीरिक, मानसिक, सामाजिक व आध्यात्मिक तौर पर स्वस्थ बनाता है तथा यह एक संजीवनी बूटी का काम करता है जिससे मन को सशक्त, शांत, सकारात्मक, दिव्य, पवित्र, शुभभावना युक्त बनाया जा सकता है । राजयोग से समूची मानव जाति को एकता के सूत्र में पिरोया जा सकता है । अतः वर्तमान समय परमात्मा शिव द्वारा ब्रह्मा तन से सिखाये जा रहे राजयोग की अत्यंत जरूरत है । इस योग को सीखने के लिए कोई भी व्यक्ति किसी भी ब्रह्माकुमारीज़ राजयोग केंद्र से निःशुल्क शिक्षण प्राप्त कर सकता है ।


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