धडगाव, महाराष्ट्र। मातेश्वरी जगदंबा जी के जीवन के संस्मरण सुनाते हुए बी के सरिता बहन ने बताया कि परमात्मा का कहना और मातेश्वरी जी का उन शिक्षाओं को अपने स्वरूप ,व्यवहार में धारण करना यही उन्हें सबसे आगे ले गया और संस्था की प्रथम मुख्य प्रशासक बनी।
मातेश्वरी जी किसी को कहकर नहीं बल्कि अपनी सूक्ष्म शक्तियों एवं दैवीय धारणा स्वरुप आचरण से शिक्षा देती थी, उनसे सभी को मां की पालना मिलती थी।
मातेश्वरी जी ने परमात्मा के महामन्त्र जीवन की हर घड़ी को अंतिम घड़ी समझकर श्रेष्ठ कर्म किया इसीलिए वह नंबर वन बन, संस्था की प्रथम मुख्य प्रशासक बनी।
मुख पृष्ठ आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर धडगाव: मातेश्वरी जगदम्बा सरस्वती स्मृति दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किया गया