जगदलपुर (छत्तीसगढ़):
राजयोग के अभ्यास द्वारा सहनशीलता, नम्रता, एकाग्रता, शांति, धैर्यता, अंतर्मुखता ऐसे अनेक सद्गुणों का जीवन में विकास कर सकते है । राजयोग द्वारा ही मन की शांति संभव है। उन्होनें बताया की राजयोग के अभ्यास से अतींद्रिय सुख की प्राप्ति होती हैं । जिन्होनें अतींद्रिय सुख की प्राप्ति कर ली उनको इस संसार के वस्तु, वैभव का सुख फीका लगने लगता हैं ।उक्त उदगार माउंट आबू राजस्थान से प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय से आये हुए ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने कहे | वे आज रविवार को स्थानीय ब्रह्माकुमारीज राजयोग सेवाकेंद्र वृन्दावन कॉलोनी में आयोजित कार्यक्रम में एकत्रित ईश्वर प्रेमी भाई को राजयोग साधना कार्यक्रम में राजयोग का जीवन में महत्व विषय पर बोल रहे थे |
राजयोगी भगवान भाई ने अपने अनुभव के आधार से बताया की राजयोग के अभ्यास से विपरीत परिस्थिति में भी सकारात्मक चिंतन के द्वारा मन को एकाग्र किया जा सकता है। उन्होनें कहा कि वर्तमान की तनावपूर्ण परिस्थितियों में मन को एकाग्र और शांत रखने के लिए राजयोग संजीवनी बूटी की तरह काम आता हैं |
स्थानीय ब्रह्माकुमारीज राजयोग सेवाकेंद्र की संचालिका बी के मंजुषा बहन ने कहा कि राजयोग के द्वारा हम अपने इंद्रियों पर सयंम रखकर अपने मनोबल को बढा सकते हैं । राजयोग द्वारा आंतरिक शक्तियाँ और सद्गुण को उभार कर जीवन में निखार ला सकते हैं
कांकेर ब्रह्माकुमारीज राजयोग सेवाकेंद्र की संचालिका बी के रामा बहन जी नें राजयोग को अपनी दिनचर्या का अंग बनाने की अपील किया उन्होंने कहा वर्तमान की विपरीत परिस्थितियों में राजयोग हमे तनाव मुक्त रखने में बहुत ही मददगार बनेगा |
कार्यक्रम के अंत बी के भगवान भाई ने राजयोग का अभ्यास कर सभी को शांति का अनुभव कराया |
इस कार्यक्रम में आरापुर ,धर्मापुर ,सेमरा ,चित्रकोट ,नेगावत , वडाजी , भेटापाल,उसरिबेडा, जगदलपुर आदि काफी भाइयो ने इस राजयोग साधना का लाभ लिया |
कार्यक्रम की शुरुवात दीप प्रज्वलन से किया गया जिसमे अतिथियों के साथ सभी ब्रह्माकुमारी पाठशाला के निमित भाई रणसिंग ,रमझम , गोपाल ,धनराज ,देवी भाई, सोनू भाई राजयोग शिक्षिका बी के सपना ,बी के चंद्रमणि आदि ने भा लिया |
कार्यक्रम के अंत में प्रसाद वितरण कर कार्यक्रम सम्पन्न हुआ |






