मुरलीधर की मुरली अर्थात मधुरता, संस्कार मिलन की रास, दिव्यता, जीवन की धारणाओं एवं मधुर बोल से कर्मयोगी बनना है…
पीस ऑडिटोरियम में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व …
भिलाई,छत्तीसगढ़: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा सेक्टर 7 स्थित पीस ऑडिटोरियम में आज श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पावन पर्व बड़े ही हर्षोल्लास और उमंग उत्साह के साथ मनाया गया।
प्रातः राजयोग सत्र के पश्चात भिलाई सेवा केन्द्रों की निदेशिका ब्रह्माकुमारी आशा दीदी ने बताया मन संकल्प रचने वाला है बुद्धि निर्णय लेने वाली, अपने दुख देने वाले पुराने स्वभाव संस्कारों का परिवर्तन कर श्रीकृष्ण की दुनिया जहां दुख अशांति का नामों निशान नहीं अर्थात स्व की सूक्ष्म शक्तियाँ मन, बुद्धि, संस्कार, संकल्प, बोल पर पूर्ण अधिकार |
जितना व्यर्थ, परचिंतन, परदर्शन उतना नुकसान स्वयं का होता है, इस श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर श्री कृष्ण समान पावन बन उनके जीवन के मूल्यों शिक्षाओं को धारण करना है | परचिंतन व्यर्थ बातों के कचरे को संग्रह कर डस्टबिन नहीं बनना है | मुरलीधर की मुरली अर्थात मधुरता, संस्कार मिलन की रास, दिव्यता, सहज, सरल, चेहरे चलन, जीवन की धारणाओं, मधुर बोल से कर्मयोगी बनना है हमें|
पीस ऑडिटोरियम को बहुत ही सुंदर श्री कृष्ण की झांकियां से सजाया गया जहां पर श्री कृष्ण के जन्म को उफनती यमुना नदी में दिखाया गया है| सुंदर स्वर्णिम सतयुग का दृश्य है जहां पर श्री कृष्ण का राज दरबार लगा है | डिवाईन ग्रुप के बच्चों द्वारा बहुत सुंदर अलौकिक गोप गोपियों संग संस्कार मिलन की मधुर रास को दिखाया गया है| श्री कृष्ण को झूले में भक्तजन झूला कर आनंद विभोर हो रहे हैं|