परमात्मा शिव को प्रसन्न करने के लिए लें पाँच संकल्प

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परमपिता परमात्मा शिव जिन्हें भोलेनाथ भी कहते हैं, वे इतने भोले हैं कि वे हमसे कोई वस्तु, वैभव नहीं लेते अपितु हममें निहित कड़वाहट, बुराइयों, कमियों को हमसे लेकर हमें सुख, शांति, वैभव का जीवन प्रदान करते हैं। इसी के यादगार स्वरूप हर मनुष्य आत्मा महाशिवरात्रि पर शिवलिंग पर कड़वे फल-फूल आदि अर्पित करते हैं। लेकिन परमात्मा को ऐसी कोई भी वस्तु नहीं चाहिए। उन्हें तो केवल हमारा सच्चा और साफ मन चाहिए। तो इस महाशिवरात्रि पर उन्हें भले आप कुछ अर्पित करें या ना करें किंतु उन्हें साक्षी मानकर निम्नलिखित पाँच संकल्प खुद से अवश्य करें और इसे सदा के लिए आत्मसात करें। इससे आप तो योग्य बनेंगे ही और परमात्मा शिव भी प्रसन्न होंगे और आपको हर मनइच्छित वर प्रदान करेंगे।

  1. मन को साफ करो, औरों को माफ करो
    कोई हमारी निंदा या विरोध करके अपने ऊपर पाप का बोझा या कर्मों का ऋण चढ़ाता, तो हमें उसे माफ कर देना है। उससे घृणा नहीं करनी, न ही उससे अपने मन को मैला करना है।
  2. माया की गुलामी को सदा के लिए सलामी
    हम मनुष्य आत्मायें माया की, अर्थात् काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार के बंधक या गुलाम बने हुए हैं। इन्हीं विकारों के ऋण से छुटकारे के लिए इस त्योहार पर हम इससे मुक्ति पाने का संकल्प लें।
  3. रूठना नहीं, रूठाना नहीं
    वर्तमान समय हमारी आपात स्थिति है। इसलिए हमें न स्वयं दु:ख पाना है, न दूसरों को दु:खी करना है, न रूठना है, न किसी को अपने से या शिव बाबा से रूठाने वाली बात कहनी है। सभी से दूध और चीनी की तरह मिलकर रहना है।
  4. मायूसी, उदासी से मुख मोड़ो प्रभु से नाता जोड़ो
    बेबसी को छोड़ा जाये और इसके लिए आत्मविश्वास किया जाये। क्योंकि आत्मविश्वास से ही भावना सुदृढ़ होगी। माया से पूर्णत: मुख मोड़कर प्रभु से नाता जोड़ा जाये। ये नाता अपनाने से ही सम्पूर्णता की प्राप्ति होगी तथा विकारों से मुक्त होंगे।
  5. मन की सच्चाई, बुद्धि की सफाई
    जिस प्रकार हम बाहरी सफाई पर ध्यान देते हैं, ऐसे ही इस शिवरात्रि पर हमें सच्चाई के साथ मन-बुद्धि की सफाई कर उसे स्वच्छ बनाना है।

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