झोझूकलां: अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष में आयोजित कार्यक्रम

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झोझूकलां (हरियाणा): जब महिलाएं संस्कारी बनेगी तो समाज संस्कारी बनेगा। महिलाएं बेटा बेटी को समान मानते हुए शिक्षा और संस्कार दें तो सामाजिक उत्थान संभव है यह उद्गार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की झोझूकलां शाखा के तत्वावधान में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष में “परमात्मा शिव द्वारा महिला सशक्तिकरण के लिए सकारात्मक परिवर्तन” विषय पर आयोजित कार्यक्रम में  पंचायत समिति झोझूकलां की वाइस चेयरमैन उषा रानी ने व्यक्त किए।  कार्यक्रम का शुभारंभ राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी वसुधा बहन, उषा रानी वाइस चेयरमैन, निशा रानी जिला पार्षद, कविता पंचायत समिति सदस्य व ब्रह्माकुमारी ज्योति बहन ने दीप प्रज्वलन व शिव ध्वजारोहण कर किया।  क्षेत्रीय प्रभारी राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी वसुधा बहन ने महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि महिला  बाल बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक की आधारशिला व घर परिवार की धुरी है आध्यात्मिक मूल्यों को जीवन में धारण कर स्वयं को सशक्त बना अपने घर परिवार को दिव्य गुणों सुसज्जित कर बच्चों को सुसंस्कारित बनाएं तभी भारत देश स्वर्णिम  बन सकता है।

बतौर विशिष्ट अतिथि पधारी जिला पार्षद निशा रानी ने मातृशक्ति की संकल्प शक्ति और कर्मठता के बिना कोई कार्य प्रगति और विकास संभव नहीं है। उन्होंने ब्रह्मकुमारी बहनों की मुक्त कंठ से प्रशंसा करते हुए कहा की महिला सशक्तिकरण की अनूठी मिसाल है ब्रह्माकुमारी संस्थान। 

ग्रामीण विकास मंडल महिला प्रेरक एवं पंचायत समिति सदस्य कविता ने कहा कि महिलाओं को बाहरी दिखावे को छोड़ आंतरिक रूप से मजबूत होना चाहिए तभी समाज का सकारात्मक परिवर्तन हो सकता है यह आध्यात्मिकता से ही संभव है।

ब्रह्माकुमारी नीलम बहन ने राजयोग मेडिटेशन का अभ्यास करवाते हुए महिलाओं को कहा कि हमें भोजन श्रेष्ठ शुद्ध विचारों एवं ईश्वरीय स्मृति से बनाना है यह भोजन परिवार के सदस्यों के शरीर को स्वस्थ करने के साथ-साथ मन को भी शांति, शक्ति देगा जिससे आपसी सहयोग बढ़ेगा, भ्रातृत्व की भावना आएगी तभी हम एक सुखमय समाज की कल्पना कर सकते हैं। 

सभी आभार व्यक्त करते हुए  झोझूकलां सेवाकेंद्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी ज्योति बहन ने कहा कि अपने हर कर्म को सकारात्मक सोच के साथ खुशनुमा चेहरे से करना चाहिए तभी हमारे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा जिससे सुख शांति आनंद प्रेम पवित्रता की अनुभूति होगी।  इस अवसर पर बच्चों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दी।

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