भगवान की बगिया को गुलजार करने वाली दादी थी गुलजार-बीके शैलजा
छतरपुर,मध्य प्रदेश। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय किशोर सागर में संस्था की पूर्व मुख्य प्रशासिका आदरणीय दादी हृदयमोहिनी जी का तृतीय पुण्य स्मृति दिवस बहुत ही श्रद्धा से मनाया गया।
इस अवसर पर छतरपुर सेवाकेंद्र प्रभारी बीके शैलजा ने सभी को दादी जी के जीवन के बारे में बताते हुए कहा कि किसी पेड़ की जड़ें जितनी गहरी होती हैं, वह उतना ही मजबूत और टिकाऊ होता है। इसी प्रकार किसी भी संगठन को चलाने वाले लोगों के त्याग और तप की जड़ें जितनी गहरी होती हैं, वह संगठन उतना ही शक्तिशाली, दीर्घजीवी और बाधाओं से मुक्त होता है। ब्रह्माकुमारीज़ इस अर्थ में एक अद्वितीय संस्था है। इसके आदि रत्न ऐसे तपस्वी हैं, जिन्होंने स्वयं को, अपने बलिदानों को गुप्त रखते हुए, अथक रूप से, निस्वार्थ भाव से सर्वशक्तिमान के मार्गदर्शन में मानवता के लिए आध्यात्मिक सेवा की। उन्ही आदि रत्नों में से एक थी हमारी दादी हृदय मोहिनी जी जिनको प्यार से सभी गुलजार दादी कहते थे। सन् 1936 में संस्था की स्थापना के समय ही मात्र 9 वर्ष की आयु में परमात्म ज्ञान को समझा और उसे अपने जीवन का लक्ष्य बनाकर भगवान की बगिया को गुलजार किया और स्वयं में दिव्यता धारण कर संस्था की 46 हजार ब्रह्माकुमारी बहनों के जीवन को दिव्य बनाने के निमित्त बनीं। दादी त्याग, तपस्या, सादगी, अंतर्मुखी और दिव्यता की प्रतिमूर्ति थी इसीलिए ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा दादी जी का पुण्य स्मृति दिवस दिव्यता दिवस के रूप में मनाया जाता है जो स्वयं को दिव्य बनाने और पूरे जग को गुलजार करने की प्रेरणा देता है।
इस अवसर पर सभी ब्रह्माकुमारी बहनों एवं सभी बीके सदस्यों द्वारा आदरणीय दादी जी के समक्ष दीप जगा कर एवं श्रद्धा सुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई तत्पश्चात सभी भाई बहनों ने दादी जी के समान त्याग, सर्व के जीवन को खुशियों से भरने और अपने जीवन को दिव्य बनाने का संकल्प लिया।