बिलासपुर,छत्तीसगढ़: शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय द्वारा आयोजित आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुभारंभ सत्र में ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया।
इस अवसर पर आयुर्वेद महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ रक्षपाल गुप्ता, जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉ यशपाल ध्रुव, प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रभारी डॉक्टर डी एस ध्रुव के साथ सरगुजा व बिलासपुर संभाग के सभी जिलों के आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी उपस्थित रहे।
ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी ने कहा कि चिकित्सक अपनी चिकित्सा में दवा के साथ दया और दुआ का भी प्रयोग करें।
अपने निजी अनुभव साझा करते हुए दीदी ने कहा कि ज्यादातर रोगों का कारण मानसिक होता है अतः उपचार की प्रक्रिया में क्रमशः सकारात्मक विचार, ध्यान, प्राणायाम, आसन, घरेलु चिकित्सा, प्राकृतिक चिकित्सा को वरियता दें क्योंकि यह सभी चिकित्सा पद्धति निःशुल्क व हानिरहित हैं तत्पश्चात यदि जरूरत हो तब ही होम्योपैथी, आयुर्वेदिक या एलोपैथी दवा की ओर जाएं। क्योंकि आयुर्वेद हमारी प्राचीन चिकित्सा पद्धति है। इसके खराब असर नहीं होते।
इससे पूर्व कार्यक्रम की शुरुआत धन्वंतरि देवता की पूजा से हुई। तत्पश्चात मुख्य अतिथि ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी जी एवं अन्य अतिथियों का गुलदस्ते से स्वागत किया गया। कार्यक्रम के अंत में दीदी ने सभी को म्यूजिकल एक्सरसाइज एवं एक्यूप्रेशर क्लैपिंग का अभ्यास कराया।
चिकित्सा महाविद्यालय की ओर से प्राचार्य डॉक्टर रक्षपाल गुप्ता ने दीदी को शॉल, श्रीफल व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।